सूर्य नमस्कार (Sun Salutation) योग का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण अभ्यास

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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यह रहा सूर्य नमस्कार के 12 आसनों का चित्रण, जिसमें प्रत्येक आसन को कलात्मक और स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। पृष्ठभूमि में उगते सूर्य का दृश्य इसे ऊर्जा और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण बनाता है।

यह रहा सूर्य नमस्कार के 12 आसनों का चित्रण, जिसमें प्रत्येक आसन को कलात्मक और स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। पृष्ठभूमि में उगते सूर्य का दृश्य इसे ऊर्जा और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण बनाता है।



 सूर्य नमस्कार (Sun Salutation) योग का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण अभ्यास है, जिसमें 12 योगासन (पोज़) होते हैं। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक उत्कृष्ट तरीका है। इसे नियमित रूप से करने से शरीर लचीला और स्वस्थ बनता है और मन शांत रहता है।

सूर्य नमस्कार के लाभ

1. शारीरिक स्वास्थ्य:

  • शरीर की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाता है।
  • पाचन तंत्र को सुधारता है।
  • हृदय को मजबूत करता है।
  • वजन घटाने में मदद करता है।
  • इम्यूनिटी बढ़ाता है।

2. मानसिक स्वास्थ्य:

  • तनाव और चिंता को कम करता है।
  • ध्यान और एकाग्रता में सुधार करता है।
  • मन को शांत और स्थिर बनाता है।

3. ऊर्जा संतुलन:

  • शरीर में ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करता है।
  • थकावट को कम करता है।

सूर्य नमस्कार के 12 चरण (अवस्थाएँ)

1. प्रणामासन (Pranamasana) - प्रार्थना मुद्रा:

  • सीधे खड़े हों, दोनों हाथों को छाती के सामने जोड़ें।
  • शरीर को स्थिर रखें और सांस सामान्य रूप से लें।

2. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) - ऊपर की ओर खिंचाव:

  • गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर झुकें।
  • कमर को खींचते हुए छाती को फैलाएं।

3. पादहस्तासन (Padahastasana) - आगे झुकना:

  • सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें।
  • हाथों को पैरों के पास रखें और सिर को घुटनों से स्पर्श करें।
4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana) - घुड़सवार मुद्रा:
  • दाहिने पैर को पीछे की ओर ले जाएं।
  • बायां घुटना झुका हुआ और दोनों हाथ ज़मीन पर टिके रहें।
  • सिर को ऊपर की ओर उठाएं।

5. दंडासन (Dandasana) - प्लैंक पोज़:

  • दोनों पैरों को पीछे ले जाएं और शरीर को सीधा रखें।
  • हाथों और पैरों पर वजन संतुलित करें।

6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara) - आठ अंगों से प्रणाम:

  • घुटने, छाती और ठोड़ी को ज़मीन पर टिकाएं।
  • कूल्हों को ऊपर उठाए रखें।

7. भुजंगासन (Bhujangasana) - कोबरा पोज़:

  • शरीर को ज़मीन से ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
  • हाथों को ज़मीन पर टिकाए रखें।

8. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana) - पर्वत मुद्रा:

  • शरीर को उल्टे "V" आकार में ले जाएं।
  • एड़ी और हाथों को ज़मीन पर स्थिर रखें।

9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana) - घुड़सवार मुद्रा:

  • इस बार बायां पैर पीछे और दायां पैर आगे रखें।
  • सिर को ऊपर उठाएं।

10. पादहस्तासन (Padahastasana) - आगे झुकना:

  • बाएं पैर को आगे लाएं और घुटनों को सीधा करें।
  • हाथों को पैरों के पास रखें।

11. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) - ऊपर की ओर खिंचाव:

  • गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर झुकें।

12. प्रणामासन (Pranamasana) - प्रार्थना मुद्रा:

  • सीधे खड़े होकर हाथों को छाती के सामने जोड़ें और सामान्य सांस लें।

सूर्य नमस्कार का अभ्यास कैसे करें?

1. समय:

  • सुबह के समय खाली पेट सूर्य नमस्कार करना सबसे लाभकारी होता है।
  • यदि सुबह संभव न हो तो इसे शाम को भोजन के 4-5 घंटे बाद करें।

2. श्वसन का ध्यान रखें:

  • हर चरण के साथ सही तरीके से सांस लें और छोड़ें।

3. गति और लय:

  • शुरुआत में धीरे-धीरे करें और जैसे-जैसे अभ्यास बढ़ता जाए, गति को तेज़ कर सकते हैं।

4. दोहराव:

  • शुरुआत में 3-5 बार करें और धीरे-धीरे इसे 12-15 बार तक बढ़ाएं।

सावधानियाँ

  • उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गर्भावस्था, या गंभीर चोट के मामले में डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लें।
  • शुरुआत में किसी प्रशिक्षित योग गुरु के मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करें।

नोट:

सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से न केवल शारीरिक फिटनेस बढ़ती है, बल्कि यह मानसिक शांति और आंतरिक ऊर्जा का भी अनुभव कराता है।



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