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जन-मीडिया(Mass Media) एवं समाज |
जन-मीडिया एवं समाज
जन-मीडिया के प्रकार
जन-मीडिया को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है—
1. प्रिंट मीडिया (Print Media)
यह सबसे पुराना माध्यम है जिसमें समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, पुस्तकें, पर्चे, पोस्टर आदि शामिल होते हैं।
- विशेषताएँ: विश्वसनीयता, विस्तृत जानकारी, संग्रहणीयता।
- उदाहरण: दैनिक समाचार-पत्र (जैसे ‘दैनिक जागरण’, ‘द हिंदू’), पत्रिकाएँ (जैसे ‘इंडिया टुडे’, ‘योजना’)।
2. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (Electronic Media)
यह तेज़ी से विकसित हुआ और व्यापक दर्शकों तक पहुँचने में सक्षम है। इसमें रेडियो, टेलीविजन, और सिनेमा शामिल हैं।
- विशेषताएँ: दृश्य एवं श्रव्य प्रभाव, तेज़ी से सूचना प्रसार, मनोरंजन और जागरूकता दोनों में सहायक।
- उदाहरण: दूरदर्शन, रेडियो (आकाशवाणी, एफएम चैनल), फिल्में।
3. डिजिटल मीडिया (Digital Media)
इंटरनेट के आगमन के साथ डिजिटल मीडिया समाज में सबसे प्रभावशाली बन गया है। इसमें सोशल मीडिया, वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, ऑनलाइन समाचार पोर्टल आदि आते हैं।
- विशेषताएँ: त्वरित संचार, पारस्परिक संवाद, वैश्विक पहुँच।
- उदाहरण: फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, न्यूज़ पोर्टल (जैसे ‘BBC Hindi’, ‘NDTV’)।
जन-मीडिया की समाज में भूमिका
1. सूचना का संचार (Dissemination of Information)
जन-मीडिया का सबसे प्रमुख कार्य सूचना प्रदान करना है। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली घटनाओं को लोगों तक पहुँचाता है।
- उदाहरण: कोरोना महामारी के दौरान जन-मीडिया ने लोगों को जागरूक करने में बड़ी भूमिका निभाई।
2. जनमत निर्माण (Public Opinion Formation)
यह विभिन्न मुद्दों पर जनता की सोच को प्रभावित करता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- उदाहरण: चुनाव के समय मीडिया विभिन्न दलों की नीतियों को सामने लाकर जनता को निर्णय लेने में मदद करता है।
3. सामाजिक सुधार एवं जागरूकता (Social Reform & Awareness)
मीडिया समाज में फैली कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव आदि के विरुद्ध जागरूकता फैलाता है।
- उदाहरण: ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को मीडिया ने प्रभावशाली रूप से प्रसारित किया।
4. शिक्षा एवं ज्ञान-वर्धन (Education & Knowledge Enhancement)
जन-मीडिया विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, वृत्तचित्रों और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देता है।
- उदाहरण: राष्ट्रीय शैक्षिक चैनल (SWAYAM, NPTEL) और शैक्षिक रेडियो कार्यक्रम।
5. मनोरंजन (Entertainment)
टीवी, रेडियो, सिनेमा और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म मनोरंजन का प्रमुख स्रोत हैं।
- उदाहरण: भारतीय सिनेमा, वेब सीरीज़, संगीत कार्यक्रम, और रेडियो शो।
जन-मीडिया का समाज पर प्रभाव
1. सकारात्मक प्रभाव (Positive Impact)
2. नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact)
जन-मीडिया की चुनौतियाँ एवं समाधान
1. फेक न्यूज़ और गलत जानकारी
- समाधान: तथ्य-जांच (Fact-checking) और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना।
2. मीडिया का पक्षपात और राजनीतिकरण
- समाधान: निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पत्रकारिता को बढ़ावा देना।
3. डिजिटल मीडिया में साइबर अपराध
- समाधान: सख्त साइबर कानून और डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष
जन-मीडिया समाज का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो सूचना, शिक्षा, जागरूकता और मनोरंजन का प्रमुख स्रोत है। हालाँकि, इसके दुरुपयोग से समाज पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए हमें मीडिया का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और इसे समाज के विकास और सुधार के लिए एक सशक्त माध्यम के रूप में अपनाना चाहिए।
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