सेंगोल(Sengol) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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चोल_साम्राज्य
चोल साम्राज्य

  • "सेंगोल" का सम्बन्ध 850-887 ई. के चोल वंश से है।
  • "सेंगोल" शब्द तमिल भाषा के सेम्मई शब्द से बना है।
  • "सेंगोल" का अर्थ है - नीतिपरायणता
  • "सेंगोल" को राजदण्ड भी कहा जाता है।
  • "सेंगोल" सत्ता हस्तान्तरण का प्रतीक है।
  • यह सच्चाई, धर्म और निष्ठा का भी प्रतीक है।
  • "शिल्पथिकारम्" और "मणिमेखलम्" नामक तमिल महाकाव्यों में सेंगोल की चर्चा है।
  • "तिरुक्कुरल" काव्य में सेंगोल के ऊपर पूरा अध्याय लिखा गया है।
  • सेंगोल दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित मन्दिर "तिरुवदुथुराई अधीनम्" के संरक्षण में निर्मित हुआ ।
  • सेंगोल का निर्माण "श्री वुम्मिडी बंगारु एथिराजुलु नामक स्वर्णकार" ने किया।
  • सेंगोल चाँदी और स्वर्ण धातु से निर्मित किया गया है।
  • सेंगोल के भीतरी भाग को चाँदी से निर्मित किया गया है एवं ऊपर सोने का परत चढ़ाया गया है।
  • सेंगोल का आकार 5 फिट लम्बा तथा 2 इंच मोटा है।
  • सेंगोल को बनाने में 8 दिन का समय लगा।
  • सेंगोल को बनाने में उस समय 15000 रू. लगे थे।
  • सेंगोल के शीर्ष पर नन्दी विराजमान हैं।
  • नन्दी न्याय और शक्ति के प्रतीक हैं।
  • सेंगोल भारत की आजादी का प्रतीक है।
  • आजादी के समय सेंगोल को लार्ड माउण्टवेटन ने कुमारास्वामी के माध्यम से पं. जवाहरलाल नेहरू को प्रदान किया। 

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javwaharlal nehru with sengol

  • बी. आर. सुब्रहमण्यम् की किताब में सेंगोल का वर्णन किया गया है।
  • आधुनिक समय में प्रयागराज के संग्रहालय में सेंगोल पाया गया। जहाँ पर सेंगोल को नेहरू की सुनहरी छड़ी बताया गया जोकि गलत तथ्य था।
  • आधुनिक समय में सेंगोल की चर्चा तमिलनाडु में प्रारम्भ हुई।
  • तमिल पत्रिका तुगलक के लेख में इसकी चर्चा की गई।
  • पद्मा सुब्रहमण्यम् नामक नृत्यांगना ने प्रधानमंन्त्री मोदी को पत्र लिखकर इसके महत्व को पुनर्स्थापित करने की बात कही।
  • अब यह सेंगोल 28 मई 2023 को भारत के नये संसद भवन में स्थापित किया जायेगा।
  • यह सेंगोल स्पीकर की कुर्सी के पास स्थापित किया जायेगा।

सेंगोल
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