रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
SOORAJ KRISHNA SHASTRI
रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
मंगल मूल लगन दिनु आवा। हिम रितु अगहनु मासु सुहावा॥ ग्रह तिथि नखतु जोगु बर बारू। लगन सोधि बिधि कीन्ह बिचारू॥
दिसंबर 05, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा॥
नवंबर 23, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
भगवान विष्णु के परमभक्त शेषनाग जी के रहस्य
नवंबर 15, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
रिपु रन जीति सुजस सुर गावत। सीता सहित अनुज प्रभु आवत॥ सुनत बचन बिसरे सब दूखा। तृषावंत जिमि पाइ पियूषा॥
नवंबर 02, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
साधक सिद्ध बिमुक्त उदासी। कबि कोबिद कृतग्य संन्यासी॥
सितंबर 10, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
सुभ अरु असुभ करम अनुहारी। ईसु देइ फलु हृदयँ बिचारी॥ करइ जो करम पाव फल सोई। निगम नीति असि कह सबु कोई ॥
सितंबर 01, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
जिमि सरिता सागर महुं जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।। तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएं। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएं।।
अगस्त 26, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
पर द्रोही पर दार रत पर धन पर अपबाद। ते नर पाँवर पापमय देह धरें मनुजाद ।।
अगस्त 24, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
गुरू बिन भवनिधि तरहिं न कोई। जौं बिरंचि संकर सम होई॥
अगस्त 23, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
अब मैं कुसल मिटे भय भारे। देखि राम पद कमल तुम्हारे॥ तुम्ह कृपाल जा पर अनुकूला। ताहि न ब्याप त्रिबिध भव सूला॥
अगस्त 23, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
मोरे तुम प्रभु गुरु पितु माता। जाऊँ कहा तज पद जलजाता।।
अगस्त 23, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
मम माया संभव संसारा। जीव चराचर बिबिधि प्रकारा॥ सब मम प्रिय सब मम उपजाए। सब ते अधिक मनुज मोहि भाए॥
अगस्त 21, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
सो सुखु करमु धरमु जरि जाऊ। जहँ न राम पद पंकज भाऊ॥ जोगु कुजोगु ग्यानु अग्यानू। जहँ नहिं राम प्रेम परधानू॥
अगस्त 18, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
राम अतर्क्य बुद्धि मन बानी। मत हमार अस सुनहि सयानी॥
अगस्त 15, 2024
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रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण
मम माया संभव संसारा। जीव चराचर बिबिधि प्रकारा॥ सब मम प्रिय सब मम उपजाए। सब ते अधिक मनुज मोहि भाए॥
अगस्त 15, 2024
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