वैशेषिक दर्शन प्रश्नोत्तरी भाग 4

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
By -

 प्रश्न - पृथिवी का क्या लक्षण है ?

उ.  गन्धवती पृथिवी है  -  "गन्धवती पृथिवी " ।

प्रश्न - वैशेेषिक दर्शन के अनुसार पृथिवी के कितने भेद हैं ?

उ. दो(2) - 1. नित्या (परमाणुरूपा) 2. अनित्या (कार्यरूपा) तथा वही शरीर, इन्द्रिय और विषय के भेद से तीन प्रकार की हो जाती है।

प्रश्न - पृथिवी का असाधारण धर्म क्या है ?

उ. गन्ध ।

प्रश्न - गन्ध पृथिवी के अतिरिक्त अन्यत्र नहीं प्राप्त होता परन्तु अन्य द्रव्यों में गन्ध प्रतीति किस प्रकार  होती है ?

उ. औपाधिक ।

प्रश्न - अप् (जल) का क्या लक्षण है ?

उ.  "शीतस्पर्शवत्य आप: " अर्थात् - शीत स्पर्श से युक्त जल है।

प्रश्न - अप् (जल) के कितने भेद हैं ?

उ. दो(2) - 1. नित्य (परमाणुरूप)  2. अनित्य (कार्यरूप) ।

प्रश्न - अनित्य अप्(जल) के कितने भेद हैं ?

उत्तर-  तीन(3) - 1.  शरीर(वरुणलोक में)

                         2.  इन्द्रिय(जिह्वा)

                         3.  विषय(सरित् समुद्र आदि में) ।

प्रश्न - तेज का क्या लक्षण है ?

उ. उष्णस्पर्शवत्तेजः(उष्ण अर्थात् गर्म स्पर्श वाला तेज है)।

प्रश्न - तेज के कितने भेद हैं ?

उत्तर - दो(2) - 1. नित्य(परमाणु रूप) 2. अनित्य(कार्यरूप)

प्रश्न - अनित्य तेज के कितने भेद हैं ?

उत्तर - तीन(3) 1. शरीर(आदित्यलोक में)

                       2. इन्द्रिय(कृष्णताराग्रवर्ती)

                       3. विषय

प्रश्न  - तेजगत विषय के कितने रूप हैं ?

उत्तर - चार(4) - 1. भौम(प्रत्यक्ष अग्नि)

                         2. दिव्य(विद्युतीय, आकाशीय, और जलीय अग्नि)

                         3. औदार्य(उदरणी अग्नि)

                         4. आकरज(सुवर्ण आदि का तेज)

प्रश्न - वायु का क्या लक्षण है ?

उत्तर - 'रूपरहितस्पर्शवान् वायुः (रूप से रहित और स्पर्शयुक्त वायु है)।

प्रश्न - वायु के कितने भेद हैं ?

उत्तर - दो(2) -1. नित्य(परमाणुरूप) 2. अनित्य(कार्यरूप)।

प्रश्न - अनित्य वायु के कितने भेद हैे ?

उत्तर - तीन(3) - 1. शरीर(वायुलोक में)

                         2. इन्द्रिय(त्वक् -त्वचा में)

                         3. विषय

प्रश्न - वायुगत विषय के कितने रूप हैं ?

उत्तर - दो(2) - 1. वृक्ष आदि के कम्पन का हेतु ।

                      2. शरीर के भीतर संचरण करने वाली वायु

प्रश्न - शरीर के भीतर संचरण करने वाली वायु के कितने भेद हैं ?

उत्तर - पाँच(5) 1. प्राणवायु(हृदय में)

                       2. अपान वायु(गुदा में)

                       3. व्यान वायु(समस्त शरीर में)

                       4. उदान वायु(कण्ठ में)

                       5. समान वायु(नाभि में)

प्रश्न - आकाश का क्या लक्षण है ?

उत्तर - शब्दगुणकमाकाशम्(शब्द गुण से युक्त आकाश है)।

प्रश्न- आकाश द्रव्य के कितने भेद हैं ?

उत्तर - एक(1) -  विभु, नित्य, एक और शब्दगुण सम्पन्न है

प्रश्न - शब्द किसका गुण है ?

उत्तर -  केवल आकाश का ।

प्रश्न - आकाश को विभु क्यों कहा गया है ?

उत्तर - समस्त मूर्त पदार्थों से सम्बन्ध होने के कारण।

प्रश्न - आकाश को नित्य क्यों कहा गया है ?

उत्तर - आकाश का कभी विनाश न होने से ।

प्रश्न -  किस दर्शन में आकाश को शब्दतन्मात्रा से उत्पन्न महाभूत की संज्ञा प्रदान की गयी है ?

उत्तर - सांख्यदर्शन में ।

प्रश्न - कौन दार्शनिक शब्द और आकाश दोनों को स्वतन्त्र द्रव्य मानते हुए आकाश को प्रत्यक्ष मानते हैं ?

उत्तर - भाट्टमीमांसक।

प्रश्न - वैशेषिक दर्शन के अनुसार आकाश क्या है ?

उत्तर - अनुमेय ।

प्रश्न - वेदान्त के अनुसार आकाश क्या है ?

उत्तर - ब्रह्म।

प्रश्न - जैन दर्शन आकाश को क्या मानता है ?

उत्तर - द्रव्य

प्रश्न - "शब्द केवल आकाश का गुण है" यह किस महर्षि की मान्यता है ?

उत्तर - महर्षि कणाद की ।

प्रश्न - काल का क्या लक्षण है ?

उत्तर - अतीतादिव्यवहारहेतुः कालः(अतीतादि व्यवहार का हेतु काल है, वह भी विभु नित्य और एक है)।

प्रश्न - कौन उत्पत्ति स्थिति विनाश का हेतु उपाधित्रय से युक्त होता है

उत्तर - काल।

प्रश्न - काल को सबका आधार और सभी कार्यों के प्रति निमित्तकारण किसने माना है- "सर्वाधारः कालः सर्वकार्यनिमित्तकारणञ्च" ?

उत्तर - तर्कसंग्रह की दीपिका टीका में अन्नम्भट्ट ने ।

प्रश्न -  'समस्त जन्य वस्तुओं का जनक और सम्पूर्ण विश्व का आश्रय ही काल है।' यह किसका कथन है ?

उत्तर - विश्वनाथ।

प्रश्न - 'काल' को ईश्वर की सम्पृक्त शक्ति कहकर कौन परिभाषित करते हैं ?

उत्तर - शैव शाक्त और आगम ।

प्रश्न - कौन सा दर्शन काल की अतीत और अनागत सत्ता को मान्यता प्रदान करता है, वर्तमान को नहीं ?

उत्तर - न्यायदर्शन 

प्रश्न - दिक् (दिशा) का क्या लक्षण है ?

उत्तर - 'प्राच्यादिव्यवहारहेतुर्दिक्'(प्राची आदि व्यवहार का कारण ही दिक् या दिशा है और वह एक सर्वव्यापक एवं नित्य है।

प्रश्न - दिक् के दस औपाधिक भेदों का किसने निरूपण किया है ?

उत्तर - प्रशस्तपाद ने।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट दिशा को क्या मानते हैं ?

उत्तर - एक सर्वव्यापक एवं नित्य ।

प्रश्न - वैशेषिक दर्शन दिक् को किस प्रमाण द्वारा स्वीकार करता है ?

उत्तर - अनुमान प्रमाण द्वारा।

प्रश्न - कैसे प्रत्येक कार्य के प्रति दिक् और काल निमित्तकारण  होता है ?

उत्तर -  विशिष्ट समय एवं किसी विशेष प्रदेश में उत्पन्न होने के कारण।

प्रश्न - दिशा द्रव्य में कितने गुणों की परिकल्पना की गयी है ?

उत्तर - पाँच(5) - संख्या, परिमाण, पृथक्त्व, संयोग, और विभाग।

प्रश्न - दिक् का विशेष गुण क्या है ?

उत्तर - कोई नहीं।

प्रश्न - दिक् किसका समवायिकारण है ?

उत्तर - किसी का नहीं.

प्रश्न - दिक् का सम्बन्ध किससे होता है ?

उत्तर -  मन से।

प्रश्न - दिक् किसके अनुभव पर आधारित है ?

उत्तर - प्रमाता के ।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!