भारत में सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र: कृषि क्षेत्र।कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) भारत में सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है।
भारत में सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र: कृषि क्षेत्र
कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) भारत में सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। यह देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है।
कृषि क्षेत्र की स्थिति
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रोजगार में योगदान:
- लगभग 45-50% भारतीय आबादी कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में रोजगार पाती है।
- यह क्षेत्र ग्रामीण भारत के लिए मुख्य आजीविका का साधन है।
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जीडीपी में योगदान:
- कृषि क्षेत्र का भारत की GDP में लगभग 18-20% योगदान है।
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कृषि पर निर्भरता:
- भारत में 60% से अधिक भूमि कृषि योग्य है।
- छोटे और सीमांत किसान इस क्षेत्र की रीढ़ हैं।
कृषि क्षेत्र के अंतर्गत रोजगार
1. प्राथमिक रोजगार (Primary Employment):
- खेती (Crop Cultivation)
- पशुपालन (Animal Husbandry)
- मत्स्य पालन (Fisheries)
- वानिकी (Forestry)
2. द्वितीयक रोजगार (Secondary Employment):
- खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing)
- कृषि उपकरण निर्माण (Agro-Equipment Manufacturing)
- कृषि आधारित उद्योग (Agro-Based Industries)
3. तृतीयक रोजगार (Tertiary Employment):
- कृषि उत्पादों का विपणन (Marketing of Agricultural Products)
- कृषि के लिए वित्त और बीमा (Agricultural Finance and Insurance)
- कृषि निर्यात (Agro-Exports)
कृषि क्षेत्र का महत्व
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ग्रामीण रोजगार का प्रमुख स्रोत:
- ग्रामीण भारत की 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है।
- यह क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जीवंत बनाए रखता है।
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खाद्य सुरक्षा (Food Security):
- कृषि क्षेत्र भारत की बढ़ती आबादी के लिए भोजन उपलब्ध कराता है।
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कृषि आधारित उद्योग:
- चीनी, कपास, जूट, चाय, और मसालों जैसे उत्पादों के लिए कच्चे माल का मुख्य स्रोत।
भारत के अन्य प्रमुख रोजगार क्षेत्र
1. सेवा क्षेत्र (Service Sector):
- IT, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में तेजी से रोजगार बढ़ रहा है।
- GDP में 55-60% का योगदान।
2. विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector):
- भारत का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र।
- "मेक इन इंडिया" पहल के तहत रोजगार के नए अवसर।
3. लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs):
- MSMEs भारत में लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं।
- यह क्षेत्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ
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कम आय और अनिश्चितता:
- किसानों की औसत आय कम है।
- मानसून पर निर्भरता के कारण खेती जोखिम भरी हो सकती है।
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अत्यधिक श्रमिक आधारित:
- आधुनिक तकनीकों का सीमित उपयोग।
- श्रमिकों की उत्पादकता कम है।
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प्रसंस्करण और मार्केटिंग की समस्याएं:
- फसल का कम मूल्य प्राप्त होना।
- भंडारण और वितरण की अपर्याप्त सुविधाएं।
कृषि क्षेत्र को सुधारने के सुझाव
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तकनीकी सुधार:
- किसानों को आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- ड्रिप इरिगेशन, जैविक खेती, और जल संरक्षण तकनीकों का विस्तार।
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कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन:
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देना।
- कृषि उत्पादों के लिए विपणन और निर्यात के अवसर बढ़ाना।
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सरकारी योजनाएँ:
- "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि" जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता।
- "ई-नाम" (e-NAM) प्लेटफॉर्म के जरिए कृषि उत्पादों का ऑनलाइन विपणन।
निष्कर्ष
"कृषि भारत की रीढ़ है, और इसका विकास भारत के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।"
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