पाठयेम संस्कृतम्, संस्कृत गीत

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
1

पाठयेम संस्कृतं जगति सर्वमानवान्। 

प्रापयेम भारतं सपदि परमवैभवम्।।

                     (1) 

व्यक्तियोजकत्वमेव नायकत्वलक्षणम् 

धर्मसेवकत्वमेव शास्त्रतत्त्वचिन्तनम्। 

स्नेहशक्तिशीलशौर्यदेशभक्तिभूषितम् 

साधयेम शीघ्रमेव कार्यकर्तृमण्डलम्।।

                     (2) 

हिन्दुबन्धुमेलनेन सर्वदोषनाशनम् 

उच्चनीचजातिराज्यभेदभाववारणम्। 

सामरस्य रक्षणेन शान्तिपूर्णजीवनम् 

कालयोग्यमेतदेव मोक्षदायि दर्शनम्।

                    (3) 

जीवनस्य कार्यमेव राष्ट्रकर्मसाधना  

संघशक्तिवर्धनाय दिव्यभव्ययोजना 

व्यक्तिरस्तु वर्तिकेति मामकीनभावना 

साधितास्तु माधवस्य विश्वविजयकामना।

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

thanks for a lovly feedback

एक टिप्पणी भेजें

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top