व्याख्यात्मक अनुसंधान (Explanatory Research)

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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यह चित्र व्याख्यात्मक अनुसंधान (Explanatory Research) को दर्शाता है। इसमें एक शोधकर्ता को बड़े डिजिटल स्क्रीन पर ग्राफ और चार्ट के माध्यम से डेटा के बीच संबंध और कारणों को समझाते हुए दिखाया गया है। पृष्ठभूमि में व्हाइटबोर्ड पर समीकरण और विस्तृत नोट्स हैं। यह अनुसंधान की व्याख्यात्मक और विश्लेषणात्मक प्रकृति को खूबसूरती से प्रदर्शित करता है।

यह चित्र व्याख्यात्मक अनुसंधान (Explanatory Research) को दर्शाता है। इसमें एक शोधकर्ता को बड़े डिजिटल स्क्रीन पर ग्राफ और चार्ट के माध्यम से डेटा के बीच संबंध और कारणों को समझाते हुए दिखाया गया है। पृष्ठभूमि में व्हाइटबोर्ड पर समीकरण और विस्तृत नोट्स हैं। यह अनुसंधान की व्याख्यात्मक और विश्लेषणात्मक प्रकृति को खूबसूरती से प्रदर्शित करता है।



 व्याख्यात्मक अनुसंधान (Explanatory Research) वह प्रकार का अनुसंधान है जिसका मुख्य उद्देश्य घटनाओं, समस्याओं या परिघटनाओं के कारणों और प्रभावों को स्पष्ट करना होता है। यह अनुसंधान उन कारणों और प्रभावों के संबंधों को समझने पर केंद्रित होता है, जो किसी विशेष घटना या स्थिति को प्रभावित करते हैं। व्याख्यात्मक अनुसंधान का उद्देश्य केवल यह बताना नहीं है कि क्या हो रहा है, बल्कि यह समझाना भी है कि क्यों और कैसे हो रहा है।

व्याख्यात्मक अनुसंधान के प्रमुख लक्षण:

  1. कारण और प्रभाव का निर्धारण: व्याख्यात्मक अनुसंधान में मुख्य रूप से यह अध्ययन किया जाता है कि एक घटना या स्थिति के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और उसके परिणामस्वरूप क्या प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं। इसका उद्देश्य घटनाओं के बीच के कारण और प्रभाव के रिश्ते को समझना है।

  2. घटनाओं का गहराई से अध्ययन: यह अनुसंधान उन घटनाओं या परिघटनाओं का गहन अध्ययन करता है, जिनका अध्ययन किया जा रहा है। इसमें शोधकर्ता विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए गहरे विश्लेषण और जांच का सहारा लेते हैं।

  3. व्याख्या और सिद्धांत: व्याख्यात्मक अनुसंधान में केवल डेटा का संग्रहण और वर्णन नहीं किया जाता, बल्कि उसमें उन डेटा और घटनाओं के बीच के कारणों और उनके परस्पर प्रभावों की व्याख्या भी की जाती है। इसमें शोधकर्ता इस बात की व्याख्या करता है कि क्यों और कैसे कोई घटना घटित हुई है।

  4. सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ: यह अनुसंधान उन सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय कारकों को भी समझने का प्रयास करता है, जो घटनाओं या स्थितियों के विकास में योगदान करते हैं।

व्याख्यात्मक अनुसंधान के प्रकार:

  1. केस स्टडी (Case Study): इस प्रकार में एक विशिष्ट घटना या समस्या का गहरा और विस्तृत अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी में कर्मचारी की उच्च टर्नओवर दर और इसके संभावित कारणों का अध्ययन करना।

  2. लंबी अवधि का अध्ययन (Longitudinal Study): यह अध्ययन किसी घटना या प्रक्रिया के समय के साथ होने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण करता है। इसका उद्देश्य यह समझना है कि समय के साथ कोई कारक कैसे विकसित होता है और उसके परिणाम क्या होते हैं। उदाहरण के लिए, बच्चों में मोटापे के कारणों का अध्ययन और समय के साथ उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव का विश्लेषण।

  3. सांस्कृतिक और सामाजिक विश्लेषण (Cultural and Social Analysis): इसमें किसी सामाजिक या सांस्कृतिक घटना के कारणों और प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। उदाहरण: समाज में बढ़ती असमानता के कारण और उसके दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन।

  4. प्रायोगिक अध्ययन (Experimental Study): इस प्रकार के अध्ययन में प्रयोगों और परीक्षणों का उपयोग किया जाता है ताकि यह समझा जा सके कि एक बदलाव या कारक दूसरे कारक पर क्या प्रभाव डालता है। यह कारण और प्रभाव के रिश्ते को स्पष्ट करने में मदद करता है।

व्याख्यात्मक अनुसंधान के उदाहरण:

  1. शिक्षा अनुसंधान:

    • यदि छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट आ रही है, तो व्याख्यात्मक अनुसंधान इसका कारण समझने का प्रयास करेगा। यह पता लगाने के लिए अध्ययन किया जा सकता है कि क्या यह बदलाव शिक्षक की विधि में, स्कूल के संसाधनों की कमी, या छात्रों के परिवारिक और सामाजिक कारकों के कारण हो रहा है।
  2. स्वास्थ्य अनुसंधान:

    • यदि किसी बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं, तो व्याख्यात्मक अनुसंधान यह जांच सकता है कि इसके कारण क्या हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के फैलने के कारणों का अध्ययन करना, जैसे कि संपर्कों में वृद्धि, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियां, आदि।
  3. सामाजिक अनुसंधान:

    • यह अध्ययन किया जा सकता है कि बढ़ते अपराध दर के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। क्या यह असमानता, बेरोजगारी, या अन्य सामाजिक कारणों से जुड़ा हुआ है?
  4. आर्थिक अनुसंधान:

    • बढ़ती मुद्रास्फीति के कारणों और इसके समाज पर प्रभाव का अध्ययन करना।

व्याख्यात्मक अनुसंधान के लाभ:

  1. कारणों और प्रभावों की स्पष्टता: व्याख्यात्मक अनुसंधान उन घटनाओं और प्रक्रियाओं के कारणों और प्रभावों को स्पष्ट करने में मदद करता है, जो अन्य प्रकार के अनुसंधान में स्पष्ट नहीं होते।

  2. समाज में सुधारात्मक उपायों का विकास: यह अनुसंधान न केवल समस्याओं के कारणों को उजागर करता है, बल्कि उन कारणों के आधार पर सुधारात्मक कदमों की सिफारिश भी कर सकता है।

  3. व्यापक समझ: इससे किसी घटना या समस्या के बारे में गहरी और व्यापक समझ प्राप्त होती है, जिससे नीति निर्माण और निर्णय लेने में मदद मिलती है।

  4. सिद्धांतों का विकास: व्याख्यात्मक अनुसंधान के परिणामों से नए सिद्धांतों या मॉडल का विकास हो सकता है, जो भविष्य में अन्य अनुसंधान कार्यों के लिए आधार बन सकते हैं।

व्याख्यात्मक अनुसंधान की सीमाएं:

  1. सामाजिक और सांस्कृतिक पूर्वाग्रह: कभी-कभी व्याख्यात्मक अनुसंधान में शोधकर्ता के व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और मान्यताएं शामिल हो सकती हैं, जो निष्कर्षों को प्रभावित कर सकती हैं।

  2. साक्षात्कार और डेटा संग्रहण में कठिनाइयाँ: गहरे विश्लेषण और विस्तृत डेटा संग्रहण में समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो कि कुछ मामलों में सीमित हो सकते हैं।

  3. सत्यापन की कमी: व्याख्यात्मक अनुसंधान में तात्कालिक रूप से कारण और प्रभाव के रिश्तों की सत्यता को प्रमाणित करना कठिन हो सकता है, खासकर जब केवल विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण पर निर्भर किया जाता है।

निष्कर्ष:

व्याख्यात्मक अनुसंधान एक महत्वपूर्ण प्रकार का अनुसंधान है जो घटनाओं और समस्याओं के कारणों और प्रभावों की गहरी और विस्तृत समझ प्रदान करता है। यह अन्य अनुसंधान प्रकारों की तुलना में अधिक गहराई से कारण और प्रभाव के रिश्ते को उजागर करने में सहायक होता है, और इसके परिणाम समाज में सुधारात्मक उपायों और नीति निर्धारण के लिए सहायक हो सकते हैं।

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