![सिर्फ 'राम नाम' जप से ही हनुमान जी अमोघ रामबाण से बच गए](https://4.bp.blogspot.com/-O3EpVMWcoKw/WxY6-6I4--I/AAAAAAAAB2s/KzC0FqUQtkMdw7VzT6oOR_8vbZO6EJc-ACK4BGAYYCw/w680/nth.png)
सिर्फ 'राम नाम' जप से ही हनुमान जी अमोघ रामबाण से बच गए
षोडश उपचार आदि में क्यों न हो, बड़े से बड़े पूजार्चना से भी अधिक शक्तिशाली होती है सिर्फ श्रद्धा, भक्ति, विश्वास के सा…
षोडश उपचार आदि में क्यों न हो, बड़े से बड़े पूजार्चना से भी अधिक शक्तिशाली होती है सिर्फ श्रद्धा, भक्ति, विश्वास के सा…
manas mantra माता पार्वती भगवान शंकर से पूछती हैं,,,,, प्रभु जे मुनि परमारथबादी। कहहिं राम कहुँ ब्रह्म अनादी॥ सेस …
sunderkand path ke laabh image of hanuman ji (1) सुन्दरकाण्ड का पाठ ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी से जुड़ा कोई भी मंत्र या…
हनुमान जी और श्रीराम जी की अँगूठी श्री रघुनाथ जी ने हनुमान जी से कहा– हनुमान ! तुम निरंतर हमारी सेवा मे रहते हो और नाम…
शिवजी के द्वारा कामदेव का भस्म किया जाना सतीजी ने जो दक्ष के यज्ञ में देह का त्याग किया था, उन्होंने अब हिमाचल के घर ज…
सूर्य भगवान ने सोचा कि केवल मंत्र देना होता, तब तो कोई बात नहीं, पर यह तो पढ़ने के लिए रहेगा। सूर्य भगवान ने सोचा, …
मुझमें इतना सामर्थ्य नहीं कि तेरे यश का मैं गान लिखूं। आदेश समझकर तेरा अब जय जय जय श्री राम लिखूं।। बाला जी महराज का…
श्री अयोध्या जी में 'कनक भवन' एवं 'हनुमानगढ़ी' के बीच में एक आश्रम है जिसे 'बड़ी जगह' अथवा &…
संत शिरोमणि तुलसीदास जी कहते हैं कि जो इस हनुमान चालीसा को जिस तरह मैंने बताया है जो समझकर बूझकर पाठ करता है। होय सिद…
एक बार दृढ़तापूर्वक उत्तम व्रत का पालन करने वाली देवी अनसूया ने अपने निकट बैठी हुई सीता से कोई परम प्रिय कथा सुनाने क…
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।। जिनकी म…
प्रेम सकल हो, भाव अटल हो... मन को मन की आशा हो...। बिन बोले जो व्यथा जान ले वो अपनों की परिभाषा हो...।। यह प्रश्न उठ …
कथा-श्रवण का उद्देश्य मात्र मनोरंजन न होकर जीवन में परिवर्तन प्राप्त करने का होना चाहिए। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों मे…
दशरथ – रघुवंशी राजा इन्द्र के मित्र कौशल के राजा तथा राजधानी एवं निवास अयोध्या। कौशल्या – दशरथ की बड़ी रानी, राम की म…
'महाभारत' माने - “जैसा होता है' और 'रामायण' का अर्थ है - "जैसा होना चाहिए।" एक बा…
जामवंत रामायण के एक ऐसे पात्र हैं जिनके विषय में बहुत विस्तार से नहीं लिखा गया है। हालाँकि रामायण में ही उनके विषय में…
प्राचीन काल में वृषध्वज राजा हुए , उनके पुत्र रथध्वज के दो पुत्र -धर्मध्वज और कुशध्वज थे, दोनों के माँ लक्ष्मी की कठो…
"कोसलेस दसरथ के जाए, हम पितु वचन मानि वन आए। नाम राम लछिमन दोउ भाई, संग नारि सुकुमारि सुहाई।।" सीता मा…