यह गोवा इनक्विजिशन का ऐतिहासिक चित्रण है। 2. गोवा की जांच प्रक्रिया (Goa Inquisition) गोवा इनक्विजिशन पुर्तगाली शासन के दौरान एक धार्मिक ...
यह गोवा इनक्विजिशन का ऐतिहासिक चित्रण है। |
2. गोवा की जांच प्रक्रिया (Goa Inquisition)
गोवा इनक्विजिशन पुर्तगाली शासन के दौरान एक धार्मिक न्यायिक प्रक्रिया थी, जिसका उद्देश्य गैर-ईसाई धर्मों को दबाकर ईसाई धर्म को मजबूत करना था। यह प्रक्रिया धार्मिक उत्पीड़न और सांस्कृतिक विनाश का एक कुख्यात उदाहरण है। गोवा इनक्विजिशन 16वीं से 19वीं शताब्दी तक जारी रही और इसने गोवा के धार्मिक और सामाजिक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाला।
2.1 गोवा इनक्विजिशन की स्थापना
स्थापना का उद्देश्य
- शुरुआत:1560 में, पुर्तगाली राजा जोआओ III के आदेश पर गोवा इनक्विजिशन की स्थापना की गई। इसका नेतृत्व पुर्तगाली धार्मिक अधिकारियों ने किया।
- प्राथमिक उद्देश्य:
- गैर-ईसाई धर्मों (मुख्य रूप से हिंदू, मुस्लिम और यहूदी धर्म) को समाप्त करना।
- धर्मांतरित ईसाइयों को उनकी पुरानी धार्मिक परंपराओं से पूरी तरह से अलग करना।
- चर्च की सर्वोच्चता को बनाए रखना।
प्रक्रिया और संरचना
- जांच प्रक्रिया:यह एक धार्मिक न्यायालय था, जो धर्म विरोधी गतिविधियों और विधर्म के आरोपों की जांच करता था।
- धार्मिक अधिकारियों की भूमिका:पुर्तगाली चर्च के प्रमुख अधिकारियों ने इसे नियंत्रित किया।
2.2 इनक्विजिशन की कठोर नीतियाँ
गैर-ईसाई धर्मों पर प्रतिबंध
- मंदिरों का विनाश:गोवा में सैकड़ों हिंदू मंदिरों को गिराकर उनकी जगह चर्च बनाए गए।
- धार्मिक पुस्तकों का दहन:हिंदू ग्रंथों, मुस्लिम कुरान, और यहूदी टोरा को नष्ट कर दिया गया।
- पूजा पर प्रतिबंध:हिंदू और मुस्लिम धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों, और सांस्कृतिक परंपराओं पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए।
धर्मांतरण का दबाव
- बलपूर्वक धर्मांतरण:स्थानीय निवासियों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया।
- पुरानी परंपराओं को त्यागने की शर्त:धर्मांतरित ईसाइयों को उनकी पिछली धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को पूरी तरह से छोड़ने के लिए बाध्य किया गया।
दंड और उत्पीड़न
- धार्मिक अपराधों की सजा:
- धर्मांतरित ईसाइयों पर उनकी पुरानी प्रथाओं का पालन करने पर मुकदमे चलाए गए।
- दंड के रूप में संपत्ति जब्त, कारावास, और शारीरिक यातना दी गई।
- सामाजिक उत्पीड़न:
- गैर-ईसाइयों को नौकरी और अन्य सामाजिक अधिकारों से वंचित किया गया।
- उन्हें निचले दर्जे का नागरिक माना गया।
2.3 सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव
स्थानीय परंपराओं का विनाश
- गोवा की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को गंभीर क्षति पहुँची।
- धार्मिक प्रतीकों, जैसे मूर्तियों और मंदिरों, को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया।
जनसंख्या पर प्रभाव
- कई हिंदू और मुस्लिम परिवार अपनी धार्मिक पहचान बचाने के लिए गोवा छोड़कर अन्य क्षेत्रों में पलायन कर गए।
- गोवा में धार्मिक जनसांख्यिकी बदल गई, और ईसाई धर्म प्रमुख धर्म बन गया।
सांस्कृतिक तनाव
- गोवा इनक्विजिशन ने सामाजिक और सांस्कृतिक विभाजन को गहरा किया।
- स्थानीय समुदायों और पुर्तगाली शासन के बीच विश्वास की कमी बनी।
2.4 इनक्विजिशन का अंत
आधुनिक युग में विरोध
- 18वीं शताब्दी में, गोवा इनक्विजिशन के खिलाफ स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध बढ़ा।
- पुर्तगाली साम्राज्य के भीतर और यूरोप में इसे अत्यधिक कठोर और अमानवीय माना गया।
औपचारिक समाप्ति
- 1812 में, पुर्तगाल में उदार सुधारों के तहत गोवा इनक्विजिशन को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया।
- इसके बाद गोवा में धार्मिक स्वतंत्रता धीरे-धीरे बहाल हुई।
2.5 प्रमुख आलोचनाएँ और विरासत
धार्मिक स्वतंत्रता का हनन
- गोवा इनक्विजिशन को धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना गया।
- इसे सांस्कृतिक और धार्मिक उत्पीड़न का प्रतीक कहा जाता है।
आधुनिक संदर्भ में प्रभाव
- गोवा इनक्विजिशन ने गोवा की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना पर स्थायी प्रभाव डाला।
- आज भी इसे धार्मिक आक्रामकता और असहिष्णुता के उदाहरण के रूप में देखा जाता है।
संदर्भ
- Priolkar, A. K. The Goa Inquisition (Bombay University Press, 1961).
- Boxer, C. R. The Portuguese Seaborne Empire, 1415-1825 (Hutchinson, 1969).
- Subrahmanyam, Sanjay. The Career and Legend of Vasco da Gama (Cambridge University Press, 1997).
- Pearson, M. N. The Portuguese in India (Cambridge University Press, 1987).
- Xavier, Francis. Letters and Instructions of St. Francis Xavier (Various Editions).
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