आने वाले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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आने वाले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा
आने वाले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा


 आने वाले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है। यह अनुमान जनसंख्या वृद्धि, शिक्षा का प्रसार, सरकारी नौकरियों की स्थिरता और निजी क्षेत्र की अस्थिरता जैसे कई कारकों पर आधारित है। नीचे इसका विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत है।


वर्तमान स्थिति का अवलोकन

1. केंद्रीय सरकारी नौकरियाँ:

2023-24 में आवेदन:

  • केंद्रीय सरकारी नौकरियों के लिए लगभग 2.57 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए।

चयनित पद:

  • इनमें से केवल 1.41 लाख अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया।

औसतन प्रतिस्पर्धा:

  • हर एक पद के लिए लगभग 1825 आवेदन किए गए।


2. राज्य स्तरीय नौकरियाँ:

1. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती (2024):

  • एक पद के लिए लगभग 80 से 100 आवेदन प्राप्त हुए।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, और प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, विशेषकर शिक्षकों और पुलिस कर्मियों के पदों पर।


आने वाले 10 वर्षों में प्रति पद आवेदन की स्थिति

1. सरकारी नौकरियों में प्रतिस्पर्धा क्यों बढ़ेगी?

(i) जनसंख्या वृद्धि और युवा कार्यबल का विस्तार:

  •   भारत की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा युवाओं (18-35 वर्ष) में है। अगले 10 वर्षों में यह युवा कार्यबल सरकारी नौकरियों की ओर रुख करेगा। प्रति वर्ष सरकारी नौकरी के लिए 2-3 करोड़ आवेदन होने की संभावना है।

(ii) सरकारी नौकरियों का आकर्षण:

  • स्थायित्व, पेंशन सुरक्षा (हालाँकि नई पेंशन योजना में बदलाव हुआ है), और सामाजिक प्रतिष्ठा सरकारी नौकरियों को आकर्षक बनाती हैं। निजी क्षेत्र में छंटनी और अस्थिरता के कारण सरकारी नौकरियाँ अधिक पसंद की जा रही हैं।

(iii) निजीकरण और स्वचालन का प्रभाव:

  • रेलवे, बैंकिंग, और अन्य क्षेत्रों में निजीकरण के कारण सरकारी नौकरियों की संख्या घट सकती है। तकनीकी प्रगति के कारण मैनुअल कार्यों में कमी आएगी, जिससे पारंपरिक पदों की संख्या घटेगी।

(iv) बेरोजगारी की स्थिति:

  • भारत में बेरोजगारी दर उच्च बनी हुई है। युवाओं के पास रोजगार के सीमित विकल्प होने के कारण सरकारी नौकरियों में रुचि बढ़ रही है।

2. भविष्य में एक पद पर आवेदन की संख्या का अनुमान:

(i) अनुमानित आवेदन संख्या:

केंद्रीय स्तर पर:

  • केंद्रीय नौकरियों में हर साल लगभग 10-12 लाख पदों के लिए 3-4 करोड़ आवेदन हो सकते हैं।
  • प्रति पद 2000-3000 आवेदन होने की संभावना है।

राज्य स्तर पर:

  • राज्य सरकार की नौकरियों (जैसे शिक्षक, पुलिस, और क्लर्क) में प्रति पद 800-1500 आवेदन हो सकते हैं।

(ii) विशिष्ट प्रतियोगी परीक्षाएँ:

UPSC (IAS, IPS, IFS):

  • हर साल लगभग 10 लाख आवेदन, जबकि चयन केवल 1000 से 1500 के बीच।
  • प्रति पद आवेदन: 700-900।

SSC और बैंकिंग:

  • SSC CGL और IBPS जैसी परीक्षाओं में प्रति पद 1500-2000 आवेदन होने की संभावना है।

रेलवे भर्ती:

  • रेलवे ग्रुप D और NTPC में प्रति पद 3000-5000 आवेदन संभव हैं।

किस क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा अधिक होगी?

1. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र:

शिक्षकों की भर्ती:

  • नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत शिक्षकों की माँग बढ़ेगी, लेकिन पदों की संख्या सीमित रहेगी।
  • प्रति पद 500-1000 आवेदन हो सकते हैं।

स्वास्थ्य सेवाएँ:

  • डॉक्टर, नर्स, और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रति पद 300-500 आवेदन हो सकते हैं।

2. सुरक्षा बल और प्रशासनिक सेवाएँ:

पुलिस और सशस्त्र बल:

  • पुलिस और सेना में पदों की संख्या घटने की संभावना नहीं है।
  • एक पद के लिए 100-200 आवेदन संभव हैं।

UPSC और राज्य PSC:

  • उच्चतम प्रतिस्पर्धा इन परीक्षाओं में बनी रहेगी।
  • प्रति पद 800-1000 आवेदन।

3. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र:

  • बैंकिंग (IBPS, SBI PO/Clerk):
  • प्रति पद 1500-2000 आवेदन।
  • डिजिटल बैंकिंग के कारण पारंपरिक पदों में कमी, लेकिन IT और डेटा विशेषज्ञों की माँग बढ़ेगी।

सरकारी नौकरियों में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने वाले कारक

(i) पदों की संख्या में कमी:

  • निजीकरण: रेलवे, बैंकिंग, और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में।
  • ठेका आधारित भर्तियाँ: स्थायी नौकरियों की जगह अनुबंध पर नियुक्ति का चलन।

(ii) तकनीकी प्रगति:

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स, और स्वचालन के कारण परंपरागत नौकरियाँ घटेंगी।

(iii) कौशल आधारित चयन:

  • केवल सामान्य ज्ञान और शैक्षणिक योग्यता के बजाय तकनीकी और व्यावसायिक कौशल को प्राथमिकता दी जाएगी।

भविष्य की तैयारी के सुझाव

1. कौशल उन्नयन:

  • डिजिटल और तकनीकी कौशल (जैसे डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा) में महारत हासिल करें।

2. वैकल्पिक करियर विकल्प:

  • सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र और स्वरोजगार के विकल्पों पर ध्यान दें।

3. परीक्षा पैटर्न का अध्ययन:

  • प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाले बदलावों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें।

4. मानसिकता और धैर्य:

  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए धैर्य और निरंतरता बनाए रखना आवश्यक है।


निष्कर्ष

  • आने वाले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों में प्रति पद आवेदन की संख्या 1000 से 3000 तक हो सकती है, यह विभाग और पद की प्रकृति पर निर्भर करेगा।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी क्षेत्रों में नौकरियाँ बढ़ेंगी, लेकिन पारंपरिक पदों में कमी आएगी।
  • युवाओं को बदलते परिदृश्य के अनुसार अपनी तैयारी और कौशल का विकास करना होगा।
  • सरकारी नौकरियों में स्थिरता और प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी, लेकिन सफलता के लिए बेहतर योजना और कठोर प्रयास की आवश्यकता होगी।


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