सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत: अब सभी निजी अस्पतालों में मिलेगा सीजीएचएस का लाभ, सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश: तकनीकी आधार पर बिल रोकना गलत,
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सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत: अब सभी निजी अस्पतालों में मिलेगा सीजीएचएस का लाभ |
सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत: अब सभी निजी अस्पतालों में मिलेगा सीजीएचएस का लाभ
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 44 लाख वर्तमान और सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब सरकारी कर्मचारियों को इलाज के लिए केवल पैनल में शामिल अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कोर्ट ने साफ किया कि सीजीएचएस (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) के तहत कर्मचारी किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं, चाहे वह सरकार के पैनल में शामिल हो या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश: तकनीकी आधार पर बिल रोकना गलत
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार महज़ तकनीकी कारणों से किसी कर्मचारी के मेडिकल बिल का भुगतान करने से इनकार नहीं कर सकती। यदि कोई सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी किसी ऐसे निजी अस्पताल में इलाज कराता है, जो सीजीएचएस पैनल में शामिल नहीं है, तब भी उसे चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति मिलनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि अच्छी चिकित्सा सुविधा प्राप्त करना प्रत्येक कर्मचारी का अधिकार है, और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वास्तविक रूप से इलाज हुआ है या नहीं। यदि इलाज हुआ है, तो सरकार को संबंधित बिलों का भुगतान करना ही होगा।
क्या है सीजीएचएस?
केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों को मेडिकल सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई एक स्वास्थ्य सेवा योजना है। इसके तहत इलाज का खर्च सरकार वहन करती है, लेकिन अब तक यह केवल पैनल में शामिल अस्पतालों तक ही सीमित था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कर्मचारी और पेंशनर्स किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं और सरकार को उनके मेडिकल खर्च का भुगतान करना होगा।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को क्या फायदा मिलेगा?
- स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भरता बढ़ेगी – अब सरकारी कर्मचारी इलाज के लिए पैनल में शामिल अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेंगे।
- आपातकाल में इलाज की सुविधा – गंभीर परिस्थितियों में नजदीकी किसी भी अच्छे अस्पताल में इलाज करवाना आसान होगा।
- आर्थिक राहत – सरकार को अब निजी अस्पतालों के मेडिकल बिलों का भुगतान करना होगा, जिससे कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
- रिटायर्ड कर्मचारियों को भी लाभ – यह फैसला केवल मौजूदा सरकारी कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है।
सरकार के लिए क्या होगा असर?
इस फैसले से केंद्र सरकार पर वित्तीय भार बढ़ सकता है, क्योंकि अब उसे सभी मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के मेडिकल बिलों का भुगतान करना होगा। हालांकि, यह फैसला सरकारी कर्मचारियों की भलाई और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी जीत है। अब वे बिना किसी झिझक के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं और सरकार को उनके चिकित्सा खर्च का भुगतान करना होगा। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि उनके अधिकारों को भी सुनिश्चित करेगा।
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