साहित्यदर्पण: वाक्यस्वरूप अनुवाद (शब्दशः)
वाक्यस्वरूपमाह —
(वाक्य का स्वरूप बताया गया है)
वाक्यं स्याद्योग्यताकाङ्क्षासत्तियुक्तः पदोच्चयः।
- वाक्य (वाक्य)
- स्यात् (होगा)
- योग्यता (योग्यता)
- आकाङ्क्षा (आकांक्षा)
- आसत्ति (आसक्ति)
- युक्तः (युक्त)
- पदोच्चयः (पदों का समूह)।
अनुवाद: वाक्य वह पदों का समूह है जो योग्यता, आकांक्षा, और आसक्ति से युक्त हो।
योग्यता का विवरण
योग्यता पदार्थानां परस्परसंबन्धे बाधाभावः।
- योग्यता (योग्यता)
- पदार्थानां (पदार्थों की)
- परस्परसंबंधे (आपसी संबंध में)
- बाधाभावः (बाधा का अभाव)।
पदोच्चयस्यैतदभावेऽपि वाक्यत्वे 'वह्निना सिञ्चति' इत्याद्यपि वाक्यं स्यात्।
- पदोच्चयस्य (पदों के समूह में)
- एतदभावेऽपि (इसके अभाव में भी)
- वाक्यत्वे (वाक्य होने पर)
- वह्निना सिञ्चति (अग्नि से सींचता है)
- इत्यादि (जैसे)
- अपि (भी)
- वाक्यं (वाक्य)
- स्यात् (होगा)।
अनुवाद: योग्यता का अर्थ है पदार्थों के बीच परस्पर संबंध में बाधा का अभाव। यदि यह योग्यता न हो, तो "वह्निना सिञ्चति" (अग्नि से सींचना) जैसे कथन भी वाक्य कहलाएंगे।
आकांक्षा का विवरण
आकाङ्क्षा प्रतीतिपर्यवसानविरहः। स च श्रोतुर्जिज्ञासारूपः।
- आकाङ्क्षा (आकांक्षा)
- प्रतीतिपर्यवसानविरहः (सम्पूर्ण समझ के अभाव से)
- स (वह)
- च (भी)
- श्रोतुः (श्रोता का)
- जिज्ञासा (जिज्ञासा)
- रूपः (रूप)।
निराकाङ्क्षस्य वाक्यत्वे 'गौरश्वः पुरुषो इस्ती' इत्यादीनामपि वाक्यत्वं स्यात्।
- निराकाङ्क्षस्य (जिसमें आकांक्षा न हो)
- वाक्यत्वे (वाक्य होने पर)
- गौरश्वः (गाय और घोड़ा)
- पुरुषः (पुरुष)
- इस्ती (स्त्री)
- इत्यादि (जैसे)
- अपि (भी)
- वाक्यत्वं (वाक्य होने का गुण)
- स्यात् (होगा)।
अनुवाद: आकांक्षा का अर्थ है सम्पूर्ण समझ का अभाव, जो श्रोता की जिज्ञासा के रूप में होती है। यदि आकांक्षा न हो, तो "गौरश्वः पुरुषो इस्ती" (गाय, घोड़ा, पुरुष और स्त्री) जैसे कथन भी वाक्य माने जाएंगे।
आसक्ति का विवरण
आसत्तिर्बुद्ध्यविच्छेदः। बुद्धिविच्छेदेऽपि वाक्यत्वे इदानीमुच्चारितस्य देवदत्तशब्दस्य दिनात्नरोच्चारितेन गच्छतीति पदेन संगतिः स्यात्।
- आसत्तिः (आसक्ति)
- बुद्ध्यविच्छेदः (बुद्धि में विच्छेद का अभाव)
- बुद्धिविच्छेदेऽपि (बुद्धि में विच्छेद होने पर भी)
- वाक्यत्वे (वाक्य होने पर)
- इदानीम् (अभी)
- उच्चारितस्य (उच्चारित)
- देवदत्तशब्दस्य (देवदत्त शब्द का)
- दिनात्नरोच्चारितेन (अगले दिन उच्चारित)
- गच्छतीति (जाता है)
- पदेन (पद के साथ)
- संगतिः (संबंध)
- स्यात् (होगा)।
अनुवाद: आसक्ति का अर्थ है बुद्धि में विच्छेद का अभाव। यदि आसक्ति न हो, तो "देवदत्त" शब्द अभी बोले जाने पर, और "गच्छति" (जाता है) शब्द अगले दिन बोले जाने पर भी, उनका संबंध वाक्य में माना जाएगा।
महावाक्य की परिभाषा
वाक्योच्चयो महावाक्यम्। योग्यताकाङ्क्षासत्तियुक्त इत्येव।
- वाक्योच्चयः (वाक्य का समूह)
- महावाक्यम् (महावाक्य)
- योग्यताकाङ्क्षासत्तियुक्त (योग्यता, आकांक्षा, और आसक्ति से युक्त)
- इत्येव (यही)।
अनुवाद: वाक्य का समूह, जो योग्य, आकांक्षायुक्त, और आसक्त हो, महावाक्य कहलाता है।
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