हम तो यह सोचकर रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम का अच्छा-खासा खर्च उठाते हैं कि जान है तो जहान है। स्वस्थ रहने के लिए आरओ से फिल्टर पानी पीते हैं तांकि अशुद्ध पानी से कोई बीमारी न हो जाए। लेकिन सच्चाई कुछ और है। आरओ न केवल पानी से गंदगी को हटाता है बल्कि उसमें घुले खनिज पदार्थों को भी खत्म कर देता है जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इस कारण विशेषज्ञों की चेतावनी है कि आरओ का पानी कुछ बीमारियों से दूर रखता है तो कई तरह की समस्याएं भी पैदा कर देता है। साफ -साफ शब्दों में कहें तो आरओ का पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
सर गंगा राम अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख डॉ. अनिल अरोड़ा ने कहा कि आरओ से फिल्टर पानी के बजाय लोगों को नाइट्रेट जैसी अशुद्धियों को फिल्टर करने के बाद उबला हुआ पानी पीना चाहिए। उन्होंने बताया कि उबालने से केवल बैक्टीरिया, वायरस और फंगस मरेंगे। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि चेकोस्लोवाकिया और स्लोवाकिया में आरओ वाटर को अनिवार्य बनाने के पांच साल बाद अधिकारियों ने देखा कि लोग मांसपेशियों में थकान, ऐंठन, शरीर में दर्द, याददाश्त की कमी आदि की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि खनिजों की कमी हो गई।
आरओ से फिल्टर नहीं करें तो कैसे शुद्ध करें पानी ?
हालांकि, इसका कोई सही समाधान नहीं है लेकिन सूती कपड़े से छान लेने के बाद पानी को 20 मिनट तक उबालना एक अच्छा विकल्प है। डॉ. सत्य ने आगे कहा कि पानी में मौजूद ट्रेस एलिमेंट्स हमारे हॉर्मोन और एंजाइम का हिस्सा होते हैं। अगर इन्हें नहीं लिया जाता है तो शरीर पर काफी हद तक प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।इस तरह की कमी के सामान्य लक्षणों में थकान और इम्यूनिटी के घटने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
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