The Kerala Story

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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The Kerala Story

जिन लोगों ने केरला स्टोरी नही देखी उन के लिए फिल्म की कहानी खोलना तो नही चाहता था लेकिन फिर भी कुछ प्वाइंट डिस्कस करना चाहता हूं ।

 शालिनी उन्नीकृष्णन नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेती है जहां उसकी रूम मेट होती हैं गीतांजलि , नीमा मैथ्यूज और आसिफा ।

 शालिनी एक धार्मिक परिवार से है जिसके परिवार में मां और दादी है।

  गीतू के पिता एक communist है तो नास्तिक होने के कारण किसी भगवान को नहीं मानते , वही प्रभाव गीतू पर भी है ।

 नीमा एक क्रिश्चियन लड़की है और उसका जीसस पर पूरा विश्वास है ।

  जबकि दोनो हिंदू लड़कियों को अपने धर्म के बारे में कुछ भी नही पता ।

 हमारे धर्म में क्या क्या अच्छा है और हर चीज के पीछे क्या लॉजिक है , इस बारे में इन्हे किसी ने नहीं बताया और इसी का फायदा उठाती है आसिफा जिसका काम है लड़कियों को बहला फुसला कर अपने मजहब में ले के आना ।

 वो कहती है कि तुम्हारा एक भगवान हर किसी के साथ रास लीला करता फिरता है , एक भगवान इतना कमजोर है कि उसकी बीवी को एक राक्षस उठा के ले जाता है और उसे बंदरों की मदद लेनी पड़ती है , और तुम उन बंदरों को भी पूजते हो ।

 वो कहती है कि तुम्हारा एक भगवान शिव अपनी मरी हुई बीवी के शव को लेके हर जगह घूमता है ।

 जब आसिफा ये सब विष वमन कर रही होती है तो दोनो हिंदू लड़कियों के पास इन सब बातों का कोई जवाब नही होता ।

और मेरा मानना है कि आज भी बहुत सारी लड़कियों को अपने धर्म के विषय में कुछ नही पता ।

इसी लिए उन्हें अपने धर्म से विमुख करना बहुत आसान हो जाता है ।

  इसके विपरीत जब आसिफा जीसस के विषय में गलत टिप्पणी करती है तो नीमा उसका विरोध करती है ।

  एक दृश्य ये है कि जब चारों खाना खाती है तो नीमा प्रेयर करती है , आसिफा भी अल्ला ह को याद करती है पर शालिनी और गीतू कुछ नही करती ।

  आसिफा कहती है कि तुम लोग खाना खाने से पहले प्रेयर नही करते , शालिनी कहती है कि घर में अम्मा कुछ श्लोक तो पढ़ती है पर मुझे इस बारे में कुछ नही पता ।

 आसिफा और नीमा कहती है कि हम तो खाने से पहले अपने गॉड को धन्यवाद कहते हैं ।

 ये सीन देखते हुए ऐसा लग रहा था कि किसी ने हमारे मुंह पर कस के तमाचा मार दिया हो ।

 जिन वृक्षों की जड़े कमजोर होती हैं वो जल्दी उखड़ते हैं ।

आज कल का दुर्भाग्य ये है कि हमारी बेटियां और परिवार आधुनिकता की दौड़ में कुछ हद तक धर्म से विमुख हुए है ये एक सच्चाई है ।

 हम चाहे कितना भी आधुनिक हो पर अपनी जड़ों से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है ।

  इसलिए अपने धर्म , संस्कृति , रीति रिवाज , देवी देवताओं के बारे में परिवार में सभी को ज्ञान होना ही चाहिए ।

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