एक तोता

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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  बहुत समय पहले की बात है। एक राजा था और उसके तीन बेटे थे राजा बहुत ही बूढ़ा हो गया था और वह यही चाह रहा था की कोई उसके गददी को सभाल ले*

 एक दिन राजा ने अपने तीनो बेटो को बुलाकर बोला आज मैं तुम लोगो को एक काम के लिए बुलाया हु , सब लोगो को अपना काम बहुत ही ईमानदारी से करना होगा राजा के तीनो बेटे संकट में पड गए की अब क्या होगा मेरा , लेकिन जैसे ही राजा ने बोलना सुरु किया सब लोग चुप हो गए।

 राजा ने अपने तीनो बेटो का इम्तहान लेना चाहता था और उसने अपने पहले बेटे से पूछा अगर आप को किसी अपराधी को सजा देने को कहा जाये तो आप क्या दोगे । पहले ने बोला मैं तो जेल में डाल दूंगा , फिर दूसरे ने बोला मैं तो फांसी दे दूंगा।  फिर क्या था राजा ने अपने तीसरे बेटे से भी यही पूछा तीसरा बेटा बहुत ही चालक था और बोला पिता जी मैं आप को कुछ बताने से पहले एक कहानी सुनाना चाहता हूँ।

  राजा ने कहा ठीक है । तीसरे लड़के ने बोला एक बहुत ही अमीर राजा था और उसने एक तोता पाल रखा था और वह तोता से बहुत प्यार करता था। एक पल भी उसके बिना जी नहीं पता था। एक दिन की बात है तोता बहुत ही जिद करने लगा और बोला मैं अपनी माँ से मिलना चाहता हूँ ।

  तोते की इस बात को बार बार सुनकर राजा ने उसको जाने के लिए बोला और साथ में यह भी बोला सिर्फ एक सफ्ताह में वह लौट कर वापस आ जाये तभी तोता बहुत ही खुश हुवा और बोला राजा आप बहुत ही अच्छे है मैं जल्दी से वापस आ जाऊंगा।

 तोता अपनी माँ के पास पहुंच गया और बोला माँ राजा जी बहुत ही अच्छे है मैं उनका यह एहसान कभी भी नहीं भूलूंगा।

 जब तोते को वापस आने का समय हुआ तो उसने सोचा क्यों न राजा जी के लिए कुछ उपहार लेकर जाऊँ।  वह जंगल में एक ऐसा आम का पेड़ था जिसके फल खा कर कोई भी इंसान जवान और अमर हो जाता था उसने सोचा क्यों न मैं राजा जी के लिए यही लेकर जाऊँ ।

  तोता जब वह फल लेकर लौट रहा था तब रास्ते में काफी रात हो गई और वह फल को नीचे रखकर सो गया। जब वह सो गया तो एक साप ने उस आम को खा लिया और वह आम जहरीला हो गया।

 तोता जब सुबह सो कर उठा तो आम को लेकर राजा के पास गया और बोला महराज मैं आप के लिए एक ऐसा फल लाया हूँ , जिसको खा कर आप जवान और अमर हो जायेंगे।

 राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और बोला पहले इस फल को अपने पालतू कुत्ते को थोड़ा खिला कर देखो कुत्ता जैसे ही उस फल को खाया वह मर गया ।

 यह देख राजा को गुस्सा आ गया और उसने तोते की बात सुने बिना ही उसका सर काट दिया। राजा ने उस फल को बहार फेकवा दिया ।

  समय बीतता गया और एक दिन उस फल से एक पेड़ तैयार हो गया।  जब राजा को इस बात का पता चला तो राजा ने सबसे बोला वह पेड़ जहरीला है और कोई भी इसका फल नहीं खायेगा। राजा की इस बात को सुनकर कोई भी उस पेड़ के पास भी नहीं जाता था ।

  एक दिन एक बूढ़ा आदमी जो की उस पेड़ के बारे में बिलकुल भी नहीं जानता था , वह उस पेड़ के फल को खा लिया और देखते ही देखते वह जवान हो गया और उसने यह बात राजा को बताया और इस बार राजा ने फिर वही किया और इस बार राजा के दरबार का मंत्री जवान और अमर हो गया अब क्या था राजा अपने तोते को याद करके रोने लगा और उसको बहुत ही अफ़सोस होने लगा।

 यह कहानी सुनकर राजा ने कहा फिर तुम क्या करोगे फिर छोटे बेटे ने बोला पहले मैं उसका गुनाह देखूंगा और उसके बाद सजा के बारे में सोचूंगा। अपने बेटे के इस बात को सुनकर राजा ने उसको ही अपने राज्य का राजा बना दिया।

हम लोगो को यही सीख मिलता है की कोई भी निर्णय सोच – समझ कर लेना चाहिए ।

            

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