श्रीमद्भगवद्गीता
गीता-सार

गीता-सार

१. सांसारिक मोहके कारण ही मनुष्य ‘मैं क्या करूँ और क्या नहीं करूँ’—इस दुविधामें फँसकर कर्तव्यच्युत हो जाता है। अत: मोह …

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जैसी करनी वैसी भरनी

जैसी करनी वैसी भरनी

कर्म की गठरी लाद के जग में फिरे इंसान। जैसा करे वैसा भरे विधि का यही विधान॥     प्रत्येक व्यक्ति संसार में किसी न किसी …

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भगवान श्रीकृष्ण द्वारा भगवद्गीता प्रकट करने के लिए अर्जुन का चयन क्यों ?

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा भगवद्गीता प्रकट करने के लिए अर्जुन का चयन क्यों ?

एक बार एक नन्हा बालक अपने निर्धन पिता के साथ मेला देखने के लिए गया था। वह अपने पिता की उंगली पकड़े हुए था । जैसे-जैसे…

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कृष्ण मनुष्यता के भविष्य है ?

sooraj krishna shastri    कृष्ण का व्यक्तित्व बहुत अनूठा है। अनूठेपन की पहली बात यह है कि कृष्ण हुए तो अतीत…

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