भागवत कथा के तीसरे दिन गाए जाने वाले गीत मुख्यतः वराह अवतार, पृथ्वी उद्धार, कपिल मुनि के उपदेश, और प्रह्लाद की भक्ति पर आधारित होते हैं। इन गीतों का उद्देश्य श्रोताओं को भगवान की लीलाओं और भक्ति के महत्व का बोध कराना है। यहाँ विस्तार से तीसरे दिन के प्रसंगों के अनुसार गाए जाने वाले गीत प्रस्तुत हैं:
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1. वराह अवतार और पृथ्वी उद्धार के गीत
(कथा प्रसंग):
भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध किया और डूबती हुई पृथ्वी को बचाया।
गीत:
"वराह रूप में आए भगवान,
पृथ्वी को दिया जीवनदान।
हिरण्याक्ष का अंत किया,
धर्म का दीप जलाया।"
दूसरा गीत:
"धरती मां की रक्षा करने,
प्रभु ने रूप लिया वराह।
हरि की लीला अपार है,
भक्तों के संकट का उद्धार है।"
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2. कपिल मुनि के ज्ञान और सांख्य योग के गीत
(कथा प्रसंग):
कपिल मुनि ने माता देवहूति को आत्मज्ञान और भक्ति का उपदेश दिया।
गीत:
"कपिल ने दिया ज्ञान का पाठ,
भक्ति में है जीवन का साथ।
छोड़ो माया, जपो हरि नाम,
मोक्ष का यही है सच्चा धाम।"
दूसरा गीत:
"मां देवहूति को सिखाया,
जीवन का सच्चा सहारा।
हरि नाम में सुख अपार है,
यही मोक्ष का द्वार है।"
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3. प्रह्लाद की भक्ति पर गीत
(कथा प्रसंग):
हिरण्यकशिपु के अत्याचारों के बावजूद प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त बने।
गीत:
"प्रह्लाद ने भक्ति दिखाई,
हर संकट को उसने अपनाई।
हरि नाम के प्रेम में डूबा,
भक्त का भगवान ने सहारा लिया।"
दूसरा गीत:
"हिरण्यकशिपु के घर में पैदा,
पर हरि नाम से प्रेम बढ़ाया।
प्रह्लाद की सच्ची भक्ति,
हरि ने संकट हर लिया।"
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4. हिरण्यकशिपु के अधर्म और प्रह्लाद की रक्षा के गीत
(कथा प्रसंग):
हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसकी रक्षा की।
गीत:
"अग्नि में जलाया, पहाड़ से गिराया,
पर हरि ने उसे बचाया।
भक्त की रक्षा करने को,
हरि ने चमत्कार दिखाया।"
दूसरा गीत:
"भगवान हर संकट हरते हैं,
भक्तों का सदा उद्धार करते हैं।
प्रह्लाद का विश्वास अडिग था,
हरि ने हर संकट टाल दिया।"
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5. नृसिंह अवतार के गीत
(कथा प्रसंग):
भगवान ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया और धर्म की स्थापना की।
गीत:
"नृसिंह रूप में आए भगवान,
खंभे से प्रकट हुए भगवान।
भक्त का विश्वास निभाया,
हिरण्यकशिपु का अंत कराया।"
दूसरा गीत:
"धर्म की रक्षा करने को,
हरि ने ली नृसिंह की मूरत।
भक्त की भक्ति को निभाने को,
दुष्ट का अंत किया तुरंत।"
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6. भक्ति और विश्वास का गीत
(कथा का मुख्य संदेश):
भक्ति और विश्वास भगवान के प्रति अडिग होना चाहिए, जो हर संकट से बचाते हैं।
गीत:
"भक्ति में है शक्ति भारी,
भक्त को देती सहारा।
भगवान हमेशा पास रहते,
संकट मिटाए सारा।"
दूसरा गीत:
"हरि नाम का जप करो,
मोह माया को छोड़ दो।
भक्ति में है जीवन का सार,
हरि के चरणों में सुख अपार।"
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7. कीर्तन गीत (संयुक्त गान)
हरे कृष्ण कीर्तन:
"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे।"
भक्तिमय कीर्तन:
"हरि बोल, हरि बोल, हरि बोल।
प्रेम से बोलो, हरि नाम बोल।"
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गीतों का महत्व:
1. भावनात्मक जुड़ाव: गीत कथा के साथ श्रोताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं।
2. भक्ति का संदेश: भक्ति, विश्वास, और धर्म का महत्व इन गीतों के माध्यम से समझाया जाता है।
3. कथा का सार: हर गीत कथा का सार प्रस्तुत करता है, जिससे श्रोता कथा को गहराई से समझ पाते हैं।
तीसरे दिन के गीत भगवान की लीला, भक्ति, और धर्म के महत्व को उजागर करते हैं और श्रोताओं को भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
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