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मंगल दोष के कुछ प्रभावी एवं लाभकारी उपाय |
मंगल दोष की वजह से विवाह में देरी हो तो ये उपाय जरूर करने चाहिए। माना जाता है कि इन उपायों को करने से विवाह में आ रही बाधाएं जल्द दूर होती हैं और शीघ्र विवाह होता है।
- जिन जातकों की जन्म कुंडली के 1,4,7,8 और 12 वें भाव में मंगल होता है, उन्हें मांगलिक दोष होता है। इस दोष के कारण जातक को कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे - उनके भूमि से संबंधित कार्यो में बाधा आती है। विवाह में विलंब होता है। ऋण से मुक्ति नहीं मिलती, वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है ।
- अगर किसी युवती के विवाह में मंगल की वजह से बाधा आ रही है तो शुक्ल पक्ष के मंगलवार को भगवान राम-सीता व हनुमानजी के चित्र की स्थापना करें और दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
- बंदरों व कुत्तों को गुड व आटे से बनी मीठी रोटी खिलाएं ।
- मंगल चन्द्रिका स्तोत्र का पाठ करना भी लाभ देता है ।
- माँ मंगला गौरी की आराधना से भी मंगल दोष दूर होता है ।
- कार्तिकेय जी की पूजा से भी मंगल दोष के दुष्प्रभाव में लाभ मिलता है ।
- मंगलवार को बताशे व गुड की रेवड़ियाँ बहते जल में प्रवाहित करें।
- आटे की लोई में गुड़ रखकर गाय को खिला दें ।
- मंगली कन्यायें गौरी पूजन तथा श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध के २२ वें अध्याय के चौथे श्लोक(मन्त्र - कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः) का जप अवश्य करें ।
- मांगलिक वर अथवा कन्या को अपनी विवाह बाधा को दूर करने के लिए मंगल यंत्र की नियमित पूजा अर्चना करनी चाहिए।
- मंगल दोष द्वारा यदि कन्या के विवाह में विलम्ब होता हो तो कन्या को शयनकाल में सर के नीचे हल्दी की गाठ रखकर सोना चाहिए और नियमित सोलह गुरूवार पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना चाहिए
- मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से व हनुमान जी को सिन्दूर एवं चमेली का तेल अर्पित करने से मंगल दोष शांत होता है ।
- महामृत्युजय मंत्र का जप हर प्रकार की बाधा का नाश करने वाला होता है, महामृत्युजय मंत्र का जप करा कर मंगल ग्रह की शांति करने से भ ी वैवाहिक व दांपत्य जीवन में मंगल का कुप्रभाव दूर होता है ।
- यदि कन्या मांगलिक है तो मांगलिक दोष को प्रभावहीन करने के लिए विवाह से ठीक पूर्व कन्या का विवाह शास्त्रीय विधि द्वारा प्राण प्रतिष्ठित श्री विष्णु प्रतिमा से करे, तत्पश्चात विवाह करे ।
- यदि वर मांगलिक हो तो विवाह से ठीक पूर्व वर का विवाह तुलसी के पौधे के साथ या जल भरे घट (घड़ा) अर्थात कुम्भ से करवाएं।
- यदि मंगली दंपत्ति विवाहोपरांत लालवस्त्र धारण कर तांबे के पात्र में चावल भरकर एक रक्त पुष्प एवं एक रुपया पात्र पर रखकर पास के किसी भी हनुमान मन्दिर में रख आये तो मंगल के अधिपति देवता श्री हनुमान जी की कृपा से उनका वैवाहिक जीवन सदा सुखी बना रहता है ।
मांगलिक-दोष दूर करने हेतु मंगल देव के इन 21 नाम नित्य पाठ करें —
1. ऊँ मंगलाय नम:
2. ऊँ भूमिपुत्राय नम:
3. ऊँ ऋणहर्त्रे नम:
4. ऊँ धनदाय नम:
5. ऊँ सिद्धमंगलाय नम:
6. ऊँ महाकाय नम:
7. ऊँ सर्वकर्म विरोधकाय नम:
8. ऊँ लोहिताय नम:
9. ऊँ लोहितवर्णाय नम:
10. ऊँ कृपाकराय नम:
11. ऊँ धरात्मजाय नम:
12. ऊँ कुजाय नम:
13. ऊँ रक्ताय नम:
14. ऊँ भूमि पुत्राय नम:
15. ऊँ भूमिदाय नम:
16. ऊँ अंगारकाय नम:
17. ऊँ यमाय नम:
18. ऊँ सर्वरोगापहारिणे नम:
19. ऊँ सृष्टिकर्त्रे नम:
20. ऊँ प्रहर्त्रे नम:
21. ऊँ सर्वकामफलदाय नम:
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