ऋग्वेद का दशम मंडल: विस्तृत विवरण

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
0

 

ऋग्वेद का दशम मंडल: विस्तृत विवरण

दशम मंडल ऋग्वेद का सबसे अंतिम और गूढ़ मंडल है, जो वैदिक दर्शन, सृष्टि की उत्पत्ति, समाज की संरचना, और आध्यात्मिकता का गहन विवेचन करता है। इसमें जीवन, ब्रह्मांड, और मोक्ष के रहस्यों को प्रकट करने वाले मंत्र शामिल हैं। यह मंडल अपनी दार्शनिक और धार्मिक गहराई के कारण विशेष महत्व रखता है।


दशम मंडल की विशेषताएँ

  1. सूक्तों की संख्या:

    • कुल 191 सूक्त।
  2. देवताओं का वर्णन:

    • इसमें विभिन्न देवताओं की स्तुति की गई है, जैसे अग्नि, इन्द्र, वरुण, सोम, और आदित्य।
    • साथ ही, अद्वैत, ब्रह्म, और सृष्टि के गूढ़ रहस्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  3. ऋषि:

    • यह मंडल विभिन्न ऋषियों द्वारा रचित है।
    • प्रमुख ऋषि: कश्यप, वामदेव, अत्रि, और वसिष्ठ।
  4. छंद:

    • मुख्य छंद: गायत्री, अनुष्टुभ, त्रिष्टुभ, और जगती।
  5. विषय-वस्तु:

    • सृष्टि की उत्पत्ति।
    • समाज की संरचना।
    • ब्रह्म और आत्मा का संबंध।
    • यज्ञ का महत्व।

दशम मंडल के प्रमुख विषय

  1. सृष्टि की उत्पत्ति (नासदीय सूक्त):

    • सृष्टि के आरंभ और ब्रह्मांड की उत्पत्ति का गूढ़ वर्णन।
    • इसे नासदीय सूक्त (10.129) कहा जाता है।
    • यह सूक्त प्रश्न उठाता है कि सृष्टि किस प्रकार उत्पन्न हुई और इसका मूल क्या है।
    • उदाहरण:
      • "नासदासीन्नो सदासीत्तदानीं।"
        (सृष्टि के आरंभ में न असत था, न सत था।)
  2. पुरुष सूक्त:

    • समाज की संरचना का वर्णन।
    • समाज के चार वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र) की उत्पत्ति का उल्लेख।
    • उदाहरण:
      • "सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्।"
        (वह पुरुष सहस्र सिर, नेत्र, और पैरों वाला है।)
  3. यज्ञ का महत्व:

    • यज्ञ को सृष्टि के निर्माण और देवताओं के साथ संबंध का माध्यम बताया गया है।
    • उदाहरण:
      • यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः।
        (देवताओं ने यज्ञ के माध्यम से यज्ञ की रचना की।)
  4. मृत्यु और अमरत्व:

    • मृत्यु के स्वरूप और अमरत्व की इच्छा का वर्णन।
    • आत्मा की अनश्वरता और पुनर्जन्म का उल्लेख।
  5. अद्वैत और ब्रह्मज्ञान:

    • ब्रह्म और आत्मा के अद्वैत का गहन विवेचन।
    • आत्मा और परमात्मा के संबंध को समझने का प्रयास।
  6. सामाजिक और दार्शनिक दृष्टिकोण:

    • समाज के नैतिक और धार्मिक आदर्श।
    • दार्शनिक प्रश्न, जैसे "सत्य क्या है?" और "जीवन का उद्देश्य क्या है?"

दशम मंडल के प्रमुख सूक्त

1. नासदीय सूक्त (10.129):

  • विषय: सृष्टि की उत्पत्ति।
  • भावार्थ:
    • सृष्टि के आरंभ में कुछ भी नहीं था।
    • यह सूक्त प्रश्न करता है कि क्या सृष्टि का निर्माण स्वयं ब्रह्म ने किया, या यह स्वयं उत्पन्न हुई।

2. पुरुष सूक्त (10.90):

  • विषय: समाज की संरचना।
  • भावार्थ:
    • यह सूक्त बताता है कि समाज के चार वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) पुरुष के विभिन्न अंगों से उत्पन्न हुए।

3. अग्नि सूक्त:

  • विषय: यज्ञ में अग्नि की भूमिका।
  • भावार्थ:
    • अग्नि को यज्ञ का माध्यम और पवित्रता का प्रतीक बताया गया है।

4. वरुण सूक्त:

  • विषय: सत्य और नैतिकता।
  • भावार्थ:
    • वरुण को सत्य और न्याय का प्रतीक माना गया है।

5. मृत्यु सूक्त:

  • विषय: मृत्यु और अमरत्व।
  • भावार्थ:
    • मृत्यु को जीवन का एक अपरिहार्य सत्य बताया गया है।

दशम मंडल का महत्व

  1. दार्शनिक दृष्टि:

    • यह मंडल सृष्टि, ब्रह्म, आत्मा, और मृत्यु जैसे गूढ़ विषयों पर प्रकाश डालता है।
    • अद्वैत और ब्रह्मज्ञान का विवेचन।
  2. सामाजिक दृष्टि:

    • समाज की संरचना और सामाजिक संतुलन पर बल।
    • धर्म और नैतिकता की स्थापना।
  3. धार्मिक दृष्टि:

    • यज्ञ के महत्व और देवताओं के साथ संबंध का वर्णन।
    • आत्मा और परमात्मा के संबंध को समझने का प्रयास।
  4. प्राकृतिक संतुलन:

    • प्रकृति और सृष्टि के तत्वों के महत्व का वर्णन।

प्रेरणा:

  1. आध्यात्मिक जागरूकता:

    • दशम मंडल आत्मा और परमात्मा के गूढ़ संबंध को समझने की प्रेरणा देता है।
  2. सामाजिक संरचना:

    • यह मंडल समाज में संतुलन और नैतिकता की शिक्षा प्रदान करता है।
  3. सृष्टि का रहस्य:

    • सृष्टि के आरंभ और ब्रह्मांडीय तत्वों की उत्पत्ति को समझने का प्रयास।
  4. यज्ञ का महत्व:

    • यज्ञ के माध्यम से समाज और व्यक्ति के कल्याण की प्रेरणा।

उपसंहार:

ऋग्वेद का दशम मंडल वैदिक दर्शन, सृष्टि, और समाज की संरचना का एक अद्भुत ग्रंथ है। यह मंडल मानवता को आत्मज्ञान, सामाजिक संतुलन, और धर्म का मार्ग दिखाता है। इसमें ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने और आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का अद्भुत प्रयास किया गया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

thanks for a lovly feedback

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top