ईशावास्य उपनिषद् मन्त्र 2,मूल पाठ कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतं समाः। एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे।शब्दार्थ,अनुवाद,व्याख्या,विशेष
ईशावास्य उपनिषद् मन्त्र 2
मूल पाठ
कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतं समाः।
एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे।
शब्दार्थ
- कुर्वन्: करते हुए।
- एव: अवश्य।
- इह: इस संसार में।
- कर्माणि: कर्म (कर्तव्य)।
- जिजीविषेत्: जीने की इच्छा करनी चाहिए।
- शतं समाः: सौ वर्षों तक।
- एवं: ऐसा ही।
- त्वयि: तुम्हारे लिए।
- न अन्यथा: इसके सिवाय और कोई मार्ग नहीं।
- एतः: ऐसा।
- अस्ति: है।
- न कर्म लिप्यते: कर्म बंधन नहीं देता।
- नरे: मनुष्य को।
अनुवाद
मनुष्य को इस संसार में कर्म करते हुए सौ वर्षों तक जीने की इच्छा करनी चाहिए। यही उचित जीवन का मार्ग है। ऐसा जीवन जीते हुए, कर्म मनुष्य को बंधन में नहीं डालता।
व्याख्या
यह मन्त्र कर्म के महत्व और जीवन जीने के आदर्श को प्रस्तुत करता है।
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कर्म करते हुए जीने की प्रेरणा:
यह मन्त्र कहता है कि मनुष्य को कर्तव्यों का पालन करते हुए जीवन जीना चाहिए। केवल निष्क्रियता या आलस्य में जीवन बिताना अनुचित है। -
कर्म और मोक्ष का संबंध:
यह उपदेश देता है कि यदि व्यक्ति निष्काम भाव (फल की आसक्ति के बिना) से कर्म करता है, तो वह कर्म उसे बंधन में नहीं डालता। यह भगवद्गीता के निष्काम कर्मयोग के सिद्धांत से मेल खाता है। -
जीवन की पूर्णता:
सौ वर्षों तक जीने की इच्छा केवल दीर्घायु के लिए नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि व्यक्ति को लंबे समय तक अपने कर्तव्यों और धर्म का पालन करते रहना चाहिए।
आध्यात्मिक संदेश
- कर्तव्यपरायणता: यह मन्त्र कर्म की अपरिहार्यता को रेखांकित करता है।
- निष्काम कर्म: यदि कर्म को बिना फल की आसक्ति के किया जाए, तो यह पाप और बंधन का कारण नहीं बनता।
- जीवन का आदर्श: मनुष्य को दीर्घायु की कामना करते हुए, अपने जीवन को अर्थपूर्ण और धर्म के अनुसार जीना चाहिए।
आधुनिक संदर्भ में उपयोग
- आज के समय में यह मन्त्र यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सक्रिय रहना चाहिए और हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
- केवल भौतिक सुख की इच्छा न करते हुए, अपने कार्य को ईमानदारी और निस्वार्थ भाव से करना ही जीवन का सही मार्ग है।
विशेष बात
यह मन्त्र निष्क्रियता और पलायनवाद को अस्वीकार करता है। कर्म का मार्ग ही मोक्ष का मार्ग है, बशर्ते वह त्याग और धर्म के साथ हो।