सूर्योदयास्त साधन

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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सूर्योदयास्त साधन में सर्वप्रथम अयनांश ज्ञात करेंगे इस के लिए “विश्व सायन लग्न सारिणी “ का उपयोग करेंगे इस में अयनांश साधन सारिणी भाग-१ में प्रत्येक माह की एक तारीख के अयनांश दिए है इस से माह की एक तारीख के अयनांश लेकर उस में सारिणी भाग-२ से अभीष्ट तारीख का विकलात्मक मान जोड़ देंगे तो अभीष्ट दिन के धुननसंस्कार युक्त अयनांश होंगे |

उदाहरण :- दिनांक १७-१२-२०१६ लेते है

विश्व सायन लग्न सारिणी के पृष्ठ ४९ से १-१२-२०१६ के अयनांश २४|०५|३१ पृष्ठ ६१ से १७ तारीख का मान २ विकला = २४|०५|३३ अभीष्ट दिन के धुनन संस्कार युक्त अयनांश हुवे |

पंचांग से प्रातः का सुर्यस्पष्ट लेकर इस में ये अयनांश जोड़ देंगे तो सायन सूर्य होगा | सायन सूर्य में कला के स्थान में ३० या ३० से अधिक हो तो अंश में १ जोड़ देंगे कम हो तो यथावत रखेंगे बाद में इन राशि व् अंश की सहायता से विश्व “दिनमान सारिणी” जो की अभीष्ट स्थान की हो उस से मान लेंगे या उस के पास की दिनमान सारिणी से मान लेंगे तो यही दिनमान होगा |

दिनांक १७-१२-२०१६ को प्रातः का सुर्यस्पष्ट “श्री भादवामाता पंचांग” में से लेते है

८|०१|२२|४८ + २४|०५|३३ = ८|२५|२८|२१सायन सूर्य हुवा या ८ राशि २५ अंश

माना देल्ही का गणित करना है तो देल्ही के अक्षांश २८|३८ स्टेंडर्ड अंतर २०|५२ है दिनांक १७-१२-२०१६ को बेलांतर -३|५२ है |

“विश्व दिनमान सारिणी” में २८|३८ के पास की सारिणी २८|४० की होने से इस का उपयोग करते है |

उपरके सायन सूर्य ८|२५ लिया है राशि ८ व अंश २५ को इस सारिणी में मिलाया तो दिनमान २५|२७|२२ हुवा |

दिनमान को ६० मेसे घटाने पर रात्रिमान होगा रात्रिमान में ५ का भाग लगाने पर लोकल सूर्योदय प्राप्त होगा इस को १२ मेसे घटाने पर लोकला सूर्यास्त होगा | परन्तु रात्रिमान में ५ का भाग लगाने की बजाय दिनमान में लगा दिया तो लोकल सूर्यास्त प्राप्त होगा इस को १२ मेसे घटाने पर लोकल सूर्योदय प्राप्त होगा |

६०-२५|२७|२२ = ३४|३२|३८ भागित ५ = ६|५४|३२ लोकल सूर्योदय

१२-६|५४|३२ =५|०५|२८ लोकल सूर्यास्त

पुनः दिनमान २५|२७|२२ भागित ५ = ५|०५|२८ लोकल सूर्यास्त

१२-५|०५|२८ = ६|५४|३२ लोकल सूर्योदय

इन में स्टेंडर्ड अंतर जोड़ेंगे तो ये मध्यम हो जावेंगे

लोकल सूर्योदय ६|५४|३२ + २०|५२ = ७|१५|२४ मध्यम सूर्योदय

लोकल सूर्यास्त ५|०५|२८ + २०|५२ = ५|२६|२० मध्यम सूर्यास्त

मध्यम सूर्योदय ७|१५|२४ – बेलांतर ३|५९ = ७|११|२५ स्पष्ट स्टेंडर्ड टाइम में सूर्योदय

मध्यम सूर्यास्त ५|२६|२० – बेलांतर ३|५९ ५|२२|२१ स्पष्ट स्टेंडर्ड टाइम में सूर्यास्त

माना जन्म समय देल्ही में दिन में ३|४० का है तो या रेलवे के अनुसार जन्म समय १५|४० होगा |

जन्म समय में से सूर्योदय घटाकर अंतर में ५ का गुणाकर २ का भाग लगावेंगे तो यही इष्ट घटी होगी |

जन्म समय १५|४० – ७|११|२५ = ८|२८|३५

८|२८|३५ गुणित ५ = ४०|१४०|१७५ भागित २ = २०|७०|८८ = २१|११|२८ यही इष्ट घटी हुई |

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