पार्थिवाराधनं पुण्यं धनमायुर्विवर्धनम्।
तुष्टिदं पुष्टिदं श्रीदं कार्यं साधक सत्तमैः ।।
भगवान शिव का पार्थिव पूजन भक्तों के पुण्य, धन, आयु, तुष्टि, पुष्टि और कीर्ति को बढ़ाने वाला तथा समस्त मनोरथों को पूर्ण करने वाला है ।
जैसा कि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं -
लिंग थापि विधिवत करि पूजा।
शिव समान प्रिय मोहि न दूजा ।।
शिवजी का आराधन पार्थिव लिंग पूजन के द्वारा करना चाहिए ।
रुद्राभिषेक विभिन्न द्रव्यों द्वारा होता है जिसके विषय में हम आगे चर्चा कर रहे हैं -
रुद्राभिषेक में प्रयोग होने वाले द्रव्य व उनके लाभ
- जल से रुद्राभिषेक करनेपर वृष्टि होती है
- व्याधि (रोग) की शान्ति के लिये कुशोदक से अभिषेक करना चाहिये।
- पशु प्राप्ति के लिये दही, लक्ष्मी की प्राप्ति के लिये इक्षुरस (गन्ने का रस ) अभिषेक करना चाहिये।
- धन प्राप्ति के लिये मधु तथा घृत, मोक्ष प्राप्ति के लिये तीर्थ के जल से अभिषेक करना चाहिये।
- पुत्र की प्राप्ति करने के लिये दूध द्वारा अभिषेक करना चाहिये।
- वन्ध्या, काकवन्ध्या (मात्र एक संतान उत्पन्न करने वाली) अथवा मृतवत्सा स्त्री (जिसकी संतान उत्पन्न होते ही मर जाय या जो मृत संतान उत्पन्न करे) गोदुग्ध के द्वारा अभिषेक करने पर शीघ्र ही पुत्र प्राप्त करती है।
- जलकी धारा भगवान् शिवको अति प्रिय है। अतः ज्वर (बुखार) के कोप को शान्त करने के लिये जलधारा से अभिषेक करना चाहिये।
- एक हजार मन्त्रों सहित घृतकी धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंशका विस्तार होता है, इसमें संशय नहीं है।
- प्रमेह रोग के विनाश के लिये विशेषरूप से केवल दूध की धारा से अभिषेक करना चाहिये, इससे मनोभिलषित कामना की पूर्ति भी होती है।
- बुद्धि की जड़ता को दूर करनेके लिये शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करना चाहिये।
- सरसों के तेल से अभिषेक करनेपर शत्रुका विनाश हो जाता है
- पापक्षय की इच्छा वाले को मधु (शहद) से अभिषेक करना चाहिये।
उपर्युक्त द्रव्यों से पार्थिवलिग का अभिषेक करने पर भगवान् शिव अत्यन्त प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। अतः भक्तों को यजुर्वेदविहित विधान से रुद्रों का अभिषेक करना चाहिये।
प्रिय भक्तगण....
श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन अर्चन और अभिषेक विशेष फलदायक है। दिनांक 4 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से 31 अगस्त 2023 दिन गुरुवार पर्यन्त श्रावणमास लग रहा है।
इस वर्ष श्रावण मास में ही अधिक मास (मलमास या पुरुषोत्तम मास) 18 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से 16 अगस्त 2023 दिन बुधवार तक होगा, जिसे अधिक श्रावण मास भी कहते हैं। श्रावण मास में भगवान शिव का पार्थिव पूजन व अभिषेक अन्य मास से अधिक पुण्य फलदायी है।
अतः आप सभी शिवभक्त रुद्राभिषेक शिवार्चन करने हेतु शीघ्र सम्पर्क करें।
आचार्य सूरज कृष्ण शास्त्री
संपर्क सूत्र - 7376572355
Bahut hi upyogi post
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