बाल महाभारत अध्याय 1-18 1. महाभारत कथा पौराणिक- बहुत प्राचीन। कुटिल- दुष्ट। वैरभाव- दुश्मनी। अज्ञातवास - छिपकर रहना। 1. महाभारत कथा के रच...
बाल महाभारत अध्याय 1-18 |
1. महाभारत कथा
पौराणिक- बहुत प्राचीन। कुटिल- दुष्ट। वैरभाव- दुश्मनी। अज्ञातवास - छिपकर रहना।
1. महाभारत कथा के रचनाकार का नाम बताओ।
उत्तर- महाभारत कथा महर्षि पराशर के पुत्र व्यास मुनि द्वारा लिखी गई।
2. पांडु की कितनी रानियां थी ?
उत्तर- पांडू की दो रानियां थी कुंती एवं माद्री।
3. कुंती और माद्री के पुत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर- कुंती ने युधिष्ठिर भीम अर्जुन को जन्म दिया नकुल और सहदेव की मां माद्री थी।
4. धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे ? उनके सबसे बड़े पुत्र का क्या नाम था ?
उत्तर- धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे जो कौरव कहलाए । उनके सबसे बड़े पुत्र का नाम दुर्योधन था।
5. कौरवों और पांडवों को कहां का राज्य मिला था ?
उत्तर- समझौते के अनुसार कौरव हस्तिनापुर के राजा बने और पांडवों का इंद्रप्रस्थ (वर्तमान दिल्ली) का राज्य मिला।
6. पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी कौन बना?
उत्तर- पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी उनका पौत्र (पोता) परीक्षित बना।
2. देवव्रत
मोह लिया- आकर्षित किया। क्षोभ का पारावार- अत्यधिक क्रोधित होना। प्रचण्ड- तेज। घृणित- नफरत के योग्य।
1. शांतनु कहां के राजा थे ? उन्होंने किसी युवती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा?
उत्तर- शांतनु हस्तिनापुर के राजा थे। उन्होंने गंगा नाम की युवती के रूप सौंदर्य पर मुग्ध होकर उसके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा।
2. गंगा ने कितने पुत्रों को नदी की बहती धारा में फेंक दिया था?
उत्तर- गंगा ने अपने साथ पुत्रों को पैदा होते ही नदी की धारा में फेंक दिया था।
3. शांतनु के पुत्र का क्या नाम था?
उत्तर- देवव्रत।
3. भीष्म प्रतिज्ञा
प्रफुल्लित- प्रसन्न। तरुणी- युवती। नागवार- अनुचित। कुशाग्र- तेज। सारथी- रथ चलाने वाला। नाती- पुत्री का पुत्र।
1. सत्यवती ने शांतनु को विवाह हेतु किस की अनुमति लेने को कहा?
उत्तर- सत्यवती के पिता से।
2. देवव्रत किस प्रतिज्ञा के कारण भीष्म कहलाए?
उत्तर- जीवन भर विवाह न करने का आजन्म ब्रह्मचारी रहने की भयंकर प्रतिज्ञा के कारण देवव्रत भीष्म चलाएं और इसी नाम से प्रसिद्ध हुए।
3. सत्यवती से शांतनु को कितने पुत्र प्राप्त हुए ? उनके नाम बताइए।
उत्तर- सत्यवती से शांतनु के दो पुत्र हुए चित्रांगद और विचित्रवीर्य।
4. शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर कौन बैठा ?
उत्तर- शांतनु पुत्र चित्रांगद।
4. अम्बा और भीष्म
स्वेच्छाचारी- इच्छा अनुसार व्यवहार करने वाला। अनुरक्त- आसक्त। गांगेय- गंगा पुत्र भीष्म। दयार्द्र- करुणा युक्त।
प्रश्न 1. काशीराज की कन्याओं के स्वयंवर में भीष्म किस उद्देश्य से गए थे?
उत्तर- भीष्म अपने छोटे भाई विचित्रवीर्य के लिए कन्याओं का अपहरण करने गए थे। उस काल में क्षत्रियों द्वारा अपहरण करके किया गया विवाह श्रेष्ठ माना जाता था।
प्रश्न 2. अंबा ने एकांत में भीष्म से क्या कहा?
उत्तर- अंबा ने भीष्म से कहा- गांगेय मैं सौभदेश के नरेश शाल्व को मन ही मन अपना पति मान चुकी हूं। इस स्थिति में आप मेरे विषय में उचित निर्णय ले।
प्रश्न 3. तपस्वी ब्राह्मणों ने अंबा को क्या सलाह दी?
उत्तर- तपस्वियों ने कहा-"बेटी, तुम परशुराम के पास जाओ| वे तुम्हारी इच्छा अवश्य पूरी करेंगे।" तब ऋषियों की सलाह पर अंबा परशुराम के पास गई।
प्रश्न 4. युद्ध में कोई निर्णय न हो पाने के बाद परशुराम जी ने अंबा से क्या कहा?
उत्तर- परशुराम ने अंबा से कहा- " जो कुछ मेरे वश में था, कर चुका। अब तुम्हारे लिए यही उचित है कि तुम भीष्म की ही शरण लो।"
प्रश्न 5. भीष्म पितामह ने शिखंडी के साथ युद्ध क्यों नहीं किया?
उत्तर- भीष्म पितामह ने शिखंडी के साथ युद्ध नहीं किया क्योंकि वे जानते थे कि शिखंडी ही अंबा है।
5. विदुर
प्रख्यात- प्रसिद्ध। अथाह- अपार, जिसकी गहराई का पता ना हो। निस्पृह- बिना किसी लोभ या लालच का। गांधारी- दुर्योधन की माता। अनुरोध- आग्रह। लोक निंदा- समाज में होने वाली बुराई। खिन्न- दुःखी।सुषमा- सौंदर्य। छल प्रपंच- धोखाधड़ी।
प्रश्न 1. विदुर कौन थे?
उत्तर- विदुर विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र थे।
प्रश्न 2. विदुर किस क्षेत्र के विद्वान थे?
उत्तर- विदुर धर्मशास्त्र व राजनीति के विद्वान थे। विदुर-नीति उनका प्रसिद्ध ग्रंथ है।
प्रश्न 3. धृतराष्ट्र के यहाँ विदुर किस पद पर थे?
उतर- विदुर धृतराष्ट्र के प्रधानमंत्री थे।
प्रश्न 4. युधिष्ठिर ने विदुर की सलाह को सुनने के बाद विदुर को क्या उत्तर दिया?
उत्तर- युधिष्ठिर ने विदुर से कहा कि एक तो मैं महाराज धृतराष्ट्र की आज्ञा का उल्लंघन नहीं कर सकता और दूसरा युद्ध या खेल की चुनौती को अस्वीकार करना क्षत्रिय-धर्म के विरुद्ध है ।
6. कुंती
लोक निंदा- समाज में होने वाली बुराई। दंपत्ति- पति पत्नी। खिन्न- दुखी। सुषमा- सौंदर्य।
प्रश्न 1. पृथा किसकी पुत्री थी?
उत्तर- पृथा यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन की पुत्री थी।
प्रश्न 2. पृथा का नाम कुंती कैसे पड़ा?
उत्तर- पृथा के पिता शूरसेन ने अपने फुफेरे भाई कुंतिभोज को वचन दिया था कि अपनी पहली संतान उसे गोद दे देगा। अत: कुंतीभोज के यहाँ पहुँचने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया।
प्रश्न 3. सूर्य के संयोग से उत्पन्न बालक का कुंती ने क्या किया?
उत्तर- सूर्य के संयोग से उत्पन्न बालक को कुंती ने लोक-लाज के डर से एक पेटी में बड़ी सावधानी के साथ बंद करके गंगा में बहा दिया।
प्रश्न 4. कर्ण का लालन-पालन किसने किया?
उत्तर- सूर्य-पुत्र कर्ण का लालन-पालन अधिरथ नाम के सारथी ने किया।
प्रश्न 5. पांडु की पत्नियों के नाम बताइए।
उत्तर- पांडु की दो पत्नी थीं-कुंती व माद्री।
प्रश्न 6. माद्री पति के साथ सती क्यों हो गई?
उत्तर- माद्री स्वयं को पति की मृत्यु का कारण मानती थी इसलिए वह पति के साथ सती हो गई।
7. भीम
द्वेष भाव- ईर्ष्या की भावना। काम तमाम होना- मरना। उत्तेजित- क्रोधित।
प्रश्न 1. दुर्योधन भीम से वैरभाव क्यों रखता था?
उत्तर- दुर्योधन के भीम के प्रति वैरभाव के निम्न कारण थे-
- खेलों में भीम दुर्योधन व उसके भाइयों को खूब तंग किया करता था।
- अस्त्र-विद्या व अन्य विद्याओं में पांडव कौरवों से आगे रहते थे।
- दुर्योधन सोचता था कि भीम के मरने पर युधिष्ठिर व अर्जुन आदि को कैद करके बंदी बना लेंगे और सारे राज्य पर अपना अधिकार हो जाएगा।
प्रश्न 2. भीम को मारने की दुर्योधन ने क्या योजना बनाई?
उत्तर- दुर्योधन ने पांडवों को जल-क्रीड़ा का न्योता दिया। खेलने व तैरने से थकने के बाद सभी को भोजन कराया गया। दुर्योधन ने चालाकी से भीम के भोजन में विष मिला दिया। भोजन करके सब अपने डेरों में सोने के लिए चले गए किंतु भीम विष के प्रभाव से गंगा-तट पर रेत में गिर गया। ऐसी हालत में दुर्योधन ने भीम के हाथ-पैर बांधकर उसे गंगा में बहा दिया।
प्रश्न 3. कुंती को अंदर ही अंदर क्या चिंता सता रही थी?
उत्तर- कुंती को अंदर ही अंदर यह चिंता सता रही थी कि दुर्योधन उसके पांडवों को किसी प्रकार का दुख ने पहुंचाए।
8. कर्ण
निपुणता- कुशलता। प्रतिस्पर्धा- प्रतियोगिता। खम ठोकना- जोश के साथ उपस्थित होना। तपाक से- अचानक से। डिंगे मारना- बड़ी बड़ी बातें करना। एन वक्त पर- समय आने पर अचानक। देहावसान- मृत्यु।
प्रश्न 1. पांडवों ने अस्त्र शस्त्र की शिक्षा किससे प्राप्त की?
उत्तर- पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई।
प्रश्न 2. अर्जुन किस क्षेत्र में अद्वितीय था?
उत्तर- तीर चलाने अर्थात धनुष विद्या में अर्जुन अद्वितीय था ।
प्रश्न 3. कर्ण को बेखकर कुती क्यों मूच्छित सी हो गई थी?
उत्तर- कुंती ने कर्ण को पहचान लिया था। आज उसके ही दो पुत्र एक-दूसरे को चुनौती दे रहे थे। कुंती लोक लज्जा
के भय से यह नहीं कह पा रही थी कि कर्ण मेरा पुत्र है। ऐसी स्थिति में उसका मूर्छित-सी हो जाना स्वाभाविक था।
प्रश्न 4. इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी और क्यों?
उत्तर- इंद्र ने अर्जुन को विपत्ति से बचाने के लिए कर्ण से उसके जन्मजात कवच और कुंडलों की भिक्षा माँगी थी।
प्रश्न 5. कर्ण ने देवराज से वरदान के संबंध में क्या कहा?
उत्तर- कर्ण ने देवराज से कहा-" आप प्रसन्न हैं, तो शत्रुओं का संहार करने वाला अपना 'शक्ति' नामक शस्त्र मुझ प्रदान करें!
प्रश्न 6. कर्ण ने परशुराम जी के साथ क्या छल किया?
उत्तर- परशुराम जी से ब्रह्मास्त्र सीखने की इच्छा से कर्ण उनके पास ब्राह्मण के वेष में गया और प्रार्थना की कि उसे शिष्य स्वीकार करने की कृपा करें। परशुराम जी ने उसे ब्राह्मण समझकर शिष्य बना लिया। इस प्रकार छल से कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना सीख लिया।
प्रश्न 7. कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- अर्जुन से युद्ध करते समय जब शापवश कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंस गया और वह धनुष-बाण रखकर जमीन में धंसा हुआ पहिया निकालने का प्रयत्न करने लगा, तभी अर्जुन ने उस महारथी पर प्रहार किया और वह युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गया।
9. द्रोणाचार्य
बालपन- बचपन। सज्जनोचित- सज्जन की तरह उचित। दरिद्र- गरीब। अभिमानी- घमंडी। सींक- तिनका। मद- नशा।अजेय- जो कभी ना हारा हो
प्रश्न 1. द्रोण और द्रुपद की मित्रता कैसे हुई थी?
उत्तर- द्रुपद ने द्रोण के पिता भरद्वाज के आश्रम में ही शिक्षा प्राप्त की थी। वहाँ ये दोनों सहपाठी श्रे। अत: दोनों की मित्रता हो गई।
प्रश्न 2. द्रोण परशुराम के पास क्यों गए?
उत्तर- जब द्रोण को यह पता चला कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बाँट रहे हैं तो वे भी कुछ पाने की इच्छा से परशुराम के पास गए।
प्रश्न 3. गेंद निकालने के बदले में युधिष्ठिर ने कृष्ण वर्ण ब्राह्मण से क्या देने की बात कही थी?
उत्तर- युधिष्ठिर ने हँसते हुए कहा था-"ब्राह्मण श्रेष्ठ! आप गेंद निकाल देंगे, तो कृपाचार्य के घर आपकी बढ़िया दावत करेंगे।"
प्रश्न 4. द्रोण ने कुएँ से गेंद किस प्रकार निकाली?
उत्तर-"द्रोणाचार्य ने पास में पड़ी हुई सींक उठा ली और उसे पानी में फेंका। सींक गेंद को ऐसे जाकर लगी. जैसे तीर और फिर इस तरह लगातार कई सींकें वे कुएँ में डालते गए। सींकें एक-दूसरे के सिरे से चिपकती गईं। जब आखिरी सींक का सिरा कुएँ के बाहर तक पहुँच गया, तो द्रोणाचार्य ने उसे पकड़कर खींच लिया और गेंद निकल आई।"
प्रश्न 5. द्रोण से बदला लेने के लिए द्रुपद ने क्या किया?
उत्तर-द्रोण से बदला लेने के लिए द्रुपद ने कठिन तप व व्रत के द्वारा एक पुत्र व पुत्री प्राप्त की। द्रुपद की इच्छा थी कि अर्जुन जामाता रूप में मिले और मेरा पुत्र द्रोण को मार सके। पुत्री द्रोपदी मिली और पुत्र धृष्टद्युम्न मिला। धृष्टद्युम्न के ही हाथों द्रोण मारे गए थे।
10. लाख का घर
कुमंत्रणा- बुरी योजना बनाना। कुराह- अनुचित मार्ग। दलील- तर्क। पृष्ठ पोषक- पक्षधर।
प्रश्न 1. दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या क्यों करता था?
उत्तर- पांडवों के शारीरिक बल और अर्जुन की युद्ध कुशलता के कारण दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था।
प्रश्न 2. पांडवों का नाश करने के लिए दुर्योधन ने किस किस का सहारा लिया?
उत्तर-पांडवों का नाश करने के लिए दुर्योधन ने अपने मामा शकुनि व मित्र कर्ण का सहारा लिया।
प्रश्न 3. 'वारणावत' कौन-कौन गया?
उत्तर- 'वारणावत' पांडवों के साथ कुंती भी गई।
प्रश्न 4. पांडवों के लिए बनने वाले मकान में पुरोचन ने क्या सामग्री लगाई?
उत्तर- पुरोचन ने वारणावत जाकर पांडवों के ठहरने के लिए सन (रूई), घी, मोम, तेल, लाख, चरबी आदि जल्दी आग पकड़ने वाली चीजों को मिट्टी में मिलाकर एक सुंदर भवन बनवाया।
प्रश्न 5. पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या योजना थी?
उत्तर- पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की योजना यह थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से नि:शंक हो जाए, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।
11. पांडवो की रक्षा
दुस्साहस- न सह सकने वाली हिम्मत।
प्रश्न 1, वारणावत को जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को किस प्रकार सचेत किया था?
उत्तर- वारणावत को जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र से अवगत कराकर सचेत किया।
प्रश्न 2. वारणावत में पांडवों के रहने का प्रबंध किसने किया?
उत्तर- वारणावत में पांडवों के रहने का प्रबंध पुरोचन ने किया जो कि दुर्योधन का शुभ चिंतक था।
प्रश्न 3. थकी हुई कुंती ने पुत्रों से क्या कहा?
उत्तर- थकी हुई कुंती ने पुत्रों से कहा-"मैं तो प्यास से मरी जा रही हूँ। अब मुझसे बिल्कुल चला नहीं जाता। धृतराष्ट्र के बेटे चाहे तो भले हो मुझे यहाँ से उठा ले जाएँ, मैं तो यहीं पड़ी रहूँगी।"
प्रश्न 4. लाक्षागृह छोड़ने के पश्चात् पांडव कहाँ और किस वेश में पहुँचे?
उत्तर- लाक्षागृह छोड़ने के पश्चात् पांडव एकचक्रा नगरी में ब्राह्मण के वेश में पहुँचे।
प्रश्न 5. कुंती ने ब्राह्मण से क्या कहा?
उत्तर- कुंती ने कहा-"विप्रवर, आप इस बात की चिंता छोड़ दें। मेरे पांच बेटे हैं। उनमें से एक आज राक्षस के पास भोजन लेकर चला जाएगा।"
प्रश्न 6. कुंती ने भीम को बकासुर के पास क्यों भेजा?
उत्तर- कुंती ने भीम को बकासुर के पास भेजा क्योंकि वह जानती थी कि भीम उसका काम तमाम कर देगा। भीम की शक्ति का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। कुंती का यह सोचना भी सही निकला क्योंकि बकासुर का वध करके वह उसकी लाश को नगर के फाटक तक घसीटकर लाया। इस प्रकार गांव वालों को बकासुर के चंगुल से छुटकारा मिला।
12. द्रौपदी स्वयंवर
वृहदाकार- बहुत बड़ा। विप्लव- शोर। मृगछाला- हिरण की खाल। अग्नि शिखा- आग की लपट। सम्मति- सलाह।
प्रश्न 1. पांचाल व देश में पांडव किस रूप में कहाँ जाकर ठहरे थे।
उत्तर- पांचाल देश में पांडव ब्राह्मण के वेश में एक कुम्हार की झोपड़ी में ठहरे थे।
प्रश्न 2. द्रौपदी स्वयंवर में कौन-कौन मुख्य प्रतिभागी थे?
उत्तर- द्रौपदी- स्वयंवर में श्रीकृष्ण, बलराम, धृतराष्ट्र के सौ पुत्र, शिशुपाल, जरासंध, शल्य व पांडव जैसे अनेक प्रसिद्ध व्यक्ति अपना भाग्य परखने आए थे।
प्रश्न 3. पांचों पांडवों से द्रौपदी का विवाह कैसे हुआ?
उत्तर- मां की आज्ञा और सबकी सम्मति से द्रौपदी के साथ पांचों पांडवों का विवाह हो गया।
13. इंद्रप्रस्थ
छल प्रपंच- कपट। प्रलोभन- लालच। बेखटके- निश्चिंत। भग्नावशेष- खंडहर। निपुण - शिल्पकार।
प्रश्न 1. पांडवों के जीवित होने की सूचना मिलने पर विदुर ने धृतराष्ट्र से क्या कहा?
उत्तर- विदुर ने धृतराष्ट्र को जीवित होने और द्रुपद- कन्या से पांचों भाइयों के विवाह होने की सूचना दी।
प्रश्न 2. पांडवों से निपटने के लिए कर्ण की क्या सलाह थी?
उत्तर- कर्ण का सुझाव था "हमारे पास केवल एक ही उपाय रह गया है और वह यह है कि पांडवों की ताकत बढ़ने से पहले उन पर हमला कर दिया जाए।"
प्रश्न 3. पितामह भीष्म ने क्या सलाह दी?
उत्तर- भीष्म ने कहा-"बेटा! वीर पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य दे देना ही उचित है।"
प्रश्न 4. पांडवों के विषय में विदुर ने क्या कहा?
उतर- विदुर ने कहा-"हमारे कुल के नायक भीष्म तथा आचार्य द्रोण ने जो बताया है, वही श्रेयस्कर है। कर्ण की सलाह किसी काम की नहीं है।"
प्रश्न 5. पांडवों की राजधानी का क्या नाम था?
उत्तर- पांडवों की राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ था।
प्रश्न 6. पांडवों ने इंद्रप्रस्थ में कितने दिन राज्य किया?
उत्तर- अपनी राजधानी में पत्नी द्रौपदी और माता कुंती के साथ पाँचों पांडव तेईस वर्ष तक सुखपूर्वक जीवन बिताते हुए न्यायपूर्वक राज्य करते रहे।
14. जरासंध
राजसूय यज्ञ- सम्राट बनने की अभिलाषा से किया जाने वाला यज्ञ। वल्कल- वृक्ष की छाल। कुशा- एक प्रकार की वनस्पति। अभ्यागत- मेहमान।
प्रश्न 1. राजसूय यज्ञ के विषय में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से क्या कहा?
उत्तर- राजसूय यज्ञ के विषय में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से कहा-"मित्रों का कहना है कि मैं राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करू परंतु राजसूय यज्ञ तो वही कर सकता है, जो सारे संसार के नरेशों का पूज्य हो और उनके द्वारा सम्मानित हो। आप ही इस विषय में मुझे सही सलाह दे सकते हैं।"
प्रश्न 2. युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ का इरादा क्यों छोड़ना चाहा?
उत्तर- जब युधिष्ठिर को कृष्ण, भीम व अर्जुन की बातों से यह अंदेशा होने लगा कि राजसूय यज्ञ करने के लिए कई लोगों के प्राणों पर बन आएगी तो उन्होंने इस इरादे को त्याग देना ही श्रेयकर समझा।
प्रश्न 3. जरासंध के यहाँ श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन किस रूप में गए थे?
उत्तर "श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन ने वल्कल वस्त्र पहन लिए, हाथ में कुशा ले ली और व्रती लोगों का सा वेष धारण करके मगध देश के लिए रवाना हो गए। "
प्रश्न 4. भीमसेन और जरासंध में कितने समय तक युद्ध होता रहा?
उत्तर- पलभर भी विश्राम किए बगैर भीम और जरासंध तेरह दिन और तेरह रात लगातार लड़ते रहे। चौदहवें दिन जरासंध थककर जरा देर को रुक गया। इस पर ठीक मौका देखकर श्रीकृष्ण ने भीम को इशारे से समझाया और भीगसेन ने फौरन जरासंध को उठाकर चारों ओर घुमाया और उसे जमीन पर जोर से पटक दिया। इस प्रकार अजेय जरासंध का अंत हो गया ।
प्रश्न 5. श्रीकृष्ण की अग्रपूजा की सलाह किसने दी थी।
उत्तर- पितामह भीष्म ने युधिष्ठिर को सलाह दी कि द्वारकाधीश की पूजा पहले की जाए।
प्रश्न 6. शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथो हुई और क्यों?
उत्तर- शिशुपाल की मृत्यु श्रीकृष्ण के हाथों हुई क्योंकि वह निरंतर श्रीकृष्ण के विरूद्ध बोलता जा रहा था। वह नहीं चाहता था कि युधिष्ठिर ' राजसूय यज्ञ' हेतु श्रीकृष्ण की अग्रपूजा करे।
15. शकुनि का प्रवेश
असह्य- जो सहा न जा सके। ईजाद- आविष्कार। ऐश्वर्य- धन दौलत।
प्रश्न 1. दुर्योधन चिंतित और उदास क्यों था?
उत्तर- राजसूय यज्ञ में युधिष्ठिर के ठाठ बाट और पांडवों की यश समृद्धि का स्मरण करके दुर्योधन चिंतित और उदास था।
प्रश्न 2. युधिष्ठिर को बिना लड़ाई के जीत पाने का शकुनि ने क्या उपाय बताया?
उत्तर - शकुनि ने कहा-"दुर्योधन! युधिष्ठिर को चौसर के खेल का बड़ा शौक है। पर उसे खेलना नहीं आता है। हम उस खेलने के लिए न्योता दें तो युधिष्ठिर अवश्य मान जाएगा। तुम तो जानते ही हो कि मैं मंझा हुआ खिलाड़ी हूँ। तुम्हारी ओर से मैं खेलूंगा और युधिष्ठिर को हराकर उसका सारा राज्य और ऐश्वर्य, बिना युद्ध के आसानी से छीनकर तुम्हारे हवाले कर दूंगा।
प्रश्न 3. जुए के खेल के विरोध में धृतराष्ट्र ने क्या कहा?
उतर- जुए के खेल के विरोध में धृतराष्ट्र ने कहा "जुए का खेल वैर-विरोध की जड़ होता है। इसलिए बेटा, मेरी तो यह राय है कि तुम्हारा यह विचार ठीक नहीं है इसे छोड़ दो। "
प्रश्न 4. जुए के खेल के विषय में विदुर के क्या विचार थे?
उतर- जुए के खेल के विषय में विदुर के विचार इस प्रकार थे-"राजन्, सारे वंश का इससे नाश हो जाएगा। इसके कारण हमारे कुल के लोगों में आपसी मनमुटाव और झगड़े-फसाद होंगे। इसकी भारी विपदा हम पर आएगी।"
प्रश्न 5. पांडवों को चौसर के खेल का निमंत्रण देने के लिए किसे भेजा गया?
उत्तर- पांडवों को चौसर के खेल का निमंत्रण देने के लिए विदुर को भेजा गया।
16. चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा
भरसक- पूरी तरह से। चेताना- सचेत करना। चाव से- उत्साह से। पार पाना- ज्ञान प्राप्त करना। सानी- मुकाबला। युयुत्सु- धृतराष्ट्र का एक सौ एकवां पुत्र जो एक वैश्य जाति की स्त्री से पैदा हुआ।
प्रश्न 1. चौसर का निमंत्रण देने वाले विदुर से युधिष्ठिर ने क्या कहा?
उत्तर- युधिष्ठिर ने कहा- "चाचा जी! चौसर का खेल अच्छा नहीं है। उससे आपस में झगड़े पैदा होते हैं। समझदार लोग उसे पसंद नहीं करते हैं । लेकिन इस मामले में हम तो आप ही के आदेशानुसार चलने वाले हैं। आपकी सलाह क्या है?"
प्रश्न 2. युधिष्ठिर चौसर के खेल में क्या-क्या हार गए?
उत्तर- युधिष्ठिर चौसर के खेल में देश, सेना, देश की प्रजा, दास-दासियाँ, आभूषण, चारों भाई, स्वयं अपने आपको एवं अपनी पत्नी द्रौपदी को भी हार गए।
प्रश्न 3. प्रतिकामी की बात सुनकर द्रौपदी ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर- द्रौपदी प्रतिकामी से बोली-"रधवान! जाकर उन हारनेवाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे? सारी सभा में यह प्रश्न उनसे करना और जो उत्तर मिले, वह मुझे आकर बताओ। उसके बाद मुझे ले जाना।"
प्रश्न 4. दुःशासन ने द्रौपदी के साथ क्या व्यवहार किया?
उत्तर- दुःशासन ने द्रौपदी के गुँथे हुए बाल बिखेर डाले, गहने तोड़-फोड़ दिए और उसके बाल पकड़कर बलपूर्वक घसीटता हुआ सभा की ओर ले जाने लगा। द्रौपदी विकल हो उठी।
प्रश्न 5. दुबारा के खेल में क्या शर्त रखी गई थी?
उत्तर- दुबारा के "खेल में यह शर्त थी कि हारा हुआ दल अपने भाइयों के साथ बारह वर्ष का वनवास करेगा तथा उसके उपरांत एक वर्ष अज्ञातवास में रहेगा। यदि इस एक वर्ष में उनकी पता चल जाएगा, तो उन सबको बारह वर्ष का वनवास फिर से भोगना होगा।"
17. धृतराष्ट्र की चिंता
उतावली- शीघ्रता के भाव। श्रद्धा- मन से सम्मान देना। अविरल- लगातार।
प्रश्न 1. पांडवों के चले जाने के बाद धृतराष्ट्र ने विदुर से क्या पृछा ?
उत्तर- वन को जाते हुए पांडवों के विषय में धृतराष्ट्र ने विदुर से पूछा कि मैं देखने में असमर्थ हूँ। अत: मुझे बताओ कि पांडव व द्रौपदी कैसे जा रहे हैं।
प्रश्न 2. वन को जाते हुए पांडवों का वर्णन विदुर ने किस प्रकार किया?
उत्तर- विदुर ने वर्णन करते हुए कहा-"कुंती-पुत्र युधिष्ठिर कपड़े से चेहरा ढककर जा रहे हैं। भीमसेन अपनी दोनों भुजाओं को निहारता, अर्जुन हाथ में कुछ बालू लिए उसे बिखेरता, नकुल और सहदेव सारे शरीर पर धूल रमाए हुए, क्रमश: युधिष्ठिर के पीछे-पीछे जा रहे हैं। द्रौपदी ने बिखरे हुए केशों से सारा मुख ढक लिया है और आँसू बहाती हुई युधिष्ठिर का अनुसरण कर रही है।"
प्रश्न 3. महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन को समझाते हुए क्या कहा?
उत्तर- महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन को समझाते हुए कहा-"राजकुमार, तुम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ, सुनो! पांडवों को धोखा देने का विचार छोड़ दो। उनसे वैर मोल न लो। उनके साथ संधि कर लो। इसी में तुम्हारी भलाई है।"
प्रश्न 4. द्रौपदी को सांत्वना देते हुए श्रीकृष्ण ने क्या भरोसा दिलाया?
उत्तर- करुण स्वर में विलाप करती हुई द्रौपदी को श्रीकृष्ण ने बहुत समझाया और धीरज बँधाया। वह बोले-"बहन द्रौपदी! जिन्होंने तुम्हारा अपमान किया है, उन सबकी लाशें युद्ध के मैदान में खून से लथपथ होकर पड़ेगी। तुम शोक न करो। वचन देता हूँ कि पांडवों की हर प्रकार से सहायता करूँगा। यह भी निश्चय मानो कि तुम साम्राज्ञी के पद को फिर सुशोभित करोगी।"
18. भीम और हनुमान
ताज्जुब- आश्चर्य। विस्मय- आश्चर्य। बलिष्ठ- शक्तिशाली। मारुति- हनुमान।
प्रश्न 1. फूल देखकर द्रौपदी ने भीम से क्या कहा?
उत्तर- फूल देखकर द्रौपदी ने उसे उठा लिया और भीमसेन के पास जाकर बोली-"क्या तुम जाकर ऐसे ही कुछ और फूल ला सकोगे?"
प्रश्न 2. भीम की गर्वोक्ति सुनकर बंदर ने क्या कहा?
उत्तर- बंदर बोला-"देखो भाई, मैं बूढ़ा हूँ। कठिनाई से उठ-बैठ सकता हूँ। ठीक है यदि तुम्हें आगे बढ़ना ही है, तो मुझे लाँघकर चले जाओ।"
प्रश्न 3. भीम ने लांघने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर- भीमसेन ने कहा-किसी जानवर को लांघना अनुचित है। इसी कारण मैं रुक गया, नहीं तो मैं तुम्हें एक ही छलांग में लाँघकर चला गया होता।
प्रश्न 4. हनुमान ने भीम को क्या आशीर्वाद दिया?
उत्तर- हनुमान ने आशीर्वाद देते हुए कहा-"भीम! युद्ध के समय तुम्हारे भाई अर्जुन के रथ पर उड़नेवाली ध्वजा पर मैं विद्यमान रहँगा। विजय तुम्हारी ही होगी।"
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