Which tree have you resolved to plant this rainy season?
Which tree have you resolved to plant this rainy season? |
🌳 क्या आपके घर के आसपास पीपल के पेड़ उगे हुए हैं ??? तो उन्हें सावधानी से उखाड़कर किसी गमले में लगाएं !!
🌳 और अपने आसपास कोई स्कूल कालेज ,गार्डन या मंदिर के खाली पड़े हुए स्थान पर पीपल के पौधे को लगाने का संकल्प लें !!
🌳 अपने परिवार के सदस्यों और मित्रों को एकत्रित करके उनके साथ पीपल के इस पौधे को रोपित कीजिये !!
🌳 पीपल के पेड़ की आयु 100 वर्षों से ऊपर होती है !! पीपल के पेड़ को बढ़ता देख आपको आत्मिक शांति तो मिलेगी ही उसके अलावा वह आक्सीजन भी देगा !!
👉 हिंदू धर्म में पीपल वृक्ष का बहुत महत्व है। इसे सभी वृक्ष से शुद्ध और पूजनीय माना गया है।
👉 इसे विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है। हिंदु दर्शन में लिखा गया है कि पीपल के पत्ते पत्ते में देवताओं खास कर *विष्णु भगवान* का वास होता है।
👉 हालांकि इसे पूजने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। शनिवार के दिन शनिदेव के साथ इसकी भी काफी पूजा की जाती है कहते हैं इससे काम में सफलता मिलती है। इसके पूजन के कुछ नियम भी हैं कहते हैं इस नियम के साथ जो पूजन करता है वो कष्टों से मुक्त हो जाता है। आइए जानें इसके पूजन से जुड़े कुछ ऐसे ही कारणों को।
वैज्ञानिक कारण :-
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🎋अधिकतर पेड़ दिन में आक्सीजन छोड़ते हैं और कार्बनडाइआक्साईड ग्रहण करते हैं। जबकि इंसानों के विपरित रात को सभी वृक्ष कार्बन-डाइआक्साईड छोड़ते हैं व आक्सीजन लेते हैं। इन्हीं कारणों से ये कहा जाता है कि रात को वृक्ष के नीचे सोना नहीं चाहिए। 🌹🌹
🌴लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार पीपल एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे आक्सीजन ही छोड़ता है इसलिए इसके पास जाने से कई रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए इसे पूजा जाता है।
धार्मिक कारण :-
🌳पीपल के वृक्ष के पूजन के पीछे रोचक धार्मिक कारण भी हैं। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:’ यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं।
🪴 पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी व अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं।
🌳 भारतीय परंपरा में भी पेड़ पौधों को देवताओं का रुप मानकर पूजा जाता है। इन्ही कारणों से पीपल को देवता मान कर पूजन किया जाता है।
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