विश्व जल दिवस (World Water Day), 22 मार्च ,विश्व जल दिवस का उद्देश्य:,2024 की थीम (Theme):,जल संकट के आंकड़े:,महत्वपूर्ण पहलू:,भारत और जल संकट:।
विश्व जल दिवस (World Water Day) प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जल संरक्षण, जल की महत्ता, और जल की स्थिरता के लिए जागरूकता फैलाना है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा 1993 में घोषित किया गया था और तब से यह हर साल मनाया जाता है।
विश्व जल दिवस का उद्देश्य:
- जल की महत्ता को समझाना: यह दिन पानी के महत्व पर जोर देता है, क्योंकि यह मानव जीवन और पृथ्वी के सभी जीवों के लिए अनिवार्य है।
- जल संकट पर ध्यान केंद्रित करना: दुनिया में करोड़ों लोग स्वच्छ पानी की कमी से जूझ रहे हैं। इस दिन जल संकट की गंभीरता को उजागर किया जाता है।
- जल संरक्षण के प्रयास: जल संसाधनों के स्थायी उपयोग और संरक्षण के लिए समाज को प्रेरित करना।
- सभी के लिए स्वच्छ जल: संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals - SDGs) में लक्ष्य 6 (Goal 6) है: सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता सुनिश्चित करना।
2024 की थीम (Theme):
जल संकट के आंकड़े:
- पेयजल की कमी: दुनिया में लगभग 2.2 बिलियन लोग (2020 के आंकड़ों के अनुसार) स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं।
- जल का अति-दोहन: जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।
- जल से संबंधित बीमारियाँ: गंदे पानी के उपयोग के कारण हर साल लाखों लोग बीमार होते हैं और मरते हैं।
- कृषि और जल: दुनिया के कुल जल का 70% से अधिक हिस्सा कृषि कार्यों में उपयोग होता है।
महत्वपूर्ण पहलू:
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पानी का महत्व:
- मानव शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी है।
- पानी भोजन उत्पादन, ऊर्जा निर्माण, और पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक है।
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जल की उपलब्धता:
- पृथ्वी पर कुल पानी का केवल 3% ही मीठा पानी है, और इसमें से भी अधिकांश ग्लेशियरों और बर्फ के रूप में जमा है।
- हमें जल संरक्षण के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।
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जल संकट का प्रभाव:
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: स्वच्छ पानी की कमी से डायरिया, हैजा, और अन्य जलजनित रोग फैलते हैं।
- शिक्षा पर प्रभाव: पानी की खोज में बच्चों का समय बर्बाद होता है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।
- गरीबी पर प्रभाव: पानी की कमी गरीब समुदायों को अधिक प्रभावित करती है।
भारत और जल संकट:
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भारत में जल संकट:
- भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता घट रही है।
- नदियों और झीलों का प्रदूषण एक बड़ी समस्या है।
- भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है।
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सरकारी योजनाएँ:
- जल जीवन मिशन: 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य।
- नमामि गंगे प्रोजेक्ट: गंगा नदी को साफ और संरक्षित करने के लिए।
- अटल भूजल योजना: भूजल के प्रबंधन और संरक्षण के लिए।
विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है?
- जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में जल संरक्षण के महत्व पर चर्चा।
- जल संरक्षण कार्यशालाएँ: लोगों को जल बचाने के तरीके सिखाने के लिए।
- पानी बचाने के उपाय: वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) और पानी की बर्बादी रोकने पर ध्यान देना।
- सोशल मीडिया कैंपेन: #WorldWaterDay जैसे हैशटैग का उपयोग करके जल के महत्व पर संदेश फैलाना।
जल संरक्षण के उपाय:
- पानी की बर्बादी रोकें: नल बंद रखें जब पानी की आवश्यकता न हो।
- वर्षा जल संचयन: बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं।
- जल पुनर्चक्रण (Water Recycling): घरेलू और औद्योगिक उपयोग में पानी का पुनर्चक्रण।
- भूजल का सही उपयोग: अनावश्यक बोरवेल खोदने से बचें।
- पेड़ लगाएँ: अधिक वृक्षारोपण से जल का संरक्षण होता है।
संक्षेप में:
विश्व जल दिवस हमें पानी के महत्व और इसकी बढ़ती कमी के प्रति जागरूक करता है। पानी के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है, इसलिए जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए जल को संरक्षित करना है और इसे जिम्मेदारी से उपयोग करना है।
हमारे सनातन धर्म व संस्कृति में जल को देवता मानकर उसके सम्मान व संरक्षण की बात कही गई है। माता लक्ष्मी का एक नाम नीरजा भी है जिनका अस्तित्व जल से ही है। और वैसे भी जल के बिना जीवन तत्व का रक्षण संभव नहीं है। हमें जल के एक-एक कण को विवेक व आदर पूर्वक उपयोग करना चाहिए, साथ ही साथ जल स्रोतों की सुचिता और संवर्धन पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आज सरित- सरोवर और जलाशयों का अभिरक्षण आने वाली पीढियां के लिए अमृत्तत्व सहजने जैसा है।
यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों से जरा सा भी प्रेम व उनके भविष्य की चिंता है तो हमें अपनी जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन करने होंगे और यह शपथ लेनी होगी कि हमारे द्वारा 'जल' का एक कण भी व्यर्थ नहीं जाएगा और साथ ही साथ हम ओरों को भी इस अमृत रूपी जल के कण- कण को सहजने के लिए जागरूक करना होगा।
आप सभी को 'विश्व जल दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं।