संप्रेषण: अर्थ, प्रकार और अभिलक्षण, UGC NET/JRF,PAPER I,UNIT IV,POINT I, bhagwat darshan, sooraj krishna shastri. संप्रेषण का अर्थ, संप्रेषण के प्रकार
संप्रेषण: अर्थ, प्रकार और अभिलक्षण
संप्रेषण का अर्थ
संप्रेषण (Communication) वह प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति (संप्रेषक) अपने विचार, भावनाएँ, सूचनाएँ या संदेश दूसरे व्यक्ति (ग्रहणकर्ता) तक किसी माध्यम से पहुँचाता है। यह प्रक्रिया सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
परिभाषाएँ:
- एफ. एल. ब्रेडली के अनुसार, "संप्रेषण विचारों और भावनाओं का ऐसा आदान-प्रदान है जिससे परस्पर समझदारी बढ़ती है।"
- कीथ डेविस के अनुसार, "संप्रेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को जानकारी भेजता है और उसे प्राप्त करता है।"
संप्रेषण के प्रमुख उद्देश्य
- सूचना का आदान-प्रदान – ज्ञान और सूचनाओं को साझा करना।
- सामाजिक समन्वय – व्यक्तियों और समूहों के बीच सामंजस्य स्थापित करना।
- प्रभावी नेतृत्व – संगठनों में निर्देशों का संचार करना।
- शिक्षण एवं अधिगम – शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रियाओं में विचारों और ज्ञान का हस्तांतरण।
- भावनात्मक अभिव्यक्ति – व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संवेदनाओं को व्यक्त करना।
संप्रेषण के प्रकार
संप्रेषण को विभिन्न आधारों पर विभाजित किया जाता है—
1. प्रकृति के आधार पर संप्रेषण
(क) मौखिक संप्रेषण (Verbal Communication)
- वार्तालाप (Conversation)
- भाषण (Speech)
- साक्षात्कार (Interview)
- टेलीफोन वार्ता
लाभ:
- त्वरित प्रतिक्रिया संभव होती है।
- स्पष्टता बनाए रखना आसान होता है।
- व्यक्तिगत भावनाएँ अधिक प्रभावी रूप से व्यक्त की जा सकती हैं।
सीमाएँ:
- भाषा एवं उच्चारण की भिन्नताओं से गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है।
- कोई ठोस दस्तावेज़ी प्रमाण नहीं रहता।
(ख) लिखित संप्रेषण (Written Communication)
- पत्राचार (Letters)
- ई-मेल (E-mails)
- रिपोर्ट (Reports)
- लेख (Articles)
लाभ:
- स्थायी अभिलेख होता है।
- जटिल संदेशों को प्रभावी ढंग से संप्रेषित किया जा सकता है।
- दूरस्थ संप्रेषण संभव होता है।
सीमाएँ:
- त्वरित प्रतिक्रिया में विलंब होता है।
- भाषा व व्याकरण की त्रुटियाँ संप्रेषण में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
(ग) अमौखिक संप्रेषण (Non-Verbal Communication)
- मुख-हाव-भाव (Facial Expressions)
- संकेत भाषा (Sign Language)
- मुद्राएँ एवं शारीरिक भाषा (Gestures & Body Language)
- दृष्टि संपर्क (Eye Contact)
लाभ:
- त्वरित एवं प्रभावी होता है।
- मौखिक संप्रेषण को पूरक रूप में सशक्त बनाता है।
सीमाएँ:
- कभी-कभी अस्पष्टता उत्पन्न हो सकती है।
- संस्कृति एवं संदर्भ के आधार पर भिन्न अर्थ हो सकते हैं।
2. माध्यम के आधार पर संप्रेषण
(क) प्रत्यक्ष संप्रेषण (Direct Communication)
- जब संप्रेषक और ग्रहणकर्ता आमने-सामने संवाद करते हैं।
- जैसे – कक्षा में शिक्षक का व्याख्यान, आमने-सामने की बैठक।
(ख) अप्रत्यक्ष संप्रेषण (Indirect Communication)
- जब संप्रेषण किसी अन्य माध्यम से होता है।
- जैसे – टेलीफोन, ई-मेल, टेलीविजन, समाचार पत्र।
3. प्रवाह के आधार पर संप्रेषण
(क) एकपक्षीय संप्रेषण (One-Way Communication)
- इसमें केवल एक पक्ष संदेश भेजता है और प्रतिक्रिया नहीं होती।
- उदाहरण – टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्र।
(ख) द्विपक्षीय संप्रेषण (Two-Way Communication)
- इसमें संप्रेषक और ग्रहणकर्ता दोनों संदेश का आदान-प्रदान करते हैं।
- उदाहरण – संवाद, बैठक, चर्चा।
संप्रेषण के अभिलक्षण (विशेषताएँ)
- सूचना का आदान-प्रदान: यह प्रमुख उद्देश्य होता है।
- प्रभावशीलता: संदेश स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक होना चाहिए।
- माध्यम का चयन: उपयुक्त संचार माध्यम चुना जाना चाहिए।
- प्रतिक्रिया (Feedback): प्रतिक्रिया से संदेश की प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है।
- संदर्भ (Context): सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संदर्भ संप्रेषण को प्रभावित करते हैं।
- द्विपक्षीय प्रक्रिया: संप्रेषण में केवल प्रेषण नहीं, बल्कि ग्रहण व प्रतिक्रिया भी आवश्यक है।
- अवरोध (Barriers): शोर, भाषा जटिलता, सांस्कृतिक भिन्नता आदि संप्रेषण को प्रभावित कर सकते हैं।
संप्रेषण में बाधाएँ (Barriers to Communication)
संप्रेषण में कई प्रकार की बाधाएँ आ सकती हैं:
- भाषाई बाधाएँ: भाषा, उच्चारण, व्याकरण की त्रुटियाँ।
- मनोवैज्ञानिक बाधाएँ: चिंता, डर, पूर्वाग्रह आदि।
- तकनीकी बाधाएँ: इंटरनेट की समस्या, खराब नेटवर्क।
- सांस्कृतिक बाधाएँ: विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के कारण भिन्न व्याख्या।
संप्रेषण को प्रभावी बनाने के उपाय
- संदेश को स्पष्ट और सरल रखें।
- प्रतिक्रिया (Feedback) प्राप्त करें।
- सांस्कृतिक एवं भाषाई भिन्नताओं को समझें।
- उपयुक्त माध्यम का चयन करें।
- श्रोताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
- मुद्राएँ, हाव-भाव और शारीरिक भाषा का सही प्रयोग करें।
निष्कर्ष
संप्रेषण एक प्रभावशाली प्रक्रिया है जो समाज, शिक्षा, व्यापार, प्रबंधन एवं व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रभावी संप्रेषण से विचारों का स्पष्ट आदान-प्रदान होता है, जिससे समन्वय, समझ और सौहार्द्र बढ़ता है।
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