सत्येंद्रनाथ बोस
(1 जनवरी 1894 – 4 फरवरी 1974)
सत्येंद्र नाथ बोस प्रसिद्ध गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री थे। भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं- बोसॉन और फर्मियान। इनमें से बोसॉन सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही है।
सत्येंद्र नाथ बोस एक भारतीय गणितज्ञ और भौतिकशास्त्री थे, जिन्होंने तार्किक भौतिकी पर काम के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्धता प्राप्त की। उन्हें बोस-आइन्स्टीन आंकड़े और बोस–आइन्स्टीन सिद्धांत की नींव रखने के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है।
रॉयल सोसायटी के एक सदस्य, उन्हें भारत सरकार द्वारा 1954 में दिया गया भारत का दूसरा उच्चतम नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, से सम्मानित किया गया।
उन धरात्मक तत्वों की श्रेणी, जो बोस सांख्यिकी का पालन करते हैं, बोसॉन के नाम पर पॉल डिरैक ने बोस के नाम पर रखा गया ।
बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी की खोज
सत्येंद्र नाथ बोस ने बाद में परमाणु के भीतर के उपपरमाणु कणों की जानकारी के लिए नई सांख्यिकी की खोज की, जिसे बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी कहा जाता है। इतना ही नहीं साल 2012 में खोजे गए गॉड पार्टिकल को भी वैज्ञानिकों ने बोस के नाम पर ही 'हिग्स-बोसोन कण' नाम दिया।
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