भागवत सप्ताह के चौथे दिन गाए जाने वाले गीत मुख्यतः राजा वेन, राजा पृथु, प्राचीनबर्हि और नारद संवाद, और पृथ्वी को माता रूप में सम्मान देने पर आधारित होते हैं। इन गीतों का उद्देश्य श्रोताओं को धर्म, भक्ति, और प्रजा के कल्याण के आदर्श सिद्धांतों से जोड़ना होता है।
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1. राजा वेन के अधर्म और राजा पृथु के धर्म पर गीत
(कथा प्रसंग):
राजा वेन का अधर्मी और अहंकारी होना तथा ऋषियों द्वारा उसका नाश और राजा पृथु का प्राकट्य।
गीत:
"वेन अधर्मी राजा था, धर्म को उसने भुलाया।
ऋषियों ने किया अंत उसका, पृथु ने धर्म को बचाया।"
दूसरा गीत:
"अधर्म के पथ को छोड़ा,
धर्म का दीप जलाया।
राजा पृथु ने फिर से,
संसार को सच्चाई सिखाया।"
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2. राजा पृथु की प्रजा पालन और धर्म रक्षा पर गीत
(कथा प्रसंग):
पृथु महाराज ने प्रजा के लिए धरती से अन्न उत्पन्न कराया और धर्म की पुनः स्थापना की।
गीत:
"पृथु ने धर्म का दीप जलाया,
प्रजा को सच्चा सुख दिलाया।
धरती से उपजाई फसलें,
जीवन का आधार बढ़ाया।"
दूसरा गीत:
"पृथु ने किया प्रजा का पालन,
धर्म और भक्ति का दिया प्रमाण।
सुखी बनाई सारी जनता,
हर मन में भरा भगवान।"
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3. पृथ्वी को माता मानने का गीत
(कथा प्रसंग):
राजा पृथु ने धरती को गाय के रूप में दुहा और प्रजा के कल्याण के लिए अन्न उत्पन्न किया।
गीत:
"धरती माता का किया सम्मान,
पृथु ने सिखाया सच्चा ज्ञान।
अन्न और जल सबको दिया,
धर्म का सच्चा रूप दिया।"
दूसरा गीत:
"धरती मां का सम्मान करो,
इसे माता का मान करो।
जीवन की हर खुशी है इसमें,
इसका आदर सदा करो।"
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4. प्राचीनबर्हि और नारद संवाद पर गीत
(कथा प्रसंग):
राजा प्राचीनबर्हि को नारद मुनि ने आत्मज्ञान और वैराग्य का उपदेश दिया।
गीत:
"नारद ने दिया संदेश,
भक्ति ही जीवन का वेश।
संसार की माया को छोड़,
हरि का नाम सदा है श्रेष्ठ।"
दूसरा गीत:
"नारद ने ज्ञान सिखाया,
मोह का बंधन मिटाया।
हरि भक्ति में जीवन है,
सत्य का दीप जलाया।"
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5. भगवान विष्णु का पृथु को आशीर्वाद
(कथा प्रसंग):
भगवान विष्णु ने पृथु महाराज को आशीर्वाद दिया और धर्म पालन का मार्ग दिखाया।
गीत:
"पृथु को विष्णु ने आशीष दिया,
धर्म का दीप जलाया।
प्रजा को सुख का मार्ग दिखाया,
जीवन का सत्य समझाया।"
दूसरा गीत:
"विष्णु ने कहा पृथु से,
धर्म के पथ पर चल।
प्रजा का पालन कर सदा,
यह है तेरा धर्म अमल।"
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6. भक्ति और धर्म का महत्व
(कथा का संदेश):
चौथे दिन की कथा यह सिखाती है कि धर्म का पालन और भगवान की भक्ति ही जीवन का उद्देश्य है।
गीत:
"भक्ति में है शक्ति अपार,
जीवन का यही आधार।
धर्म का पालन सदा करो,
हरि नाम से भवसागर तरो।"
दूसरा गीत:
"धर्म का दीप जलाएंगे,
भक्ति के पथ पर जाएंगे।
भगवान का नाम लेंगे सदा,
सत्य के मार्ग पर चलेंगे सदा।"
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7. सामूहिक कीर्तन गीत
हरे कृष्ण कीर्तन:
"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे।"
हरि नाम का संकीर्तन:
"हरि बोल, हरि बोल, हरि बोल।
प्रेम से बोलो, हरि नाम बोल।"
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गीतों का महत्व:
1. भक्तिमय वातावरण: ये गीत भक्तों को कथा के विषय से जोड़ते हैं।
2. धर्म और भक्ति का संदेश: गीतों के माध्यम से श्रोताओं को धर्म और भक्ति का महत्व समझाया जाता है।
3. आध्यात्मिक जागरूकता: पृथ्वी का सम्मान, प्रजा का कल्याण, और भगवान के प्रति समर्पण को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया जाता है।
चौथे दिन के गीत श्रोताओं को भक्ति, धर्म, और प्रजा कल्याण के महत्व का संदेश देते हैं। ये गीत कथा को रोचक और प्रेरणादायक बनाते हैं।
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