संस्कार

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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  लडके के पिता ने पंडित जी को एक लडकी देखने को कहा ! पण्डित जी बोले हाँ एक लडकी है. अभी कुछ दिनों पहले उसके पिता ने भी एक लडका देखने को कहा था।

  एक दिन तय हुआ और शादी हो गयी. सब कुछ ठीक चल रहा था कि कुछ महीनो बाद. लडका लडकी मे आये दिन झगडा होने लगा। वह लडका रोज शराब के नशे में घर आता और पत्नी से मारपीट करताi वह उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करता... वहीं बहू भी न सास देखती न ससुर अपने पति के जाते ही अपने स्कूल के एक मित्र के साथ फ़ोन पर लग जाती और भूल जाती कि अब वह किसी की पत्नी, किसी के घर की लक्ष्मी/बहू है।

  एक दिन उन दोनों के बीच झगडा शुरू हुआ और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे। गुस्से में आकर लडकी ने आत्महत्या कर ली। लडके को पुलिस पकड़ कर ले गयी। अब दोनों घरो के लोग एक दूसरे को गाली देने लगे, खानदान को गरियाने लगे, मामला कोर्ट पहुंचा...

  जज साहब ने सभी को उपस्थित रहने को कहा और उस पंडित को भी बुलाने को कहा जिसने यह रिश्ता करवाया था..

पंडित जी आये. वकील से पहले जज साहब ही पूछ बैठे कि-- 

ये रिश्ता तुमने करवाया था.....? 

दोनो घर बर्बाद हो गये।

इन लोगों का कहना है कि आपको सब पता था फ़िर भी.....? 

पंडित जी ने कहा -

जज साहब ये रिश्ता नहीं था सौदा था क्योंकि 

लडकी के माता पिता ने कहा-- 

लडका पैसे वाला हो, परिवार छोटा हो. जमीन जायदाद हो, और सास ससुर न भी हो तो कोई बात नहीं... 

वही लडके के माँ बाप बोले कि--

लडकी दिखने में सुन्दर हो, खानदान हमारी बराबरी का हो, लडके को दहेज में गाडी मिले, बाकी हमे कोई शिकायत नहीं.. 

और मैने ये सौदा करवा दिया साहब, इसे रिश्ता नाम देकर "रिश्ते" शब्द को अपमानित न करें।

अगर इन लोगों को रिश्ता करवाना होता तो लडकी वाले मुझसे कहते-

  कि लडका बेशक गरीब हो, मगर मेहनती स्वाभिमानी हो, भरा पूरा परिवार हो. ऐसा घर हो जहाँ मेरी बेटी हंस कर खिलखिलाकर रहे। जिस घर में गाड़ी न हो मगर खुशी और संस्कार हो ।

और वहीं लडके वाले कहते...... 

  बहू बेशक गरीब घर की हो, मगर संस्कारित हो, जो भरे पूरे परिवार से हो, जो घर को घर बनाकर और बांध कर रखे, कुछ न हो देने के लिए मगर बडो का अदब और अतिथि का आदर सत्कार हो. बहू धनवान नहीं गुणवान हो। तब कहीं जाकर ये रिश्ता कहलाता।

 जज साहब - और आजकल तो रिश्ते कम और सौदा अधिक होता है, इनके माता पिता भी बराबर के दोषी है इस तरह के मानसिकता वाले लोगों को जरूर सजा मिलनी चाहिए.. 

  जज साहब सोच में पड गये और बोले- पंडित जी आपने मेरे हृदय में भी एक चुभन पैदा कर दी, क्योंकि मैने भी अपने बच्चों को सब कुछ दिया, आज का आधुनिक माहौल भी दिया, मगर संस्कार देने में शायद मैं भी चूक गया ।

सौदा करने से अच्छा संस्कार की भीख मांग लो। आप का भगवान जी ख्याल रखे ऐसी मनोकामना पूर्ण करें।

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