जब वरुण ने अपने पुत्र की कठोर परीक्षा ली
वरुण और भृगु संवाद यह कथा है तैत्तरीयोपनिषद् की। एक बार वरुण के पुत्र भृगु के मन में परमात्मा को जानने की अभिलाषा जाग…
वरुण और भृगु संवाद यह कथा है तैत्तरीयोपनिषद् की। एक बार वरुण के पुत्र भृगु के मन में परमात्मा को जानने की अभिलाषा जाग…
पौराणिक काल में एक विद्वान ऋषि कक्षीवान हुए जो हर प्रकार के शास्त्र और वेद में निपुर्ण थे। एक बार वे ऋषि प्रियमेध से …
गृत्समद ने "त्वम्"" से आरम्भ ऋचा से अग्नि की स्तुति की है। तत्पश्चात् "यज्ञेन " और "सम…
ऋग्वेद के एक सूक्त में यह उल्लेख मिलता है कि किस प्रकार पुत्रिका की जाने वाली को अपना पुत्री बनाया जाता है अथवा उसे इ…
वृहदेवता में अगस्त्य एवं लोपामुद्रा के दाम्पत्य जीवन की कथा मिलती है- किसी समय लोपामुद्रा के द्वारा ऋतु स्नान के पश्चात…
एक बार इक्ष्वाकुवंशीय राजा विवृष्ण के पुत्र राजा तयरूण अपने रथ पर सवार होकर जा रहे थे। उस समय जन के पुत्र वृषजान पुर…
प्राचीन काल में रथवीति दार्म्य नामक एक प्रसिद्ध राजर्षि हुए। ऐसा सुना जाता है। कि एक बार वह यज्ञ की इच्छा से अत्रि के …
उचथ्य और वृहस्पति नाम के दो सहोदर ऋषि पुत्र थे । उचथ्य की पत्नी का नाम ममता था, जो भृगुवंशी थी। उचथ्य और वृहस्पति द…
ऐसी कथा प्रचलित है कि प्राचीन काल में प्रजा की कामना से प्रजापति ने साध्यों और विश्वेदेवों के साथ तीन वर्ष तक लगातार य…
प्रजापति के पुत्र के रूप में मरीचि उत्पन्न हुए तथा मरीचि के पुत्र कश्यप हुए। आगे चलकर दक्ष की पुत्रियाँ कश्यप की तेरह…
कहते है कि जिस समय कक्षीवत अपने गुरू से विद्या प्राप्त करके घर लौट रहे थे, मार्ग में थककर वन मे ही सो गये। उस समय भाव…
प्राचीन काल में अग्नि की एक पुत्री हुई, जिसका नाम अपाला पडा। अपाला चर्म रोग से पीड़ित थी । इन्द्र अपाला को अग्नि के नि…
प्राचीन काल में काक्षीवत् की पुत्री घोषा एक पाप से अपग होने के पश्चात साठ वर्षों तक अपने पिता के गृह में रही। घोषा को …
प्रजापति की एक आसुरी पुत्री थी जिसका विकुण्ठा था। उसने इन्द्र के समान पुत्र की महान इच्छा से तपस्या की। इस प्रकार उसने…
प्राचीन काल मे वारशिखो के साथ अभ्यावर्तिन् चायमान प्रस्तोक का युद्ध हो रहा था। उस युद्ध में वारशिखों द्वारा अभ्यावर्त…
'अद्यः' वाली ऋचा में एक इतिहास वर्णित है किसी कन्या ने इन्द्र को स्त्री लिंङग से युक्त कहकर संबोधित किया है, क…
अत्ता आयसम्बन्ध तथा पुरूष की अपरूपता - उद्दालक और वैश्वावसव्य संवाद वैदिक साहित्य में शरीर को अनेक रूपकों द्वारा समझा…
धीर शातपर्णेय और महाशाल जाबालि संवाद एक ही अग्नि है । वह बहुधा समिद्ध है । वह प्रकृति के अणु-अणु में प्रत्येक प्राणी …
सरमा पणि संवाद पणियों नें "बृहस्पति की गाय चुरा लीं। "पणियों ने।" देवता स्तब्ध हो गये । "हमारे पौ…
यह रोचक कहानी है। यह वैदिक कालीन सभ्यता पर प्रकाश डालती है। पति के साथ पत्नी युद्ध में जाती थी स्त्रियाँ भी पुरूषों …