Secure Page

Welcome to My Secure Website

This is a demo text that cannot be copied.

No Screenshot

Secure Content

This content is protected from screenshots.

getWindow().setFlags(WindowManager.LayoutParams.FLAG_SECURE, WindowManager.LayoutParams.FLAG_SECURE); Secure Page

Secure Content

This content cannot be copied or captured via screenshots.

Secure Page

Secure Page

Multi-finger gestures and screenshots are disabled on this page.

getWindow().setFlags(WindowManager.LayoutParams.FLAG_SECURE, WindowManager.LayoutParams.FLAG_SECURE); Secure Page

Secure Content

This is the protected content that cannot be captured.

Screenshot Detected! Content is Blocked

ON SPOT$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=2$va=0

Search This Blog

पापा की इज्जत

SHARE:

"पापा के पास कोई और शर्ट पैंट नहीं है क्या ? जब से देख रहा हूं यही तीन चार जोड़ी कपड़े लटकाए रहते हैं ।" कोचिंग से आकर पानी भी नहीं...

"पापा के पास कोई और शर्ट पैंट नहीं है क्या ? जब से देख रहा हूं यही तीन चार जोड़ी कपड़े लटकाए रहते हैं ।" कोचिंग से आकर पानी भी नहीं पिया सीधा मां को शिकायत सुनाने लगा । 

"क्या हुआ आज फिर किसी ने पापा पर कमेंट कर दिया क्या ?" छत से लाए कपड़ों को तह लगाते हुए मां ने कहा । 

"और नहीं तो क्या । पापा का नाम ही चेक शर्ट वाले अंकल रख दिया है सबने । और ना जाने क्या क्या कहते रहते हैं ।" वो एकदम से रुआंसा हो गया । मानों अभी रो देगा । 

"किसी के बोलने से क्या होता है । बच्चे तो ऐसे ही लड़ते हैं । तू खुद हरीश के पापा को किस नाम से बुलाता है याद है तुझे ।" वो समझ गया कि मां पापा की ही साइड लेंगी इसीलिए चुपचाप अपने कमरे में चला गया । 

 पापा तक हर बात पहुंच जाती थी । उनका जानना ज़रूरी भी था कि उनका बेटा उनके बारे में क्या सोचता है । वो हर बात सुनते और बस मुस्कुरा कर रह जाते । इंसान अगर समझदार है तो वो कभी भी छोटी छोटी बातों पर प्रतिक्रिया नहीं देता । 

 सारे दिन का थका हुआ होता है, चाहता है कि अब घर में कुछ ऐसा ना हो जो थकान इतनी बढ़ जाए कि फिर उतरे ही ना । ऐसा भी नहीं कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता । पड़ता भी है मगर वो बताते नहीं । 

 इसी फर्क के कारण उन्हें ऐसा कुछ सुनने पर घंटे भर बाद नींद आती है । एक करवट लेटे वो सोचते रहते हैं कि आखिर बच्चों के लिए क्या ऐसा करें कि वे उनसे खुश रह सकें, उन पर गर्व कर सकें । 

  हर तीसरे दिन मां के पास पापा की कोई ना कोई शिकायत पहुंच जाया करती थी । पापा ऐसा क्यों करते हैं, पापा के पास पुराना स्कूटर क्यों है, नई गाड़ी या बाइक क्यों नहीं ? पापा ने ये नहीं दिलाया, पापा कहीं अच्छी जगह घुमाने क्यों नहीं ले गए कभी, पापा बाक़ी दोस्तों के पापा लोग की तरह अमीर क्यों नहीं ? 

  ऐसी ही शिकायतों के साथ हर साल की तरह ये साल भी बीत गया । बेटे का इस साल इंटर था । रिजल्ट आया तो मर मर कर किसी तरह पास हुआ था । मैट्रिक में जिस लड़के के 82% थे, इंटर में वो 53% पर ही पहुंच पाया । शाम को पापा आए तो घर में मैय्यत का सन्नाटा पसरा था । बेटे साहब अपने कमरे में दुबके पड़े थे । 

  "कहां है ?" बैग टेबल पर रखते ही पापा ने पहला सवाल यही किया । शायद ऑफिस में ही रिजल्ट देख लिया था । 

  "जाने दीजिए ना, पहले ही बहुत डरा हुआ है ।" मां पापा के मूड को भांप गई थी इसलिए चाह रही थी कि फिलहाल बेटा इनके सामने ना ही आए तो अच्छा है । 

"उसे बुलाओ जल्दी और ये अपनी ममता ना साल भर के लिए बचा कर रखो । साल भर हम हर गलती माफ करते हैं । कभी बोलने नहीं जाते मगर आज तुम्हारी ये ममता एक पिता के गुस्से को रोंक नहीं सकती । यहां बुलाओ उसे, अगर हम कमरे में चले गए तो आज लात बांह छिटका देंगे ।"

  मां समझ गई कि पिता का गुस्सा तूफान बन चुका है और उस तूफान को ये ममता का छाता रोक ना पाएगा । किसी भी घर में ऐसा समय माओं को दुविधा में डाल देता है । 

  मां उसे कमरे से समझा बुझा कर लाई । जो अक्सर पिता के बारे में नुक्स निकालता रहता था आज एकदम सहमा हुआ सा खड़ा था । पापा ने उसे एक बार ऊपर से नीचे तक देखा । 

  "तो फिर बताओ कि इतने कम नंबर किस वजह से आए तुम्हारे ? क्या इसका कारण ये है कि हमारे पास सिर्फ़ चार जोड़ी कपड़े ही हैं जो हमने सालों पहले सिलवाए थे ? या फिर हमारी पुरानी स्कूटर के कारण तुम नंबर ना ला पाए ? या फिर हम अमीर नहीं हैं तुम्हारे दोस्त के पापा लोग की तरह इस वजह से तुम्हारे नंबर काट लिए गए ?"

  पापा के इन तानों को सुन कर बेटे ने एक बार मां की तरफ देखा और फिर से सिर झुका लिया । उसे महसूस हो गया कि ए बातें तो मैं मम्मी से अकेले में कही थी तो पापाजी तक मम्मी के अलावा कोई नहीं पहुंचा सकता ? 

"मन में कोई वहम हो तो चलो तुमको कल ही गांव ले चलते हैं अपने और वहां मिलवाते हैं अपने पुराने साथियों से । वे सब तुम्हें बताएंगे कि हम क्या चीज़ थे । महीने का कलेंडर बाद में बदलता था मगर हम अपने जूते और कपड़े पहले बदल लेते थे । पूरे जिले भर में इकलौती राजदूत बाइक थी हमारे पास ।

  उसकी आवाज़ से ही कोई कह देता था कि भूरे भईया होंगे । और एक हमारे पिता जी थे वही दो जोड़ी धोती और दो चलानी गंजी लटकाए रहते थे । तुम लोगों जितना दिमाग नहीं चढ़ा था हमारा लेकिन फिर भी सोच लेते थे कभी कभी कि आखिर पैसा रख कर करेंगे क्या, जब तन पर एक ठो अच्छा कपड़ा नहीं है ।" 

 बेटे का सिर अभी भी झुका था । शायद वो समझ ही नहीं पा रहा था कि पापा ये सब मुझे क्यों बता रहे हैं । 

"वक़्त बदला, हालात भी बदल गए । पिता जी असमय चले गए । उनके जाने के बाद बुद्धि खुली । समझ आ गया कि पिता के होते तक ही मौज है। उसके बाद तो जरूरतें पूरी हो जाएं वही बहुत है । खुद को जानते थे हम । पता था कि खुद को खेत में जोत कर कुछ खास कर नही पाएंगे इसलिए पढ़ाई में मन लगाने लगे । किस्मत अच्छी रही कि नौकरी मिल गई । आधी बुद्धि तो पिता जी के जाते ही खुल गई और आधी खुली जब तुम हुए ।" पापा आज अपनी पूरी भड़ास निकल देने के मूड में थे । 

"तुम्हारे पैदा होने के बाद हमें समझ आया कि पिता जी वो दो जोड़ी धोती और गंजी में कैसे सालों बिता देते थे । ये जो तुम अमीर घरों के बच्चों के बीच पढ़ते हुए हमारे पैंट शर्ट पर शर्मिंदगी महसूस करते हो, महंगा फोन चलाते हो, वो लैपटॉप जो लिए हो पढ़ने के लिए और चलाते गेम और फिल्में हो, ये कपड़े जूते, ये सब इसीलिए हैं क्योंकि हमारे पास सालों से सिर्फ़ चार जोड़ी कपड़े हैं । हम ऐश कर पाए क्योंकि हमारे पिता के पास केवल दो जोड़ी कपड़े थे । ऐसा थोड़े ना है कि हमारा मन नहीं करता बन ठन के रहने का, अच्छा पहनने अच्छा खाने का लेकिन हम मन मारते हैं सिर्फ़ इसलिए कि तुम्हारे मन का हो सके और बदले में क्या चाहते हैं तो बस यही कि तुम पढ़ाई में अच्छा करो ।" 

"पापा मैं....वो...।" इससे ज़्यादा वो कुछ बोल नहीं पाया । 

"हां हां, बताओ क्या वो ? अरे अब तो वो ज़माना भी नहीं रहा कि तुमको सिर्फ़ पढ़ने के लिए कहें । बताओ हमको कि पढ़ाई से ध्यान हटा कर तुम कौन से खेल या कला में आगे बढ़े हो ? बताओ कि हमारी मेहनत की कमाई, हमारे त्याग और हम जो अपने ही बच्चे से बेज्जती सहते हैं, उसके बदले क्या मिला है हमको ?" बेटे के पास इसका कोई जवाब नहीं था । वो कैसे कहता कि उसका सारा ध्यान तो खुद और अपने साथ के बच्चों के बीच का फर्क नापने में गया है । 

"तुम पढ़ाई में अच्छे हो, ये हम जानते हैं । ना होते तो हम कुछ कहते ही नहीं । तुम अच्छा कर सकते हो लेकिन दिक्कत पता क्या है ? तुम ना अभी से हैसीयत नापने लगे हो । इतना क्रिकेट देखते और खेलते हो कभी ये नहीं सीखे कि पहले ही ओवर में 25 30 रन बना देने वाला बड़ा खिलाड़ी नहीं होता । बड़ा खिलाड़ी वो है जो अंत तक मैदान में खड़ा रहता है और जिसका कुल स्कोर उसकी टीम को जिताता है । बेटा शुरुआत कोई नहीं देखता यहां सबको अंजाम से मतलब है । अभी से हैसीयत देखोगे तो कुछ हाथ नहीं आएगा । अभी तो वक़्त है खुद की हैसीयत बनाने का । ध्यान दो वर्ना कुछ भी हासिल नहीं कर पाओगे ।" बेटा अभी भी सिर झुकाए वहां खड़ा था ।

"अब जाओ, इतना ही कहने को बुलाए थे । अभी समझ आ जाए तो अच्छा है वर्ना बाद में सिवाए पछताने के कुछ कर नहीं पाओगे ।" मां कुछ नहीं बोली बस पापा को देखती रही । 

 अगले दिन पापा ऑफिस से आए तो बेटा सिर झुकाए सामने खड़ा था । पापा ने बैग टेबल पर रखा और अपने थके शरीर को सोफे पर पटक दिया । 

"पापा ।" 

"हम्म्म्म ।"

"एडमिशन करा ली मैंने ।" 

"अच्छी बात है । कौन से सबजेक्ट लिए हो ।" 

"वही साइंस ही ।"

"इंटर में देख ही लिए हो कि साइंस नहीं हो पाएगा तो कुछ और देख लेते ।" 

"फिर से इंटर में ही एडमिशन लिया है । एक साल तो बर्बाद जाएगा मगर इस बार अच्छे नंबर आएंगे । पूरी मेहनत करूंगा ।" बेटे ने डरते हुए कहा । पापा मुस्कुराए । 

"पढ़ना तुमको है बेटा । हम बस ये चाहते हैं कि अच्छा बुरा के बीच का फर्क जान जाओ । और ध्यान रखना कि अगर मेहनत होती रहे तो साल कभी बर्बाद नहीं जाता ।" बेटा पिता की बातों को समझ गया था ये देख कर पिता को अच्छा लगा । 

 कुछ देर बाद बेटा अंदर से एक पैकेट ले कर आया और पापा को थमा दिया । पापा ने पैकेट देखते पूछा "ये क्या है ?" इतना कहते हुए उन्होंने पैकेट भी खोल लिया । 

"शर्ट है पापा । अपनी पॉकेट मनी से लाया हूं । समझ आ गया है कि आप मेरे लिए खुद की जरूरतों पर खर्च करने से भी डरते हैं लेकिन मैं तो अपने खर्च में कटौती कर के आपके लिए कुछ ला सकता हूं ना ।" पापा बेटे को देखते रहे । उनका मन हुआ कि उठ कर गले लगा ले उसे मगर इतना खुले नहीं थे ना उससे । 

"और मां के लिए ?" पीछे खड़ी मां ने खुद के आँसुओं को रोंकते हुए कहा । 

"वो पापा ले आएंगे ना ।" इस बात पर सबके चेहरे पर हंसी आ गई । 

बेटा आगे क्या करेगा ये तो पता नहीं लेकिन अब से पापा की इज़्ज़त ज़रूर करेगा ये पक्का है ।

COMMENTS

BLOGGER

POPULAR POSTS$type=three$author=hide$comment=hide$rm=hide

TOP POSTS (30 DAYS)$type=three$author=hide$comment=hide$rm=hide

Name

about us,2,AKTU,1,BANK EXAM,1,Best Gazzal,1,bhagwat darshan,3,bhagwatdarshan,2,birthday song,1,BPSC,2,CBSE,2,computer,40,Computer Science,41,contact us,1,COURSES,1,CPD,1,darshan,16,Download,4,DRDO,1,EXAM,1,Financial education,2,Gadgets,1,GATE,1,General Knowledge,34,JEE MAINS,1,Learn Sanskrit,3,medical Science,1,Motivational speach,1,PAPER I,14,POINT I,5,POINT II,3,POINT III,2,POINT IV,2,POINT V,2,poojan samagri,4,Privacy policy,1,psychology,1,RECRUITMENT,9,Research techniques,41,RESULT,2,RPSC,1,RSMSSB,1,Science,1,solved question paper,3,sooraj krishna shastri,6,Sooraj krishna Shastri's Videos,60,SPORTS,4,SSC,1,SYLLABUS,1,TGT,1,UGC NET/JRF,16,UKPSC,1,UNIT I,13,UNIT II,1,University,1,UP PGT,1,UPSC,2,World News,1,अध्यात्म,202,अनुसन्धान,26,अन्तर्राष्ट्रीय दिवस,10,अभिज्ञान-शाकुन्तलम्,5,अष्टाध्यायी,1,आओ भागवत सीखें,16,आज का समाचार,46,आधुनिक विज्ञान,22,आधुनिक समाज,153,आयुर्वेद,49,आरती,8,ईशावास्योपनिषद्,21,उत्तररामचरितम्,35,उपनिषद्,34,उपन्यासकार,1,ऋग्वेद,16,ऐतिहासिक कहानियां,4,ऐतिहासिक घटनाएं,16,कथा,10,कबीर दास के दोहे,1,करवा चौथ,1,कर्मकाण्ड,123,कादंबरी श्लोक वाचन,1,कादम्बरी,2,काव्य प्रकाश,1,काव्यशास्त्र,32,किरातार्जुनीयम्,3,कृष्ण लीला,2,केनोपनिषद्,10,क्रिसमस डेः इतिहास और परम्परा,9,खगोल विज्ञान,3,गजेन्द्र मोक्ष,1,गीता रहस्य,2,ग्रन्थ संग्रह,1,चाणक्य नीति,2,चार्वाक दर्शन,4,चालीसा,6,जन्मदिन,1,जन्मदिन गीत,1,जयंती,1,जयन्ती,4,जीमूतवाहन,1,जैन दर्शन,3,जोक,6,जोक्स संग्रह,5,ज्योतिष,52,तन्त्र साधना,2,दर्शन,36,देवी देवताओं के सहस्रनाम,1,देवी रहस्य,1,धर्मान्तरण,5,धार्मिक स्थल,50,नवग्रह शान्ति,3,नीतिशतक,27,नीतिशतक के श्लोक हिन्दी अनुवाद सहित,7,नीतिशतक संस्कृत पाठ,7,न्याय दर्शन,18,परमहंस वन्दना,3,परमहंस स्वामी,2,पारिभाषिक शब्दावली,1,पाश्चात्य विद्वान,1,पुराण,1,पूजन सामग्री,7,पूजा विधि,2,पौराणिक कथाएँ,73,प्रत्यभिज्ञा दर्शन,1,प्रश्नोत्तरी,41,प्राचीन भारतीय विद्वान्,100,बर्थडे विशेज,5,बाणभट्ट,1,बौद्ध दर्शन,1,भगवान के अवतार,4,भजन कीर्तन,39,भर्तृहरि,18,भविष्य में होने वाले परिवर्तन,12,भागवत,4,भागवत : गहन अनुसंधान,29,भागवत अष्टम स्कन्ध,28,भागवत अष्टम स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत एकादश स्कन्ध,31,भागवत एकादश स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत कथा,136,भागवत कथा में गाए जाने वाले गीत और भजन,7,भागवत की स्तुतियाँ,4,भागवत के पांच प्रमुख गीत,6,भागवत के श्लोकों का छन्दों में रूपांतरण,1,भागवत चतुर्थ स्कन्ध,31,भागवत चतुर्थ स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत तृतीय स्कंध(हिन्दी),13,भागवत तृतीय स्कन्ध,33,भागवत दशम स्कन्ध,91,भागवत दशम स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत द्वादश स्कन्ध,13,भागवत द्वादश स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत द्वितीय स्कन्ध,10,भागवत द्वितीय स्कन्ध(हिन्दी),10,भागवत नवम स्कन्ध,38,भागवत नवम स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत पञ्चम स्कन्ध,26,भागवत पञ्चम स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत पाठ,58,भागवत प्रथम स्कन्ध,22,भागवत प्रथम स्कन्ध(हिन्दी),19,भागवत महात्म्य,3,भागवत माहात्म्य,18,भागवत माहात्म्य स्कन्द पुराण(संस्कृत),2,भागवत माहात्म्य स्कन्द पुराण(हिन्दी),2,भागवत माहात्म्य(संस्कृत),2,भागवत माहात्म्य(हिन्दी),9,भागवत मूल श्लोक वाचन,55,भागवत रहस्य,55,भागवत श्लोक,7,भागवत षष्टम स्कन्ध,19,भागवत षष्ठ स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत सप्तम स्कन्ध,15,भागवत सप्तम स्कन्ध(हिन्दी),1,भागवत साप्ताहिक कथा,9,भागवत सार,35,भारतीय अर्थव्यवस्था,15,भारतीय इतिहास,22,भारतीय उत्सव,3,भारतीय दर्शन,5,भारतीय देवी-देवता,8,भारतीय नारियां,3,भारतीय पर्व,56,भारतीय योग,3,भारतीय विज्ञान,38,भारतीय वैज्ञानिक,2,भारतीय संगीत,2,भारतीय सम्राट,3,भारतीय संविधान,1,भारतीय संस्कृति,4,भाषा विज्ञान,16,मनोविज्ञान,4,मन्त्र-पाठ,8,मन्दिरों का परिचय,1,महा-शिव-रात्रि व्रत,6,महाकुम्भ 2025,7,महापुरुष,46,महाभारत रहस्य,35,महीसुर -महिमा -माला,4,मार्कण्डेय पुराण,1,मुक्तक काव्य,19,यजुर्वेद,3,युगल गीत,1,योग दर्शन,1,रघुवंश-महाकाव्यम्,5,राघवयादवीयम्,1,रामचरितमानस,5,रामचरितमानस की विशिष्ट चौपाइयों का विश्लेषण,129,रामायण के चित्र,19,रामायण रहस्य,66,राष्ट्रीय दिवस,6,राष्ट्रीयगीत,1,रील्स,7,रुद्राभिषेक,1,रोचक कहानियाँ,159,लघुकथा,38,लेख,184,वास्तु शास्त्र,14,वीरसावरकर,1,वेद,3,वेदान्त दर्शन,9,वैदिक कथाएँ,38,वैदिक गणित,2,वैदिक विज्ञान,2,वैदिक संवाद,23,वैदिक संस्कृति,33,वैशेषिक दर्शन,13,वैश्विक पर्व,10,व्रत एवं उपवास,41,शायरी संग्रह,4,शिक्षाप्रद कहानियाँ,130,शिव रहस्य,3,शिव रहस्य.,5,शिवमहापुराण,15,शिशुपालवधम्,2,शुभकामना संदेश,7,श्राद्ध,1,श्रीमद्भगवद्गीता,23,श्रीमद्भागवत महापुराण,17,सनातन धर्म,4,सरकारी नौकरी,11,सरस्वती वन्दना,1,संस्कृत,11,संस्कृत काव्य पाठ,1,संस्कृत गीतानि,37,संस्कृत बोलना सीखें,13,संस्कृत में अवसर और सम्भावनाएँ,6,संस्कृत व्याकरण,26,संस्कृत श्लोक,21,संस्कृत साहित्य,13,संस्कृत: एक वैज्ञानिक भाषा,1,संस्कृत:वर्तमान और भविष्य,6,संस्कृतलेखः,2,सांख्य दर्शन,6,साहित्यदर्पण,23,सुभाषितानि,29,सुविचार,26,सूरज कृष्ण शास्त्री,455,सूरदास,1,स्तोत्र पाठ,62,स्वास्थ्य और देखभाल,8,हमारी प्राचीन धरोहर,1,हमारी विरासत,7,हमारी संस्कृति,105,हँसना मना है,6,हिन्दी रचना,34,हिन्दी साहित्य,5,हिन्दू तीर्थ,3,हिन्दू धर्म,4,होली पर्व,3,
ltr
item
भागवत दर्शन: पापा की इज्जत
पापा की इज्जत
भागवत दर्शन
https://www.bhagwatdarshan.com/2023/12/blog-post.html
https://www.bhagwatdarshan.com/
https://www.bhagwatdarshan.com/
https://www.bhagwatdarshan.com/2023/12/blog-post.html
true
1742123354984581855
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content