कालगणना और इसके मात्रक : (Chronology and its Units)

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
0

 कालगणना और इसके मात्रक : (Chronology and its Units)


6 प्राण (Breath) = 1 पल (विनाडी) = 24 Seconds

60 पल (विनाडी) = 1 नाडी (= घटी = घड़ी) = 24 Minutes

2 घटी = 1 मुहूर्त्त = 48 Minutes

60 नाडी (घटी) = 30 मुहुर्त्त = 1 अहोरात्र = 24 Hours

7 अहोरात्र = 1 सप्ताह (Week)

2 सप्ताह = 1 पक्ष (fortnight)

2 पक्ष = 1 मास (Month)

2 मास = 1 ऋतु (Season)

3 ऋतु = 1 अयन 

2 अयन = 1 सम्वत् = 1 वर्ष (Year)


360 वर्ष = 1 दिव्य वर्ष


सतयुग = 4800 दिव्य-वर्ष = 17,28,000 वर्ष  

त्रेता = 3600 दिव्य-वर्ष = 12,96,000 वर्ष  

द्वापर = 2400 दिव्य-वर्ष = 8,64,000 वर्ष 

कलियुग = 1200 दिव्य-वर्ष = 4,32,000 वर्ष 


चतुर्युग = महायुग = दिव्ययुग = देवयुग = (सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग) 


1 चतुर्युग = 43,20,000 वर्ष 

71 चतुर्युग = 1 मन्वन्तर = 30,67,20,000 वर्ष

 

1 सन्धिकाल = 3 चतुर्युग = 1,29,60,000 वर्ष 


14 मन्वन्तर + 2 सन्धिकाल = 1000 चतुर्युग 

1000 चतुर्युग = 1 सृष्टि = 1 कल्प = 1 ब्राह्म-दिन = 4 अरब 32 करोड़ वर्ष 

1000 चतुर्युग = 1 प्रलय = 1 विकल्प = 1 ब्राह्म-रात्रि = 4 अरब 32 करोड़ वर्ष 


2000 चतुर्युग = 1 ब्राह्म-अहोरात्र = 8 अरब 64 करोड़ वर्ष

30 ब्राह्म-अहोरात्र = 1 ब्राह्म-मास

12 ब्राह्म-मास = 1 ब्राह्म-वर्ष

100 ब्राह्म-वर्ष = 1 परा = 1 महाकल्प


मुक्ति की अवधि 1 पराकाल की होती है. [मुण्डक-उपनिषद् 3.2.6]


अभी 'श्वेत वराह' नामक प्रथम ब्राह्म-दिन के 7वें 'वैवस्वत' नामक मन्वन्तर के 28वें चतुर्युग का कलियुग चल रहा है. विक्रम सम्वत् 2073 (ईसाई वर्ष 2016) में हमारे वैदिक सम्वत् निम्नलिखित चल रहे हैं:


कल्प सम्वत् = 1,97,38,13,117 वर्ष 

मानव सम्वत् = 1,96,08,53,117 वर्ष 

वेद सम्वत् = 1,96,08,53,112 वर्ष 

कलियुग सम्वत् = 5117 वर्ष


यूरोपीय ज्योतिषी Bailley के अनुसार, अभी कलियुग सम्वत् 5118 चल रहा है.


14 मन्वंतरों के नाम: 

1. स्वायम्भुव 2. स्वारोचिष 3. औत्तमेय 4. तामस 5. रैवत 6. चाक्षुष 7. वैवस्वत 8. सावर्णि 9. दक्षसावर्णि 10. ब्रह्मसावर्णि 11. धर्मसावर्णि 12. रूद्रसावर्णि 13. देवसावर्णि (रौप्यसावर्णि) 14. इन्द्रसावर्णि (मौत्यसावर्णि)


30 कल्पों (ब्राहम-दिनों) के नाम:

1. श्वेतवाराह 2. नीललोहित 3. वामदेव 4. रथन्तर 5. रौरव 6. प्राण 7. बृहत् 8. कन्दर्प 9. सद्यः 10. ईशान 11. तमः 12. सारस्वत 13. उदान 14. गारुड 15. कौर्म 16. नरसिंह 17. समान 18. आग्नेय 19. सोम 20. मानव 21. पुमान् 22. वैकुण्ठ 23. लक्ष्मी 24. सावित्री 25. घोर 26. वाराह 27. वैराज 28. गौरी 29. माहेश्वर 30. पितृ


दिन के 15 मुहूर्त्त:

सूर्योदय से प्रथम मुहूर्त्त का प्रारम्भ होता है.

1. रुद्र 2. अहि 3. मित्र 4. पितॄ 5. वसु 6. वाराह 7. विश्वेदेवा 8. विधि 9. सतमुखी 10. पुरुहूत 11. वाहिनी 12. नक्तनकरा 13. वरुण 14. अर्यमन् 15. भग  

 

रात्रि के 15 मुहूर्त्त:

1. गिरीश 2. अजपाद 3. अहिर्बुध्न्य 4. पुष्य 5. अश्विनी 6. यम 7. अग्नि 8. विधातृ 9. कण्ड 10. अदिति 11. जीव/अमृत 12. विष्णु 13. द्युमद्गद्युति 14. ब्रह्म 15. समुद्रम्  


14 लोकों (भुवनों) के नाम:

1. भू: 2. भुवः 3. स्वः 4. मह: 5. जनः 6. तपः 7. सत्य 8. अतल 9. वितल 10. सुतल 11. तलातल 12. महातल 13. रसातल 14. पाताल


भूलोक के 7 भाग हैं, जिन्हें महाद्वीप (सप्तद्वीपा वसुमती) Continent कहते हैं:

1. जम्बूद्वीप (Asia) 2. प्लक्ष 3. शाल्मलि 4. कुश 5. क्रौन्च 6. शाक 7. पुष्कर 


जम्बूद्वीप के भीतर 9 खण्ड हैं:

1. भारतवर्ष 2. इलावृत्तवर्ष 3. रम्यकवर्ष 4. हिरण्यवर्ष 5. कुरुवर्ष 6. हरिवर्ष 7. किन्नरवर्ष 8. भद्राश्ववर्ष 9. केतुमालवर्ष


आर्यावर्त्त = वर्त्तमान भारत + पाकिस्तान + बांग्लादेश 

भारतवर्ष = आर्यावर्त्त + अफगानिस्तान (गान्धार) + म्यान्मार (ब्रह्मा) + भूटान + तिब्बत (त्रिविष्टप) + नेपाल + श्रीलंका + थाईलैंड (श्याम) + मलेशिया (मलय) + वियतनाम + इंडोनेशिया


सन्दर्भ ग्रन्थ:

ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, मनुस्मृति, सूर्यसिद्धान्त आदि

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

thanks for a lovly feedback

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top