भारतीय साहित्यशास्त्र के 100 प्रमुख विद्वानों की सूची निम्नलिखित है। इन विद्वानों ने साहित्य, काव्य, अलंकार, व्याकरण, और दर्शन के क्षेत्रों में अपने योगदान से भारतीय साहित्यशास्त्र को समृद्ध किया है।
1. संस्कृत साहित्य और काव्यशास्त्र के विद्वान
- कालिदास (अभिज्ञान शाकुंतलम्, मेघदूत)
- भवभूति (उत्तररामचरित)
- बाणभट्ट (कादम्बरी, हर्षचरित)
- विशाखादत्त (मुद्राराक्षस)
- अश्वघोष (बुद्धचरित)
- भास (स्वप्नवासवदत्ता)
- जयदेव (गीतगोविंद)
- माघ (शिशुपालवध)
- दंडी (काव्यादर्श)
- श्रीहर्ष (नैषधीयचरित)
- भर्तृहरि (नीतिशतक, वैराग्यशतक)
- सोमदेव (कथासरित्सागर)
- गुणाढ्य (बृहत्कथा)
- कालीदास (रघुवंश)
- हरिषेण (प्रशस्ति काव्य)
- कुमारदास (जनकीहरण)
- नारायण भट्ट
- वल्लभ कवि
- भवदत्त
- कात्यायन (अलंकार शास्त्र)
2. अलंकार और काव्यशास्त्र के विद्वान
- आचार्य भरत (नाट्यशास्त्र)
- भामह (काव्यालंकार)
- दंडी (काव्यादर्श)
- वामन (काव्यालंकार सूत्र)
- आनंदवर्धन (ध्वन्यालोक)
- अभिनवगुप्त (ध्वन्यालोक व्याख्या)
- क्षेमेंद्र (अलंकार साहित्य)
- राजशेखर (काव्यमीमांसा)
- मम्मट (काव्यप्रकाश)
- विश्वनाथ कविराज (साहित्यदर्पण)
- जगन्नाथ पंडितराज (रसगंगाधर)
- भोजराज (सरस्वतीकंठाभरण)
- जयदेव कवि
- चंद्रकांत (अलंकारदर्पण)
- चंद्रशेखर कवि
- पंडितराज जगन्नाथ
- भट्ट तोत (रस सिद्धांत)
- रुद्रट (काव्यालंकार)
- वाग्भट्ट (अलंकार शास्त्र)
- तुच्छ कवि
3. नाट्यशास्त्र और नाटक के विद्वान
- भरतमुनि (नाट्यशास्त्र)
- कालिदास (नाट्यकला)
- भास (नाट्यरचना)
- भवभूति (नाटक लेखक)
- शूद्रक (मृच्छकटिक)
- विशाखादत्त (मुद्राराक्षस)
- महेंद्रवर्मन (मत्त विलास प्रहसन)
- हर्षवर्धन (रत्नावली, प्रियदर्शिका)
- जयदेव (नाटक काव्य)
- नारायण कवि (नाटक)
4. व्याकरण और भाषा विज्ञान के विद्वान
- पाणिनि (अष्टाध्यायी)
- पतंजलि (महाभाष्य)
- कात्यायन (वार्तिक)
- भट्टोजी दीक्षित (सिद्धांत कौमुदी)
- वाग्भट्ट
- नागेश भट्ट
- वरदराज (लघुसिद्धांत कौमुदी)
- जैमिनि (संस्कृत व्याकरण)
- भर्तृहरि (वाक्यपदीय)
- सायणाचार्य (वेद भाष्य)
5. प्राचीन साहित्यशास्त्र और इतिहास के विद्वान
- हरिषेण (प्रयाग प्रशस्ति)
- मल्लिनाथ (महाकाव्य टीकाकार)
- क्षेमेंद्र (लोक प्रबंध)
- सोमदेव (कथासरित्सागर)
- राघवांक
- बल्लालसेन
- नागार्जुन (बौद्ध साहित्य)
- वसुबन्धु (योगाचार दर्शन)
- धर्मकीर्ति
- दिग्नाग
6. भक्ति साहित्य के विद्वान
- तुलसीदास (रामचरितमानस)
- सूरदास (सूरसागर)
- मीरा बाई (भक्ति काव्य)
- कबीरदास (साखी और दोहे)
- नामदेव
- रविदास
- ज्ञानेश्वर (ज्ञानेश्वरी)
- नरसी मेहता
- तुकाराम
- चैतन्य महाप्रभु
7. तमिल और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के विद्वान
- तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल)
- कम्बन (तमिल रामायण)
- नन्नय (तेलुगु साहित्य)
- पम्पा (कन्नड़ साहित्य)
- बसवन्ना (कन्नड़ भक्ति साहित्य)
- इळांगो अडिगल (शिलप्पदिकारम)
- सुब्रमण्यम भारती
- जयशंकर प्रसाद
- सुभाषितकार
- भर्तृहरि (नीतिशतक)
8. जैन साहित्य के विद्वान
- भद्रबाहु
- कुंदकुंदाचार्य
- उमास्वामी (तत्त्वार्थ सूत्र)
- सिद्धसेन दिवाकर
- हरिभद्र
- हेमचंद्राचार्य
- जिनसेन
- शांतिसागर
- विमलसूरि
- सोमप्रभाचार्य
समापन
यह सूची भारतीय साहित्यशास्त्र के उन विद्वानों की है जिन्होंने साहित्य, भाषा, काव्यशास्त्र, और अलंकारशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यदि आप इनमें से किसी पर अधिक जानकारी चाहते हैं या विशेष श्रेणी में विस्तार चाहते हैं, तो कृपया बताएं!
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