उत्तररामचरितम् से संबंधित सामान्य ज्ञान के 100 प्रश्नोत्तर |
यहां उत्तररामचरितम् से संबंधित सामान्य ज्ञान के 100 प्रश्नोत्तर तैयार किए गए हैं। ये प्रश्न मुख्य रूप से ग्रंथ की कथावस्तु, पात्र, घटनाएँ, और साहित्यिक विशेषताओं पर आधारित हैं।
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उत्तररामचरितम् के रचयिता कौन हैं?
- उत्तर: महाकवि भवभूति।
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उत्तररामचरितम् की कथा का आधार कौन सा पुराण है?
- उत्तर: वाल्मीकि रामायण।
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उत्तररामचरितम् के कुल कितने अंक हैं?
- उत्तर: सात।
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‘छाया’ नामक तृतीय अंक में मुख्य घटनाएँ किससे जुड़ी हैं?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग की करुण स्थिति।
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महाकवि भवभूति ने अपनी कृति में किस रस का प्रमुखता से उपयोग किया है?
- उत्तर: करुण रस।
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‘उत्तररामचरितम्’ की भाषा क्या है?
- उत्तर: संस्कृत।
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‘छाया’ नामक अंक में सीता किन घटनाओं को स्मरण करती हैं?
- उत्तर: पञ्चवटी में राम के साथ बिताए गए सुखद पल।
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‘उत्तररामचरितम्’ का कथानक किस समय की घटनाओं पर आधारित है?
- उत्तर: राम के राज्याभिषेक के पश्चात की घटनाओं पर।
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इस ग्रंथ में ‘गोदावरी’ का उल्लेख क्यों किया गया है?
- उत्तर: सीता और राम के वियोग के स्थल के रूप में।
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उत्तररामचरितम् में ‘जटायु’ का स्मरण किसने किया?
- उत्तर: राम और सीता दोनों ने।
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‘छाया’ अंक में कौन सा पात्र ‘सीता’ को सांत्वना देता है?
- उत्तर: तमसा।
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‘उत्तररामचरितम्’ में किस देवता की विशेष पूजा का वर्णन मिलता है?
- उत्तर: भगवान शिव।
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‘तमसा’ उत्तररामचरितम् में कौन है?
- उत्तर: एक नदी देवी।
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‘उत्तररामचरितम्’ में ‘लोपामुद्रा’ का क्या महत्व है?
- उत्तर: लोपामुद्रा अगस्त्य मुनि की पत्नी हैं, जो तमसा को निर्देश देती हैं।
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‘पञ्चवटी’ का वर्णन इस ग्रंथ में किसके संदर्भ में आता है?
- उत्तर: राम और सीता के वनवास के स्थान के रूप में।
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‘छाया’ अंक का केंद्रीय भाव क्या है?
- उत्तर: वियोग और करुणा।
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‘उत्तररामचरितम्’ में करुणा का चित्रण किस पात्र के माध्यम से अधिक होता है?
- उत्तर: राम और सीता।
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‘उत्तररामचरितम्’ का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
- उत्तर: राम और सीता के जीवन के आदर्शों और वियोग का चित्रण।
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‘जन्मवत्सर’ का क्या अर्थ है, जिसका उल्लेख इस अंक में हुआ है?
- उत्तर: कुश और लव के जन्म की वार्षिकी।
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‘सन्निकर्षो निरुध्यते’ यह वाक्य किसने और क्यों कहा?
- उत्तर: राम ने, सीता के वियोग में।
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‘गोदावरीकाननोद्देशाः’ का उल्लेख क्यों महत्वपूर्ण है?
- उत्तर: यह स्थल सीता और राम के वियोग की घटनाओं का साक्षी है।
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‘तमसा’ को कौन निर्देश देता है कि वह सीता का साथ दे?
- उत्तर: लोपामुद्रा।
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‘वाल्मीकितपोवन’ का वर्णन किस घटना से संबंधित है?
- उत्तर: सीता के वन गमन और कुश-लव के जन्म से।
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उत्तररामचरितम् में ‘करुण रस’ के अलावा कौन सा रस देखने को मिलता है?
- उत्तर: शांत रस।
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‘अवनिरमरसिन्धुः’ का क्या अर्थ है?
- उत्तर: यह पृथ्वी और समुद्र का उल्लेख करता है।
- ‘तमसा’ को सीता से विशेष प्रेम क्यों था?
- उत्तर: तमसा को लोपामुद्रा ने सीता का साथ देने को कहा था।
- ‘जटायुपक्षतिरितः’ का अर्थ क्या है?
- उत्तर: जटायु के घायल पंख।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः’ किसके संदर्भ में है?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग के संदर्भ में।
- ‘रामस्य करुणो रसः’ में ‘करुणो रसः’ का क्या अर्थ है?
- उत्तर: करुण रस।
- ‘वाल्मीकितपोवनोपकण्ठात्परित्यज्य’ का अर्थ क्या है?
- उत्तर: वाल्मीकि के आश्रम के निकट छोड़कर।
- ‘वत्से’ संबोधन का उपयोग किसके लिए किया गया?
- उत्तर: सीता के लिए।
- उत्तररामचरितम् में ‘कुश’ और ‘लव’ किसके संरक्षण में बड़े हुए?
- उत्तर: महर्षि वाल्मीकि।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ इस वाक्य का संदर्भ क्या है?
- उत्तर: कुश और लव का पालन।
- ‘तमसा’ के संवादों में किस भावना का चित्रण अधिक होता है?
- उत्तर: सांत्वना और स्नेह।
- ‘पञ्चवटीप्रवेशो महाननर्थः’ यह किसके संदर्भ में कहा गया?
- उत्तर: राम के वियोग की स्थिति।
- ‘गोदावरी’ का उल्लेख किस प्रमुख घटना में है?
- उत्तर: सीता के वियोग और वनवास की घटनाओं में।
- ‘तमसा’ किस देवता से जुड़ी हुई मानी जाती है?
- उत्तर: अगस्त्य मुनि।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः’ का मुख्य भाव क्या है?
- उत्तर: प्रेम और वियोग का दुःख।
- ‘जन्मवत्सर’ का उल्लेख किस संदर्भ में किया गया है?
- उत्तर: कुश और लव के जन्म की वार्षिकी।
- ‘रामस्य करुणो रसः’ का उपयोग किस भाव को व्यक्त करने के लिए हुआ?
- उत्तर: राम के वियोग के करुणा रस को व्यक्त करने के लिए।
- ‘प्रत्युप्तस्येव दयिते।’ यह वाक्य किसके प्रेम का वर्णन करता है?
- उत्तर: राम का सीता के प्रति प्रेम।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का क्या महत्व है?
- उत्तर: यह सीता के शरण स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है।
- ‘तमसा! समाश्वसिहि।’ यह संवाद किसने कहा और क्यों?
- उत्तर: तमसा ने सीता से कहा। संदर्भ: वियोग की पीड़ा में सांत्वना।
- ‘सन्तापजां सपदि यः परित्यज्य।’ यह वाक्य किसने और किस संदर्भ में कहा?
- उत्तर: राम ने, वियोग में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए।
- ‘रामस्य करुणो रसः।’ यह किस प्रकार के रस का उदाहरण है?
- उत्तर: करुण रस।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का किस घटना में उल्लेख है?
- उत्तर: सीता के निर्वासन और कुश-लव के पालन में।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ यह किन दो नदियों का उल्लेख करता है?
- उत्तर: पृथ्वी (गंगा) और भागीरथी।
- ‘कथं वा गम्यते।’ यह किसने और किससे कहा?
- उत्तर: तमसा ने मुरला से कहा।
- ‘तमसा! गच्छावः।’ इसमें किस यात्रा की बात हो रही है?
- उत्तर: भागीरथी के दर्शन की।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ यह संवाद किस भावना को दर्शाता है?
- उत्तर: राम के वियोग और पीड़ा को।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का किस घटना में महत्व है?
- उत्तर: सीता के निर्वासन और कुश-लव के जन्म का।
- ‘प्रत्युप्तस्येव दयिते।’ यह वाक्य किसके प्रति प्रेम व्यक्त करता है?
- उत्तर: राम का सीता के प्रति प्रेम।
- ‘तमसा’ कौन थी?
- उत्तर: एक नदी देवी।
- ‘गोदावरी’ का किस मुख्य घटना में उल्लेख है?
- उत्तर: सीता और राम के वियोग के संदर्भ में।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः’ का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
- उत्तर: वियोग में प्रेम और करुणा का चित्रण।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ यह वाक्य किनका उल्लेख करता है?
- उत्तर: कुश और लव के पालन का।
- ‘पञ्चवटी’ का उल्लेख किससे जुड़ा है?
- उत्तर: राम और सीता के वनवास के स्थल के रूप में।
- ‘वाल्मीकितपोवनोपकण्ठात्परित्यज्य।’ यह किस घटना का प्रतीक है?
- उत्तर: सीता के वन गमन का।
- ‘कुसुमसमबन्धनं मे दयम्।’ यह वाक्य किसने और किससे कहा?
- उत्तर: तमसा ने मुरला से कहा।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ यह किसकी स्थिति का वर्णन है?
- उत्तर: राम के वियोग की स्थिति का।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ में कौन से प्रमुख पात्र रहते थे?
- उत्तर: महर्षि वाल्मीकि, कुश, लव, और सीता।
- ‘तमसा! समाश्वसिहि।’ यह संवाद किसने और क्यों कहा?
- उत्तर: तमसा ने सीता से कहा। संदर्भ: सीता को सांत्वना देना।
- ‘प्रत्युप्तस्येव दयिते।’ इसमें ‘दयिते’ का संदर्भ किससे है?
- उत्तर: सीता से।
- ‘पृथ्वीभागीरथी’ का किस घटना में उल्लेख है?
- उत्तर: कुश और लव के पालन की कथा में।
- ‘गोदावरीकाननोद्देशाः।’ यह वाक्य किससे जुड़ा है?
- उत्तर: सीता और राम के वियोग के स्थल से।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ यह वाक्य किस भावना का चित्रण करता है?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग का।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का किस रस से संबंध है?
- उत्तर: करुण रस।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ इसमें ‘शोक’ का क्या अर्थ है?
- उत्तर: वियोग का दुःख।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ इसमें किस भावना को व्यक्त किया गया है?
- उत्तर: मातृत्व और प्रेम।
- ‘तमसा’ ने किसके आदेश से सीता का साथ दिया?
- उत्तर: लोपामुद्रा के आदेश से।
- ‘पञ्चवटीप्रवेशो महाननर्थः।’ यह वाक्य किसकी स्थिति को दर्शाता है?
- उत्तर: राम के वियोग और दुःख को।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ में कुश और लव का पालन किसने किया?
- उत्तर: महर्षि वाल्मीकि।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ यह किसके जीवन की घटना पर आधारित है?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग पर।
- ‘कथं वा गम्यते।’ यह संवाद किसने कहा और क्यों?
- उत्तर: तमसा ने मुरला से कहा। संदर्भ: पथ प्रदर्शित करने का।
- ‘वाल्मीकितपोवनोपकण्ठात्परित्यज्य।’ यह संवाद किस घटना को वर्णित करता है?
- उत्तर: सीता का वन में निर्वासन।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ यह वाक्य किनके पालन का वर्णन करता है?
- उत्तर: कुश और लव का।
- ‘सन्तापजां सपदि यः परित्यज्य।’ यह वाक्य किसकी पीड़ा को व्यक्त करता है?
- उत्तर: राम की।
- ‘तमसा! समाश्वसिहि।’ यह किस भावना का चित्रण करता है?
- उत्तर: सांत्वना और सहानुभूति।
- ‘प्रत्युप्तस्येव दयिते।’ यह किसके प्रति प्रेम व्यक्त करता है?
- उत्तर: राम का सीता के प्रति प्रेम।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ यह वाक्य किस भावना को दर्शाता है?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग को।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का किस रस से गहन संबंध है?
- उत्तर: करुण रस।
- ‘गोदावरी’ का प्रमुख उल्लेख किस घटना से है?
- उत्तर: सीता के निर्वासन और राम के वियोग से।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ इसमें ‘स्नेहाधिक’ का मुख्य अर्थ क्या है?
- उत्तर: गहरा प्रेम।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का उल्लेख रामायण के किस अंश में है?
- उत्तर: उत्तरकांड।
- ‘तमसा’ का प्रमुख कार्य क्या है?
- उत्तर: सीता को सांत्वना देना और उनका साथ निभाना।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ यह किसके संवाद का अंश है?
- उत्तर: राम के संवाद का।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ इसमें मातृत्व की कौन सी भावना दर्शाई गई है?
- उत्तर: गंगा और पृथ्वी का कुश-लव को अपनाना।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- उत्तर: कुश और लव का पालन और सीता को शरण देना।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ यह वाक्य किस रस का उदाहरण है?
- उत्तर: करुण रस।
- ‘वाल्मीकितपोवनोपकण्ठात्परित्यज्य।’ इसमें सीता की कौन सी स्थिति का वर्णन है?
- उत्तर: निर्वासन और अकेलेपन का।
- ‘तमसा’ का सबसे प्रिय संवाद कौन सा है?
- उत्तर: ‘समाश्वसिहि’।
- ‘सन्निकर्षो निरुध्यते।’ इसमें किसके बीच की दूरी को व्यक्त किया गया है?
- उत्तर: राम और सीता के बीच की दूरी।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का साहित्यिक महत्व क्या है?
- उत्तर: यह वियोग और करुणा का केंद्र है।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ यह किस घटना का प्रतीक है?
- उत्तर: राम और सीता के वियोग का।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ यह किस प्रकार का प्रतीक है?
- उत्तर: मातृत्व और प्रेम का।
- ‘तमसा! समाश्वसिहि।’ यह वाक्य किसके शोक को कम करने के लिए कहा गया?
- उत्तर: सीता के।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ किस साहित्यिक विधा से संबंधित है?
- उत्तर: नाटक और महाकाव्य।
- ‘स्नेहाधिकायः शोकः।’ इसमें ‘शोक’ का गहरा भाव किसके प्रति व्यक्त किया गया है?
- उत्तर: राम और सीता के प्रति।
- ‘पृथ्वीभागीरथीभ्यामप्युभाभ्याम।’ इसमें किसकी करुणा व्यक्त की गई है?
- उत्तर: गंगा और पृथ्वी की।
- ‘वाल्मीकितपोवन’ का किस रस से संबंध है?
- उत्तर: करुण रस।
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