लापता लोगों की वापसी के योग यदि कुंडली में चंद्रमा और लग्नेश केंद्र के अलावा किसी अन्य घर में मौजूद हैं और केंद्र में मौजूद ग्रहों के सा...
लापता लोगों की वापसी के योग
- यदि कुंडली में चंद्रमा और लग्नेश केंद्र के अलावा किसी अन्य घर में मौजूद हैं और केंद्र में मौजूद ग्रहों के साथ इशरफ योग बना रहे हैं, तो प्रवासी ने घर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
- यदि सभी ग्रह लग्न, तृतीय भाव और अष्टम भाव में मौजूद हों तो प्रवासी घर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर चुका है।
- यदि सप्तम भाव में बलवान चंद्रमा मौजूद हो तो प्रवासी घर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर चुका होता है।
- यदि लग्न का स्वामी 2, 3, 8 या नवम भाव में हो तो प्रवासी ने घर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
- यदि कुंडली में चार लग्न मौजूद हों और उन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो प्रवासी ने घर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
- यदि अष्टम भाव में चंद्रमा हो और केंद्र में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो प्रवासी लाभ लेकर वापस आएगा।
- यदि अष्टम भाव में चंद्रमा हो और केंद्र में अशुभ ग्रह हो तो प्रवासी हानि लेकर आएगा।
- यदि लग्न में चंद्रमा स्थित हो और लग्नेश के साथ इत्थशाल योग बना रहा हो तो प्रवासी वापस आएगा।
- यदि चंद्रमा बारहवें भाव में स्थित हो और लग्नेश के साथ इत्थशाल योग बना रहा हो तो प्रवासी या लापता व्यक्ति वापस आ जाएगा।
- यदि प्रश्न पूछते समय कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में हो तो प्रवासी वापस आ जाएगा।
- यदि सभी ग्रह पहले, दूसरे और तीसरे भाव में मौजूद हों तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाएगा।
- यदि पहले, दूसरे और तीसरे भाव में शुभ ग्रह मौजूद हो तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाता है।
- यदि बृहस्पति और शुक्र पहले, दूसरे और तीसरे भाव में एक साथ मौजूद हों तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाता है।
- यदि सूर्य, बुध और शुक्र एकादश भाव में स्थित हों तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाता है।
- यदि त्रिकोण भाव में बुध और शुक्र मौजूद हों तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाएगा।
- यदि कुंडली में द्विस्वभाव लग्न हो और सभी ग्रह पन्फर भाव में मौजूद हों तो खोया हुआ व्यक्ति या प्रवासी वापस आ जाएगा।
- यदि लग्नेश लग्न में स्थित ग्रह के साथ इत्थशाल योग बनाये तो खोया हुआ व्यक्ति वापस आ जाता है।
- किसी प्रवासी या लापता व्यक्ति के वापस लौटने के योग तब भी बनते हैं जब लग्न का स्वामी दूसरे या आठवें भाव में मौजूद हो और दशम भाव के स्वामी या दशम भाव में मौजूद किसी ग्रह के साथ इत्थशाल योग बना रहा हो।
- ये योग तब भी बनते हैं जब लग्नेश वक्री अवस्था में हो और उसकी दृष्टि चंद्रमा पर हो। घर न लौटने के योग
- यदि कुंडली में चर लग्न मौजूद हो और लग्नेश की लग्न पर दृष्टि हो।
- यदि स्थिर लग्न या द्विस्वभाव लग्न कुंडली में मौजूद हो और अपने ग्रह स्वामी या किसी शुभ ग्रह से दृष्ट या युत हो।
- यदि चतुर्थ और दशम भाव में शुभ ग्रह मौजूद हो तो प्रवासी या लापता व्यक्ति वापस आने को तैयार नहीं होता है।
- यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों से घिरा हो तो प्रवासी वापस आने को इच्छुक नहीं होता।
- यदि चंद्रमा अशुभ ग्रहों से घिरा हो तो प्रवासी शत्रुओं के साथ होता है और वापस नहीं आता।
- यदि बारहवें भाव में सूर्य, बुध और शुक्र हों तो प्रवासी वापस नहीं आएगा।
- यदि लग्नेश 1, 2, 3, 11 और 12वें भाव में हो और केंद्र में पाप ग्रह हो तो प्रवासी वापस नहीं आएगा।
- यदि लग्नेश दूसरे या आठवें घर में स्थित हो और चौथे या आठवें घर में मौजूद ग्रह के साथ इत्थशाल संबंध बना रहा हो, तो प्रवासी वापस नहीं आएगा।
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