भागवत कथा के सातवें दिन गाए जाने वाले गीत

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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 भागवत कथा के सातवें दिन गाए जाने वाले गीत मुख्यतः श्रीकृष्ण की लीला का समापन, यदुवंश का विनाश, परीक्षित मोक्ष, भागवत महिमा, और कलियुग में भक्ति का महत्व पर आधारित होते हैं। इन गीतों का उद्देश्य श्रोताओं को भक्ति के अंतिम सत्य, जीवन के महत्व, और भागवत पुराण की महिमा से जोड़ना है। यहाँ 10-10 पंक्तियों में सातवें दिन के प्रसंगों के अनुसार गीत प्रस्तुत हैं:



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1. श्रीकृष्ण की लीला के समापन पर गीत


"श्रीकृष्ण ने लीला रचाई, धर्म का पाठ पढ़ाया।

गीता के मधुर वचनों से, जीवन का सत्य सिखाया।

द्वारका नगरी सजाई, कंस का अंत कराया।

धर्म स्थापना करने को, मथुरा से यदुकुल चलाया।

महाभारत का युद्ध कराया, धर्म की रक्षा की।

यदुवंश का अंत देखकर, धरा पर लीला समाप्त की।

हरि ने जब धाम को छोड़ा, हर दिल में शून्य छा गया।

फिर भी भक्ति का मार्ग दिखाकर, जीवन को प्रकाश दिया।

श्रीकृष्ण की लीला महान, हर युग में बनती पहचान।

भक्तों ने सच्चे भाव से, गाया उनका गुणगान।" *




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2. यदुवंश के विनाश पर गीत


"यदुवंश का अंत हुआ, ऋषियों का शाप सच हुआ।

कलह और अहंकार के कारण, यदुकुल विनाश को छूआ।

भगवान ने देखा सब, सत्य का न्याय कराया।

धर्म की राह पर चलने का, सच्चा मार्ग दिखाया।

यदुवंश के विनाश ने सिखाया, सत्य से ऊपर कुछ नहीं।

अधर्म का अंत निश्चित है, जब हरि का ध्यान छूटा कहीं।

विनाश के बाद भी हरि ने, भक्ति का दीप जलाया।

सत्य, धर्म, और प्रेम का, संदेश सारा जग पाया।

यदुकुल की कथा सिखाती, अहंकार से बचना है।

धर्म और भक्ति की राह पर, सदा सबको चलना है।" *




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3. परीक्षित मोक्ष पर गीत


"परीक्षित ने जब सुनी कथा, जीवन का सत्य पाया।

भागवत के अमृत से, आत्मा का मोक्ष पाया।

सात दिन तक कथा सुनाई, शुकदेव जी ने भाव जगाए।

हर शब्द में हरि का वास, सत्य के दीप जलाए।

तक्षक नाग भी कुछ न कर पाया, हरि ने मोक्ष दिलाया।

भागवत की महिमा ने, जीवन का सार सिखाया।

भक्तों ने पाया अमृतधारा, हर पाप मिट गया सारा।

कथा के अंत में सबने जाना, हरि नाम सबसे प्यारा।

परीक्षित का यह मोक्ष सिखाता, हरि भक्ति ही जीवन है।

भागवत की राह दिखाती, मोक्ष का सच्चा कारण है।" *




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4. भागवत महिमा पर गीत


"भागवत है जीवन का आधार, भक्ति का सच्चा सार।

हर शब्द में हरि की महिमा, हर पंक्ति में मोक्ष का द्वार।

जो सुने यह कथा पवित्र, उसके पाप मिट जाते हैं।

हरि का नाम जो गाए सच्चा, भवसागर से पार हो जाते हैं।

भागवत की कथा अमृत, जो जीवन को उजियारा दे।

सत्य, धर्म, और भक्ति का, सच्चा रास्ता दिखा दे।

कलियुग में सबसे महान, हरि नाम का गुणगान।

भागवत जो भी पढ़े, उसका हो कल्याण।

हर श्रोता का मन कहे, भागवत सबसे प्यारा है।

यह है जीवन का दीपक, हर हृदय का सहारा है।" *




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5. कलियुग में भक्ति का महत्व


"कलियुग में हरि नाम ही सहारा, हर संकट से पार लगाए।

जीवन के हर दुख को हर ले, जो हरि भक्ति को अपनाए।

सत्य घटा, अधर्म बढ़ा, फिर भी हरि नाम का बल बड़ा।

हरि कथा और हरि स्मरण, मोक्ष का मार्ग सदा खुला।

कीर्तन में है भक्ति का प्रकाश, हरि नाम से कटे पापों का वास।

भक्ति के बिना अधूरा जीवन, हरि भक्ति से मिले समाधान।

कलियुग में हरि नाम जपो, यही सत्य का आधार है।

भागवत की कथा को सुनकर, भवसागर से पार है।

जीवन को धन्य बनाओ, हरि भक्ति अपनाओ।

हरि नाम का जप करो, सच्चा सुख पाओ।" *




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6. सामूहिक कीर्तन (हरे कृष्ण)


"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।

हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे।

हरि नाम की गूंज से, मन पवित्र हो जाए।

भक्ति की यह धारा, हर पाप मिटा जाए।

जीवन का अंधकार मिटाकर, हरि प्रकाश फैलाए।

प्रेम और सत्य का दीप जलाकर, मोक्ष की राह दिखाए।

हरि भक्ति के इस मार्ग पर, सबको साथ लाए।

हर घर में गूंजे हरि नाम, हर जीवन को अपनाए।

हर सांस में बसे हरि नाम, यही जीवन का आधार।

गाओ हरि का गुणगान, हर दुख को हरि उतार।" *




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7. समर्पण और भक्ति का गीत


"हरि नाम में सुख है सारा, जीवन का यही सहारा।

मोह और माया को छोड़ो, हरि भक्ति को अपनाओ।

जीवन में सत्य को पाओ, हरि नाम जपकर तर जाओ।

प्रेम से गाओ हरि का नाम, पाओ जीवन का सच्चा धाम।

सत्य, धर्म, और भक्ति को जानो, हरि भक्ति को पहचानो।

जीवन का हर दुख मिटेगा, हरि नाम से सुख बढ़ेगा।

प्रेम और भक्ति का दीप जलाओ, हरि की राह पर चल जाओ।

जीवन का सार यही है, हरि भक्ति से मुक्ति है।

हरि के चरणों में झुको सदा, मोक्ष का द्वार खुलेगा।

हरि नाम का गाओ गुणगान, जीवन में होगा कल्याण।" *




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गीतों का महत्व:


1. जीवन का अंतिम संदेश: ये गीत श्रोताओं को भक्ति, वैराग्य, और जीवन के अंतिम सत्य से जोड़ते हैं।



2. भक्ति का महत्व: गीतों के माध्यम से हरि नाम और भागवत की महिमा को उजागर किया जाता है।



3. प्रेरणा और शांति: ये गीत श्रोताओं को भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण का महत्व सिखाते हैं।



4. भावनात्मक जुड़ाव: कथा के अंत में ये गीत भक्ति और आभार का भाव जगाते हैं।




सातवें दिन के ये गीत भगवान की महिमा, भागवत का महत्व, और भक्ति के अंतिम सत्य को सरल और मधुर स्वर में श्रोताओं तक पहुँचाते हैं।


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