How to perform Puja - Path? |
1- पूजा घर ईशान कोण मे हो …॥
2- पूजा करने वाले का मुख उत्तर या पुर्व दिशा मे हो ।
3- गणेश, कुबेर और दुर्गा का मुख पश्चिम दिशा मे और हनुमान जी का नैॠत्य कोण मे हो ।
4- शयनकक्ष मे पूजा घर न हो, अगर स्थानाभाव हो तो पूजा घर मे पर्दा लगा ले।
5- शयनकक्ष मे उत्तर और पुर्व दिशा मे पूजा घर हो ।
6- उग्र और तामसी शक्तियो कि मुर्ति का मुख पश्चिम या दक्षिण दिशा मे हो ।
7- सोते समय व्यक्ति का सिर पुर्व दिशा मे हो, ताकि सोते समय पैर भगवान की तरफ़ न हो।
8- पूजा घर के आस पास या ऊपर-नीचेशौचालय न बनाये ।
9- घर की सीढ़ियों के नीचे पूजा घर न हो ।
10- पूजा घर मे 1 से 12 अंगुल तक की मुर्ति का पूजन करे।
11- मिट्टी की बनी मूर्ति किसी भी देवता की हो 3 दिन से अधिक नहीं रखनी चाहिये। इससे घर मे दरिद्रता, मारपीट, झगडा,रोग, व्याधि आती है।
12- घर मे चल मुर्ति की स्थापना न करे।
13- चल हो या अचल मुर्ति मे प्राणप्रतिष्ठा अवश्य होनी चाहीये।
14- मुर्ति के निकट अधिक प्रकाश न हो ।
15- बाहरी व्यक्ति को मूर्ति के पास नही जाने देना चाहीये। इससे मूर्ति की उर्जा समाप्त होती है।
16- शक्ति की मूर्ति की पूजा रात्रि 9 से 12 के भीतर और देव मूर्तियों की पूजा का समय प्रात: 4 से 6 के बीच होना चाहिये।
17- किसी भी देवी या देवता की मूर्ति दीवार से थोडी हटाकर रखनी चाहिये। और उस पर परछाई नहीं पड़नी चाहिये।
18- गणेश जी के दाहिने और विष्णु जी के बायें लक्ष्मी जी का स्थापना करनी चाहिये।
19- धन ऐश्वर्य और शत्रु नाश के लिये चांदी के गणेश लक्ष्मी की स्थापना करनी चाहिये।
20- पूजा के कमरे के दरवाजे पर दहलीज होनी चाहिये।
21- द्वार का दरवाजा दो पल्लों का होना चाहिये।
22- पूजा के समय जलाये जानावाला दीपक यदि भूमि पर रखना हो तो उसके नीचे चावल अवश्य रखे, वर्ना घर मे चोरी हो सकती है॥
23- घी का दीपक देवता के दाहिने और तेल का दीपक बाये जलाना चाहिये॥
24- पूजा घर की दिवारो का रंग पीले या सफ़ेद रंग का हो ।
25- पूजा घर के अग्निकोण मे दीप अवश्य जलाना चाहीये।
26- हवनकुण्ड और अगरबत्ती भी अग्निकोण मे रखे।
27- देवताओं को '' तांबा '' धातु प्रिय है अत: पूजन मे तांबे की धातु के बर्तनो का ही प्रयोग करे तो उत्तम्।
28 - पूजा करते समय दीपक का स्पर्श हो जाये तो हाथ धो लेना चाहिये, अन्यथा दोष लगेगा ।
27- शिवलिंग पर चढे फ़ल,फ़ुल, नैवेद्य आदि का उपयोग न करे, उसे विसर्जित कर दे।
28- गणेश जी को तुलसी न चढाये ।
29- विष्णु मंदिर की 4 बार, शिव जी की आधी ,देवी की 1, सुर्य की 7 और गणेश जी की 3 परिक्रमा करनी चाहीये।
30- कन्या पूजन मे 1 वर्ष से कम और 10 वर्ष से अधिक की आयु की कन्या न हो ॥
31- प्रत्येक गृहस्थ को घर मे तुलसी का पौधा अवश्य रखना चाहीये।
32- सांयकाल मे तुलसी के नीचे दीप जलाकर 5 बार परिक्रमा करनी चाहीये।
33- घर मे मुख्य रुप से 1 ही पूजा घर हो। छोटे छोटे कई पूजाघर हो तो इससे घर के सदस्य अशान्त रहते है।
34- पूजाघर मे संत महात्मा के चित्र भी होने चाहिये ॥
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