अव्ययीभाव समास

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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Maharshi #Panini grammar
Maharshi Panini grammar

अव्ययीभाव समास की परिभाषा

सूत्र -पूर्वपदप्रधानोऽव्ययीभावः । 

  अर्थात् अव्ययीभावसमासे पदद्वयं भवति । प्रथमं पदमव्ययं तथा उत्तरपदं सुबन्तं भवति । समासे सति पदद्वयमपि अव्ययं भवति ।

  "जिस समास में पूर्व पद या पहला पद प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहा जाता है।" इसमें प्रथम पद अव्यय और दूसरा पद सुबन्त होता है। समास होने के बाद दोनों मिलकर अव्यय पद बन जाते हैं।

अव्ययीभाव समास के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण

1. विभक्त्यर्थे - अधिहरि: - हरौ इति

2. समीपे - उपगंगम् - गंगायाः समीपम्

3. समृद्धि - सुमद्रम् - मद्राणां समृद्धिः

4. व्यृद्ध्यर्थे - दुर्यवनम् - यवनानां व्यृद्धिः

5. अभावे - निर्विघ्नम् - विघ्नानामभावः

6. अत्यय - अतिबाधम् - बाधाया: अत्ययः

7. असम्प्रति - अतिक्रोधम् - क्रोधः सम्प्रति न युज्यते

8. शब्दप्रादुर्भावे - इतिहरि: - हरेः प्रादुर्भावः

9. पश्चात् - अनुगृहम् - गृहस्य पश्चात्

10. योग्यता - अनुरूपम् - रूपस्य योग्यम्

11. प्रतिगृहम् - गृहं गृहं प्रति

12. यथा - यथाज्ञानम् - ज्ञानमनतिक्रम्य

13. यौगपद्य - सचक्रम् - चक्रेण युगपत्

14. सादृश्य - सहरिः - हरेः सदृशः

15. सम्पत्ति - सक्षत्रि: - क्षत्राणां सम्पत्तिः

16. साकल्य- सतृणम् - तृणमपि अपरित्यज्य

17. अन्त - साग्निम् - अग्निग्रन्थपर्यन्तम्


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