भागवत कथा के पांचवें दिन गाए जाने वाले गीत

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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 भागवत कथा के पांचवें दिन गाए जाने वाले गीत मुख्यतः राजा भरत की कथा, जड़भरत का उपदेश, भूगोल और ब्रह्मांड का वर्णन, और भक्ति और वैराग्य पर आधारित होते हैं। इस दिन के गीत श्रोताओं को भक्ति, वैराग्य, और आत्मज्ञान का महत्व समझाने के लिए गाए जाते हैं।



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1. राजा भरत की भक्ति और तपस्या पर गीत


(कथा प्रसंग):


राजा भरत ने राज्य का त्याग कर वन में तपस्या और भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया।


गीत:

"भरत ने राज्य छोड़ा, हरि नाम को अपनाया।

भक्ति में डूबे महाराज, जीवन का सत्य पाया।"


दूसरा गीत:

"राजा भरत ने सिखाया,

भक्ति में ही सुख पाया।

हरि का नाम जपो सदा,

यही जीवन का आधार।"




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2. हिरण मोह और जीवन के पाठ पर गीत


(कथा प्रसंग):


भरत महाराज ने तपस्या के दौरान हिरण के प्रति मोह पाल लिया, जिससे उन्हें अगले जन्म में हिरण का शरीर मिला।


गीत:

"मोह ने भरत को बांधा,

हिरण बना फिर जन्म लिया।

भक्ति में जो जीवन जिए,

वही पाता मोक्ष का द्वार।"


दूसरा गीत:

"मोह से बचो, भक्ति करो,

हरि नाम का जप सदा।

भरत ने सिखाया जीवन का सार,

हरि भक्ति है सबके पार।"




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3. जड़भरत का वैराग्य और उपदेश


(कथा प्रसंग):


जड़भरत ने राजा रहूगण को आत्मज्ञान और भक्ति का उपदेश दिया।


गीत:

"जड़भरत ने ज्ञान दिया,

आत्मा का महत्व सिखाया।

हरि भक्ति में डूबो सदा,

जीवन का सत्य बताया।"


दूसरा गीत:

"मोह माया से दूर रहो,

हरि नाम का ध्यान करो।

आत्मा की सच्चाई जानो,

भगवान को सदा पहचानों।"




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4. भूगोल और ब्रह्मांड के वर्णन पर गीत


(कथा प्रसंग):


इस दिन जंबूद्वीप, सप्तद्वीप, और ब्रह्मांड के भूगोल का वर्णन किया जाता है।


गीत:

"जंबूद्वीप का वर्णन सुनो,

सारा ब्रह्मांड भगवान का है।

हर कोने में उनकी माया,

उनकी लीला अपरंपार है।"


दूसरा गीत:

"सातों द्वीप और सातों सागर,

सबकुछ हरि की माया है।

सृष्टि का कण-कण गाता,

हरि की महिमा अनमोल है।"




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5. भक्ति और वैराग्य का महत्व


(कथा प्रसंग):


भरत और जड़भरत की कथा सिखाती है कि मोह और आसक्ति से मुक्त होकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए।


गीत:

"भक्ति में है शक्ति भारी,

जीवन का यही है सहारा।

हरि नाम से मिटे मोह,

भवसागर से पार उतारा।"


दूसरा गीत:

"माया से जो मुक्त हुआ,

हरि भक्ति में रमा हुआ।

वही सच्चा जीवन पाए,

मोक्ष का द्वार खोल जाए।"




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6. सामूहिक कीर्तन गीत


हरे कृष्ण कीर्तन:

"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।

हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे।"


भक्ति का संकीर्तन:

"हरि नाम का जप करो,

माया का बंधन छोड़ दो।

सच्चा सुख है हरि भक्ति में,

मोक्ष का मार्ग यहीं है।"




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7. भक्ति मार्ग को अपनाने का गीत


(कथा का संदेश):


भक्ति और भगवान के स्मरण से ही जीवन का कल्याण संभव है।


गीत:

"जपो हरि का नाम सदा,

जीवन का आधार यही।

हर संकट को हरने वाला,

हरि नाम का सहारा है।"


दूसरा गीत:

"हरि भक्ति है सबसे प्यारी,

हर मोह से ऊपर भारी।

जीवन का सत्य समझो,

भक्ति से भवसागर पार करो।"




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गीतों का महत्व:


1. आत्मज्ञान और भक्ति: जड़भरत और राजा भरत की कथा के माध्यम से भक्ति और वैराग्य का संदेश दिया जाता है।



2. मोह और आसक्ति का त्याग: गीतों के माध्यम से मोह और संसार के बंधनों से मुक्त होने की प्रेरणा मिलती है।



3. भक्तिमय वातावरण: ये गीत श्रोताओं को भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण के मार्ग पर प्रेरित करते हैं।



4. संदेश का सरल संप्रेषण: कथा के गूढ़ अर्थों को सरल और भावनात्मक रूप से प्रस्तुत करने में गीत सहायक होते हैं।




पांचवें दिन के गीत भगवान की भक्ति, मोह के त्याग, और आत्मज्ञान का संदेश देकर श्रोताओं को धर्म और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।


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