UGC NET/JRF: उच्च अधिगम संस्थाओं में शिक्षण की पद्धति,अध्यापक केंद्रित बनाम शिक्षार्थी केंद्रित पद्धति, ऑफलाइन बनाम ऑनलाइन पद्धतियाँ(स्वयं, स्वयंप्रभा
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उच्च अधिगम संस्थाओं में शिक्षण की पद्धति अध्यापक केंद्रित बनाम शिक्षार्थी केंद्रित पद्धति, ऑफ लाइन बनाम ऑन-लाइन पद्धतियां (स्वयं, स्वयंप्रभा, मूक्स इत्यादि)। |
उच्च अधिगम संस्थाओं में शिक्षण की पद्धति: अध्यापक केंद्रित बनाम शिक्षार्थी केंद्रित पद्धति, ऑफलाइन बनाम ऑनलाइन माध्यम
1. भूमिका
वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में जब उच्च शिक्षा वैश्विक प्रतिस्पर्धा, तकनीकी नवाचार और सामाजिक समावेशन का प्रमुख माध्यम बन चुकी है, तब यह अत्यावश्यक हो गया है कि हम शिक्षण की पद्धतियों पर गंभीर पुनर्विचार करें। पारंपरिक अध्यापक-केंद्रित शिक्षण पद्धति से लेकर शिक्षार्थी-केंद्रित और डिजिटल रूपांतरणों तक, शिक्षा की धारा में विविध प्रवृत्तियाँ दृष्टिगोचर होती हैं। यह लेख विशेष रूप से अध्यापक केंद्रित बनाम शिक्षार्थी केंद्रित पद्धतियों और ऑफलाइन बनाम ऑनलाइन शिक्षण विधियों का समग्र विवेचन प्रस्तुत करता है।
2. उच्च शिक्षा का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
भारतीय परंपरा में शिक्षा को केवल ज्ञान संचरण नहीं, बल्कि मुक्ति का साधन माना गया है – "सा विद्या या विमुक्तये"। परंतु आज के संदर्भ में उच्च शिक्षा का अर्थ है:
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ज्ञान का गहन अध्ययन
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जीवनोपयोगी कौशलों का विकास
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आलोचनात्मक चिंतन, नवाचार, अनुसंधान
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नागरिक उत्तरदायित्व और सामाजिक न्याय का प्रशिक्षण
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उपयुक्त शिक्षण पद्धति का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
3. अध्यापक केंद्रित शिक्षण पद्धति (Teacher-Centered Learning)
3.1 परिभाषा
इस पद्धति में शिक्षक को 'ज्ञान का स्रोत' मानकर उसकी व्याख्यानात्मक शैली के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। छात्र प्रायः निष्क्रिय श्रोता होते हैं।
3.2 विशेषताएँ
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शिक्षक विषयवस्तु, गति और मूल्यांकन का नियंत्रण करता है।
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लेक्चर, नोट्स, परीक्षा प्रमुख माध्यम हैं।
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अनुशासन, एकरूपता और दक्षता पर बल।
3.3 लाभ
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व्यापक विषयवस्तु का कुशलतापूर्वक प्रस्तुतिकरण
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सीमित समय में अधिक छात्रों तक पहुँच
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अनुशासन और मानकीकरण सुनिश्चित
3.4 सीमाएँ
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छात्र की सक्रियता और रचनात्मकता में कमी
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आलोचनात्मक एवं सहयोगात्मक अधिगम का अभाव
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सभी प्रकार के शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं की अनदेखी
4. शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षण पद्धति (Learner-Centered Learning)
4.1 परिभाषा
इस पद्धति में छात्र अधिगम प्रक्रिया का केंद्र होता है। शिक्षक एक सहायक, मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभाता है।
4.2 प्रमुख विशेषताएँ
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सक्रिय अधिगम, संवाद और सहयोग पर बल
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लचीले पाठ्यक्रम, प्रोजेक्ट, केस स्टडी, समूह कार्य
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विविध मूल्यांकन पद्धतियाँ – प्रस्तुति, रिपोर्ट, निरंतर मूल्यांकन
4.3 लाभ
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रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन और नेतृत्व का विकास
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व्यक्तिगत अभिरुचि और अधिगम गति के अनुसार अनुकूलन
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नवाचार, अनुसंधान और प्रयोग की प्रवृत्ति
4.4 सीमाएँ
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संसाधन और समय की अधिक आवश्यकता
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शिक्षक प्रशिक्षण और प्रतिबद्धता की अपेक्षा
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मूल्यांकन की जटिलता
5. तुलनात्मक अध्ययन: अध्यापक केंद्रित बनाम शिक्षार्थी केंद्रित
बिंदु | अध्यापक केंद्रित | शिक्षार्थी केंद्रित |
---|---|---|
नियंत्रण | शिक्षक के पास | शिक्षार्थी के पास |
दृष्टिकोण | ज्ञान संचरण | ज्ञान निर्माण |
अधिगम की भूमिका | निष्क्रिय ग्रहणकर्ता | सक्रिय सहभागी |
विधियाँ | व्याख्यान, परीक्षा | समूह कार्य, परियोजना, संवाद |
मूल्यांकन | स्मृति परीक्षण, लिखित परीक्षा | निरंतर, प्रायोगिक, रचनात्मक |
नवाचार की संभावना | सीमित | अत्यधिक |
6. ऑफलाइन शिक्षण पद्धति
6.1 स्वरूप
पारंपरिक कक्षा आधारित पद्धति, जहाँ भौतिक उपस्थिति, शिक्षक-सामना संवाद और संरचित दिनचर्या मुख्य तत्व होते हैं।
6.2 लाभ
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प्रत्यक्ष संवाद और संबंध का निर्माण
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समूहगत गतिविधियों में सहजता
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नैतिक व सामाजिक मूल्यों की स्पष्टता
6.3 सीमाएँ
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स्थान, संसाधन और समय की सीमाएँ
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महामारी जैसी परिस्थितियों में बाधा
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तकनीकी संभावनाओं का अभाव
7. ऑनलाइन शिक्षण पद्धति: MOOCs, SWAYAM, स्वयंप्रभा
7.1 MOOCs (Massive Open Online Courses)
MOOCs एक डिजिटल मंच है जो विशाल संख्या में छात्रों को निशुल्क या नाममात्र शुल्क में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। वैश्विक मंचों में Coursera, edX, FutureLearn प्रमुख हैं।
7.2 SWAYAM
भारत सरकार द्वारा विकसित मंच, जिसका उद्देश्य "Access, Equity and Quality" के सिद्धांत पर आधारित डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है।
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विभिन्न विश्वविद्यालयों के UGC/AICTE अनुमोदित कोर्स
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श्रेयांत प्रणाली के अंतर्गत क्रेडिट ट्रांसफर संभव
7.3 स्वयंप्रभा
24x7 डीटीएच चैनल सेवा जो देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की पहुँच बनाती है।
7.4 प्रमुख लाभ
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कहीं भी, कभी भी अधिगम (Anytime, Anywhere Learning)
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समावेशी शिक्षा – ग्रामीण, आर्थिक रूप से वंचित वर्गों हेतु उपयोगी
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अंतरविषयकता और वैकल्पिक शिक्षण संसाधनों की उपलब्धता
7.5 सीमाएँ
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डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता
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शिक्षक-सामना संवाद की कमी
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प्रेरणा की निरंतरता में कठिनाई
8. कोविड-19 और शिक्षा में तकनीकी परिवर्तन
कोविड-19 काल में शिक्षा प्रणाली ने अभूतपूर्व परिवर्तन देखा:
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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स: Zoom, Google Meet, Microsoft Teams
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लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS): Moodle, Blackboard
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वर्चुअल लैब्स, ई-बुक्स, LMS द्वारा मूल्यांकन प्रणाली
UNESCO (2021) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल शिक्षण की पहुँच 32% से अधिक बढ़ी।
9. संकरण (Blended) शिक्षण पद्धति की ओर
वर्तमान यथार्थ में पूर्णतः एक पद्धति पर आश्रित होना व्यावहारिक नहीं है। Blended Learning एक समन्वयात्मक रूप है:
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ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण का संयोजन
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छात्र की सहभागिता और लचीलापन
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शिक्षक की मार्गदर्शक भूमिका यथावत
NEP 2020 इस मॉडल को प्राथमिकता देती है – जिससे 'Flexibility', 'Multi-disciplinary Learning', और 'Technology Integration' संभव होता है।
10. वैश्विक परिप्रेक्ष्य
फिनलैंड मॉडल
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शिक्षक को नवाचार की स्वतंत्रता
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पाठ्यक्रम में लचीलापन
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छात्र-निर्देशित अधिगम
ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका
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Flipped Classrooms
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Open Courseware
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Personalized Learning via AI
11. भारतीय उच्च शिक्षा में भविष्य की दिशा
11.1 आवश्यक सुधार
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शिक्षक प्रशिक्षण में ICT का समावेश
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मूल्यांकन में नवाचार (Rubrics, Peer Assessment)
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डिजिटल अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण
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स्थानीय भाषाओं में MOOCs की वृद्धि
11.2 नीतिगत पहलें
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NEP 2020 के तहत Academic Bank of Credit, Multiple Entry-Exit सिस्टम
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DIKSHA Portal, e-PG Pathshala, NAD
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Virtual Labs Project और NKN (National Knowledge Network)
12. निष्कर्ष
अध्यापक केंद्रित पद्धति जहां ज्ञान की गहराई और अनुशासन को सुनिश्चित करती है, वहीं शिक्षार्थी केंद्रित पद्धति नवाचार, सहयोग और व्यक्तित्व विकास को पोषित करती है। इसी प्रकार, ऑफलाइन शिक्षण में प्रत्यक्षता और सांस्कृतिक सरोकार हैं, तो ऑनलाइन शिक्षण में लचीलापन, संसाधनों की व्यापकता और समावेशिता।
भविष्य का मार्ग एक समन्वित दृष्टिकोण में है – जिसमें अध्यापक मार्गदर्शक, छात्र जिज्ञासु साधक और तकनीक सहयोगी की भूमिका में हो।
13. संदर्भ (References)
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National Education Policy 2020 – Ministry of Education, Govt. of India
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UNESCO Global Education Monitoring Report 2021
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UGC Guidelines on Blended Learning (2022)
-
“Teaching and Learning in the Digital Age”, OECD Report, 2020
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SWAYAM Official Portal – swayam.gov.in
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स्वयंप्रभा – www.swayamprabha.gov.in
-
MOOCs and Online Education: Impact and Future, AICTE White Paper
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Ramsden, P. (2003). Learning to Teach in Higher Education
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Biggs, J. (1999). Teaching for Quality Learning at University
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Bloom, B.S. (1956). Taxonomy of Educational Objectives
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