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UGC NET/JRF PAPER I इकाई - 3 गद्यांश बोध |
UGC NET/JRF PAPER I इकाई - 3 गद्यांश बोध
बोध :
एक गद्यांश दिया जाएगा, उस गद्यांश से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना होगा। इस आधार पर कुछ गद्यांश प्रश्न और उत्तर के साथ दिए जा रहे हैं।
गद्यांश 1
आज का युग तकनीकी और सूचना क्रांति का युग है। विज्ञान और तकनीक के इस दौर ने मानव जीवन को अनेक सुविधाएँ प्रदान की हैं, लेकिन इसके साथ ही कई नई चुनौतियाँ भी उत्पन्न हुई हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया ने सूचना के प्रवाह को तीव्र बना दिया है, परंतु इससे सत्य और असत्य के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध जानकारी को बिना जाँच-परख के सत्य मान लेना आज की एक गंभीर समस्या बन गई है।
इसके अलावा, तकनीक ने व्यक्ति को भौतिक रूप से जोड़ने में सहायता की है, परंतु भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर दूरियाँ भी बढ़ी हैं। लोग आभासी दुनिया में अधिक समय बिताने लगे हैं, जिससे वास्तविक संवाद और परस्पर संबंध प्रभावित हो रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और स्वचालन (Automation) ने जीवन को सुगम बनाया है, लेकिन इससे रोजगार के अवसरों में भी परिवर्तन देखने को मिला है।
इस परिप्रेक्ष्य में यह आवश्यक हो जाता है कि हम तकनीक का विवेकपूर्ण उपयोग करें और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दें। आलोचनात्मक सोच और तार्किक दृष्टिकोण विकसित करना समय की आवश्यकता है, ताकि हम सही और गलत की पहचान कर सकें तथा समाज में तकनीकी प्रगति का सकारात्मक उपयोग कर सकें।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
उत्तर: (B) तकनीकी और सूचना क्रांति
उत्तर: (B) सत्य और असत्य के बीच की रेखा धुंधली होना
उत्तर: (C) सामाजिक और भावनात्मक दूरियाँ बढ़ना
उत्तर: (A) रोजगार के अवसरों में परिवर्तन आया है
उत्तर: (B) आलोचनात्मक सोच और तार्किक दृष्टिकोण
गद्यांश 2
लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति भी है। इसका मूल आधार जनता की Thursday, स्वतंत्रता, समानता और न्याय पर टिका होता है। लेकिन क्या लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ केवल मतदान तक सीमित है? प्रायः देखने में आता है कि लोग चुनाव के समय तो सक्रिय रहते हैं, किंतु शेष समय में शासन और नीतियों पर ध्यान नहीं देते।
आज के दौर में, सूचनाओं की अधिकता के बावजूद लोग सही और गलत के बीच भेद करने में असमर्थ होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली भ्रामक खबरें, बिना पुष्टि के साझा की गई जानकारियाँ और अतिवादी विचार लोकतंत्र के लिए नई चुनौतियाँ बन गए हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए केवल मताधिकार का प्रयोग पर्याप्त नहीं है, बल्कि नागरिकों को जागरूक, विवेकशील और तथ्यपरक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
यदि नागरिक शासन व्यवस्था पर सतत् निगरानी रखें, सरकार से जवाबदेही की मांग करें और नीतियों का तार्किक मूल्यांकन करें, तो लोकतंत्र सशक्त हो सकता है। लोकतंत्र की सफलता केवल सरकार पर निर्भर नहीं करती, बल्कि नागरिकों की भागीदारी पर भी निर्भर करती है। अतः लोकतांत्रिक प्रणाली को प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
उत्तर: (B) जनता की सक्रिय सहभागिता
उत्तर: (B) भ्रामक खबरें और अतिवादी विचार
उत्तर: (D) सरकार और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर
उत्तर: (B) शासन व्यवस्था पर सतत् निगरानी रखना
उत्तर: (A) सरकार से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए
यह गद्यांश तार्किक दृष्टिकोण पर आधारित है और लोकतंत्र की अवधारणा को समझने में सहायक हो सकता है। यदि आपको किसी और विषय पर गद्यांश चाहिए, तो बताइए!
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