IPL 2025: आईपीएल - क्रिकेट या पैसों का खेल? मीडिया अधिकार: अरबों का खेल, आईपीएल फ्रेंचाइज़ी: अरबों की टीमें, खिलाड़ियों की नीलामी: करोड़ों की बोली,
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IPL 2025: आईपीएल - क्रिकेट या पैसों का खेल? |
IPL 2025: आईपीएल - क्रिकेट या पैसों का खेल?
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को सिर्फ एक क्रिकेट टूर्नामेंट मानना सही नहीं होगा, क्योंकि यह एक विशाल व्यावसायिक तंत्र बन चुका है। इसका हर पहलू पैसा कमाने पर केंद्रित है—चाहे वह मीडिया अधिकार हों, स्पॉन्सरशिप, खिलाड़ियों की नीलामी, फ्रेंचाइज़ी मॉडल, या विज्ञापन। आइए इसे और गहराई से समझते हैं।
1. मीडिया अधिकार: अरबों का खेल
आईपीएल के सबसे बड़े राजस्व स्रोतों में से एक है ब्रॉडकास्टिंग राइट्स (प्रसारण अधिकार)। हर कुछ साल में मीडिया कंपनियां इसे खरीदने के लिए अरबों की बोली लगाती हैं।
वर्ष | ब्रॉडकास्टिंग कंपनी | अधिकार राशि (₹ करोड़) | अवधि |
---|---|---|---|
2008-2017 | सोनी (Sony) | 8,200 | 10 साल |
2018-2022 | स्टार इंडिया | 16,347.5 | 5 साल |
2023-2027 | डिज़्नी स्टार + वायकॉम 18 | 48,390 | 5 साल |
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डिज़्नी स्टार ने टीवी अधिकारों के लिए 23,575 करोड़ और वायकॉम18 ने डिजिटल अधिकारों के लिए 20,500 करोड़ का भुगतान किया।
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इस रिकॉर्ड डील ने आईपीएल को दुनिया के सबसे महंगे खेल आयोजनों में शामिल कर दिया।
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विज्ञापनदाता 10-सेकंड के स्लॉट के लिए 14-16 लाख रुपये तक चुकाते हैं!
2. आईपीएल फ्रेंचाइज़ी: अरबों की टीमें
आईपीएल की शुरुआत में टीमों की कीमतें सैकड़ों करोड़ में थीं, लेकिन आज ये हजारों करोड़ में पहुंच चुकी हैं।
टीम | खरीदी गई कीमत (₹ करोड़) | मालिक |
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मुंबई इंडियंस | 487 | रिलायंस इंडस्ट्रीज |
चेन्नई सुपर किंग्स | 400 | इंडिया सीमेंट्स |
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर | 476 | विजय माल्या (पहले) |
लखनऊ सुपर जायंट्स (2022) | 7,090 | RPSG ग्रुप |
गुजरात टाइटंस (2022) | 5,625 | CVC कैपिटल |
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2008 में सबसे महंगी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर थी (476 करोड़), लेकिन अब यह कई हजार करोड़ की है।
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नई टीमें लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस क्रमशः 7,090 करोड़ और 5,625 करोड़ में बिकीं।
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भविष्य में आईपीएल के विस्तार की संभावनाएं हैं, जिससे और टीमें जुड़ सकती हैं।
3. खिलाड़ियों की नीलामी: करोड़ों की बोली
आईपीएल में हर साल खिलाड़ियों की नीलामी होती है, जहां फ्रेंचाइज़ी मालिक खिलाड़ी खरीदते हैं।
वर्ष | सबसे महंगा खिलाड़ी | टीम | कीमत (₹ करोड़) |
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2008 | एम.एस. धोनी | सीएसके | 9.5 |
2015 | युवराज सिंह | दिल्ली | 16 |
2023 | सैम करन | पंजाब | 18.5 |
2024 | मिचेल स्टार्क | कोलकाता | 24.75 |
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मिचेल स्टार्क (2024) कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा 24.75 करोड़ रुपये में खरीदे गए, जो अब तक का सबसे महंगा खिलाड़ी है।
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आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विज्ञापन और एंडोर्समेंट से भी करोड़ों की कमाई होती है।
4. स्पॉन्सरशिप और विज्ञापन: हर चीज बिकाऊ है
आईपीएल में हर चीज पर विज्ञापन होता है—स्टंप्स, जर्सी, ग्राउंड बोर्ड्स, स्क्रीन टाइम, डिजिटल प्लेटफॉर्म, और यहां तक कि टाइमआउट ब्रेक्स तक बिकते हैं!
आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप
वर्ष | टाइटल स्पॉन्सर | सौदे की राशि (₹ करोड़) |
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2008-2012 | DLF | 200 (5 साल) |
2013-2015 | पेप्सी | 396 (3 साल) |
2016-2019 | वीवो | 2,199 (5 साल) |
2020-2021 | ड्रीम 11 | 222 (1 साल) |
2022-2023 | टाटा ग्रुप | 670 (2 साल) |
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वीवो का 5 साल का सौदा था, लेकिन चीन से विवाद के कारण उन्होंने हटकर ड्रीम 11 को टाइटल स्पॉन्सर बना दिया।
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2022-2023 में टाटा ग्रुप ने 670 करोड़ रुपये में टाइटल स्पॉन्सरशिप खरीदी।
5. टिकट बिक्री और मर्चेंडाइजिंग: फैंस से कमाई
आईपीएल टिकटों की कीमतें हजारों में होती हैं, और VIP सीटें लाखों में बिकती हैं।
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एक सामान्य टिकट ₹500 से शुरू होकर ₹50,000 तक जा सकता है।
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प्लेऑफ और फाइनल के टिकट और भी महंगे होते हैं।
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टीम जर्सी, कैप, बैग और अन्य सामान भी भारी कीमत पर बिकते हैं।
6. स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी: काले धंधे की सच्चाई
आईपीएल सिर्फ पैसे कमाने का साधन नहीं है, बल्कि इसमें कई काले धंधे भी जुड़ चुके हैं।
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2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए बैन किया गया था।
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कई खिलाड़ियों और बुकीज़ पर बैन लगाया गया, लेकिन सट्टेबाजी का काला खेल अभी भी जारी है।
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सट्टेबाजों के जरिए करोड़ों रुपये का गैरकानूनी ट्रांजैक्शन होता है।
7. आईपीएल का भविष्य: और पैसा, और ग्लैमर!
आईपीएल की कमाई हर साल बढ़ रही है, और आगे इसमें ये बदलाव हो सकते हैं:
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2025 के बाद आईपीएल में नई टीमें शामिल हो सकती हैं।
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आईपीएल का प्रसारण और डिजिटल स्ट्रीमिंग और महंगी होगी।
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2030 तक आईपीएल का कुल टर्नओवर ₹50,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।
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आईपीएल दुनिया की सबसे महंगी खेल लीग्स में शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष: क्रिकेट बस बहाना है, असली खेल पैसा है!
आईपीएल भले ही क्रिकेट टूर्नामेंट हो, लेकिन इसकी असली पहचान एक "बिजनेस इवेंट" के रूप में बन चुकी है।
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टीमों की कीमतें हजारों करोड़ में हैं।
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खिलाड़ियों की नीलामी करोड़ों में होती है।
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ब्रॉडकास्टिंग और विज्ञापन से अरबों की कमाई होती है।
आईपीएल अब सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि "एंटरटेनमेंट और बिजनेस का बड़ा इवेंट" बन चुका है, जहां असली खेल पैसे का होता है!
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