मेरी 100 खरब डालर इकट्ठी करने थी लेकिन अभी 10 खरब डालर हे

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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  अमेरिका का प्रसिद्ध उद्योगपति एंडस कार्नेगी अरबपति था। जब वो मरने लगा,तो उसने अपने सेक्रेटरी से पूछा ! देख, तेरा-मेरा जिंदगी भर का साथ रहा है ..

एक बात ,मैं तुमसे कई दिन से पूछना चाहता था ।

तुझे भगवान की कसम.. बिलकुल सच-सच बताना ..

अगर तेरे ,अंत समय ,परमात्मा तुझसे पूछे, कि तू अगले जन्म में.." कार्नेगी बनना चाहेगा या सेक्रेटरी " तो तू क्या जवाब देगा ?

तो सेक्रेटरी ने ,तुरंत जवाब दिया ! सर मैं तो ,सेक्रेटरी ही बनना चाहूंगा ।

कार्नेगी बोला ..क्यों ?

सेक्रेटरी बोला ,,मैं आपको 40 साल से देख रहा हूं ।दफ्तर में चपरासियों से भी पहले..आप आ धमकते हैं और सबके बाद में जाते हैं ।

आपने इतना अधिक धन इकट्ठा कर लिया है ,, लेकिन फिर भी,आप और अधिक के लिए ,निरंतर चिंतित रहते हैं .. इस कारण,आप ठीक से खाना भी नहीं खाते ,,रात में ठीक से सोते भी नहीं ..।

मैं तो स्वयं ही आपसे पूछने वाला था, कि सर,

" आप दौड़े तो बहुत ..लेकिन पहुंचे कहां "?

आपकी और अधिक पाने की लालसा और इसके लिए आपकी चिंता देखकर ही ..मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूं,.. कि हे भगवान ..तेरी बहुत बड़ी कृपा है ..जो तूने मुझे कार्नेगी नहीं बनाया ।

इस पर कार्नेगी ने ,अपने सेक्रेटरी से कहा,, मैं चाहता हूं मेरे मरने के बाद ,,तू अपना यह निष्कर्ष ,सारी दुनिया में प्रचारित-प्रसारित कर दे ।

तू बिल्कुल ठीक कह रहा है ..,मैं धनपति कुबेर हूं ,

लेकिन, मैंने कभी भी ,अपने काम से फुर्सत नहीं पाई 

कभी अपने बच्चों को, मैं समय नहीं दे पाया !!

और अपनी पत्नी से तो मैं ,अपरिचित ही रह गया , उससे बात करने का भी समय नहीं था मेरे पास..

और अपने मित्रों को भी ,मैंने सदा अपने से दूर ही रखा !!

बस, मैं अपने औद्योगिक साम्राज्य को ,,बढ़ाने की ही निरंतर चिंता करता रहा ।

लेकिन ,अब लग रहा है.. कि मैंने यह दौड़- भाग व्यर्थ ही की थी ।

क्योंकि अब तो मेरा सेक्रेटरी भी ..कुबेर बनना नहीं चाहता ।    

 मुझे कल किसी ने पूछा था, ?

"क्या तुम तृप्त होकर मर सकोगे ", तो मैंने कहा था , "तृप्ति कैसी " ?

मैं मात्र 10 खरब डॉलर छोड़कर मर रहा हूं .. जबकि.. 

मेरी 100 खरब डॉलर इकट्ठा करने की आकांक्षा थी ,,जो अभी मेरी अधूरी ही रह गई । ओम शांति।

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