वैशेषिक दर्शन प्रश्नोत्तरी भाग 2 प्रमुख आचार्यों का परिचय

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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Important question answer of vaisheshik darshan
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प्रश्न - आचार्य शिवादित्य मिश्र का समय क्या है ?

उत्तर -  975 ई0 से 1025 ई0 के मध्य ।

प्रश्न - वल्लभाचार्य कहाँ के निवासी हैं ?

उत्तर -  मिथिला के ।

प्रश्न - वल्लभाचार्य का समय क्या है ?

उत्तर -  12 वीं शताब्दी । 

प्रश्न -  न्यायलीलावती ग्रन्थ के रचनाकार कौन हैं ?

उत्तर -  वल्लभाचार्य ।

प्रश्न - न्यायलीलावती ग्रन्थ की टीकाओं के नाम बताओ ?

उत्तर - 

        टीकाकार                    टीका                 समय 

पं. वर्धमानोपाध्याय               प्रकाश               1250ई.      

पक्षधर मिश्र                          विवेक                1275ई. 

शङ्कर मिश्र                           कण्ठाभरण         1450 ई.                    

अभिनव वाचस्पति                वर्धमानेन्दु           1450 ई.

 रघुनाथ शिरोमणि                  विभूति               1547 ई.

 मथुरानाथ तर्कवागीश            रहस्य                 1580 ई.

 श्रीरामकृष्णभट्टाचार्य              प्रकाश               1570 ई.

प्रश्न - अन्नम्भट्ट के पिता कौन थे ?

उत्तर -  सोमयाजी तिरुमलाचार्य।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट का जन्म कहाँ हुआ था ?

उत्तर -  आन्ध्रप्रदेश के गरिकापाद नामक स्थान पर । कुछ विद्वान् कर्नाटक देशीय ।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट किस जाति के थे ?

उत्तर -   तैलङ्ग ब्राह्मण ।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट का समय क्या है ?

उत्तर -   17 वीं शताब्दी ।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट के अग्रज का क्या नाम था ?

उत्तर -  रामकृष्णभट्ट ।

प्रश्न - अन्नम्भट्टगोत्रीय ऋग्वेदीय ब्राह्मण आजकल कहाँ पाए जाते हैं ?

उत्तर -  कृष्णा नदी के तट पर चित्तूर के समीप के रावपुर गाँव में।

प्रश्न - काशीगमनमात्रेण नान्नम्भट्टायते द्विज: अर्थात् काशी में जाने मात्र से ही कोई अन्नम्भट्ट नहीं बन जाता - यह किसके विषय में कहा गया है ?

उत्तर -  अन्नम्भट्ट के विषय में ।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट किस विषय के प्रकाण्ड विद्वान् थे ?

उत्तर -  न्याय एवं वैशेषिक के।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट की रचनाओं के नाम बताओ ?

उत्तर -   1. तर्कसंग्रह (न्याय वैशेषिक का प्रकरण ग्रन्थ), 

             2. दीपिका टीका (तर्कसंग्रह के ऊपर लिखी गयी टीका), 

             3. जयदेव के तत्त्वचिन्तामण्यालोक ग्रन्थ पर 'सिद्धाञ्जन' टीका, 

             4. ब्रह्मसूत्र पर 'मिताक्षरा' टीका, 

             5. उदयनाचार्य विरचित न्यायपरिशिष्ट पर 'प्रकाश' टीका, 

             6. तन्त्रवार्तिक पर 'सुबोधिनी सुधासार टीका, 

             7. अष्टाध्यायी पर 'मिताक्षरा' टीका, 

             8. कात्यायन के शुक्लयजुर्वेदप्रातिशाख्य पर भाष्य ।

प्रश्न - अन्नम्भट्ट विरचित तर्कसंग्रह दार्शनिक दृष्टि से किस दर्शन पर आधारित ग्रन्थ है ?

उत्तर -   वैशेषिक-प्रधान प्रकरणग्रन्थ ।

प्रश्न - 'बालगादाधरी' किसे कहा जाता है ?

उत्तर -  अन्नम्भट्ट की कृति तर्कसंग्रह ।

प्रश्न - तर्कसंग्रह की दीपिका टीका के रचनाकार का नाम बताओ ?

उत्तर -  अन्नम्भट्ट ।

प्रश्न -  तर्कसंग्रह का मङ्गलाचरण क्या है ?

उत्तर -  निधाय हृदि विश्वेशं विधाय गुरुवन्दनम्। 

            बालानां सुखबोधाय क्रियते तर्कसंग्रहः ॥

    अर्थात् विश्व के स्वामी अर्थात् भगवान् शिव को हृदय में रखकर तथा गुरु की वन्दना करके बालकों को सुखपूर्वक  ज्ञान कराने के लिए मेरे अन्नम्भट्ट के द्वारा तर्कसंग्रह की रचना की जा रही है।

प्रश्न - तर्कसंग्रह में किस प्रकार का मंगलाचरण किया गया है ?

उत्तर -  नमस्कारात्मक मङ्गलाचरण के साथ-साथ वस्तुनिर्देश भी किया गया है।

प्रश्न - अनुबन्ध चतुष्टय क्या है ?

उत्तर -  ‘सम्बन्धश्चाधिकारी च विषयश्च प्रयोजनम्।विनानुबन्धं ग्रन्थादौ मङ्गलं नैव शस्यते ॥ अर्थात् सम्बन्ध, अधिकारी, विषय और प्रयोजन ही अनुबन्ध चतुष्टय कहा जाता है ।

प्रश्न - तर्कसंग्रह की व्युत्पत्ति क्या है ?

उत्तर - तर्क्यन्ते प्रतिपाद्यन्ते इति तर्काः 'तर्काणां संग्रहः इति तर्कसंग्रह:' ।

प्रश्न - तर्कसंग्रह में किसका संग्रह है ?

उत्तर -  द्रव्यादि सप्त पदार्थों का प्रमाणपूर्वक संग्रह।

प्रश्न - तर्क क्या है ? 

उत्तर -  जिसके द्वारा प्रमेय पदार्थों का ज्ञान प्राप्त किया जाय, वह तर्क अथवा प्रमाण ही तर्कसंग्रह है- 'तर्क्यते अनेन इति तर्कः प्रमाणम्।'

प्रश्न - तर्कसंग्रह का अधिकारी कौन है ?

उत्तर -  तर्कसंग्रह के मंगलाचरण में ही अन्नम्भट्ट ने कहा हैं कि "बालानां सुखबोधाय क्रियते तर्कसंग्रहः " अर्थात् बच्चों के समझाने के लिए, वैशेषिकदर्शन में सहज रूप से प्रवेश कराने के लिए इस विषय के जिज्ञासु बालबुद्धि लोगों के लिए इस ग्रन्थ का प्रणयन किया जा रहा है। वही इसके अधिकारी हैं।

प्रश्न - कौन सा ग्रन्थ न्यायवैशेषिक दर्शन का प्रवेशद्वार है ?

उत्तर -  तर्कसंग्रह ।

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