प्रथम अध्याय- एक पान देशी घी में भिगोकर 1 कमलगट्टा, 1 सुपारी, 2 लौंग, 2 छोटी इलायची, गुग्गुल, शहद यह सब चीजें सुरवा में रखकर खडे होकर आहुति ...
प्रथम अध्याय- एक पान देशी घी में भिगोकर 1 कमलगट्टा, 1 सुपारी, 2 लौंग, 2 छोटी इलायची, गुग्गुल, शहद यह सब चीजें सुरवा में रखकर खडे होकर आहुति देना ।
द्वितीय अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, गुग्गुल विशेष
तृतीय अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार श्लोक सं. 38 शहद चतुर्थ अध्याय-प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक सं. 1 से 11 मिश्री व खीर विशेष,
चतुर्थ अध्याय- मंत्र संख्या 24 से 27 तक इन 4 मंत्रों की आहुति नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देह नाश होता है। इस कारण इन चार मंत्रों के स्थान पर ओंम नमः चण्डिकायै स्वाहा' बोलकर आहुति देना तथा मंत्रों का केवल पाठ करना चाहिए इनका पाठ करने से सब प्रकार का भय नष्ट हो जाता है।
पंचम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक सं. 9 मंत्र कपूर, पुष्प, व ऋतुफल ही है।
षष्टम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक सं. 23 भोजपत्र ।
सप्तम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार श्लोक सं. 10 दो जायफल श्लोक संख्या 19 में सफेद चन्दन श्लोक संख्या 27 में इन्द्र जौं ।
अष्टम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार श्लोक संख्या 54 एवं 62 लाल चंदन।
नवम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या श्लोक संख्या 37 में 1 बेलफल 40 में गन्ना ।
दशम अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या 5 में समुन्द्र झाग 31 में कत्था।
एकादश अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या 2 से 23 तक पुष्प व खीर श्लोक संख्या 29 में गिलोय 31 में भोज पत्र 39 में पीली सरसों 42 में माखन मिश्री 44 में अनार व अनार का फूल श्लोक संख्या 49 में पालक श्लोक संख्या 54 एवं 55 में फूल चावल और सामग्री ।
द्वादश अध्याय- प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या 10 में नीबू काटकर रोली लगाकर और पेठा श्लोक संख्या 13 में काली मिर्च श्लोक संख्या 16 में बाल- खाल श्लोक संख्या 18 में कुशा श्लोक संख्या 19 में जायफल और कमल गट्टा श्लोक संख्या 20 में ऋीतु फल, फूल, चावल और चन्दन श्लोक संख्या 21 पर हलवा और पुरी श्लोक संख्या 40 पर कमल गट्टा, मखाने और बादाम श्लोक संख्या 41 पर इत्र, फूल और चावल ।
त्रयोदश अध्याय - प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या 27 से 29 तक फल व फूल।
सप्तशती हवन में महाहुति
सप्तशती हवन विशेष सप्तशती के प्रतिश्लोक से हवन करने वालों के लिए एक विशेषता है कि प्रति अध्याय के अंत में एक महाहुति होती है। इसमें कुछ विशेष हवन सामग्री भी लगती है जो श्रद्धालु सम्पूर्ण सप्तशती से हवन करना चाहें पूर्णाहुति से पहले ही करें और प्रत्येक अध्याय के अंत में निम्न प्रकार से महाहुति भी दें -
प्रथम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा-1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, मधु ।
मन्त्र - ॐ सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै ऐं बीजाधिष्ठात्र्यै महाकालिकायै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
द्वितीय अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग-2, इलायची, गुग्गल, मधु ।
मन्त्र - ॐ सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनाये अष्टाविंशति वर्णात्मिकायै लक्ष्मी बीजाधिष्ठायै श्री महालक्ष्मी भुवनेश्वरी देवतायै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
तृतीय अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग-2, इलायची, गुग्गल, मधु ।
मन्त्र - ॐ ह्रीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै अष्टाविंशति वर्णात्मिकायै लक्ष्मी बीजाधिष्ठात्र्यै श्री महालक्ष्म्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
चतुर्थ अध्याय-
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, मिश्री, खीर, बेल का गुदा ।
मन्त्र - ॐ ह्रीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवाराये सवाहनायै अष्टाविंशति वर्णात्मिकायै लक्ष्मी बीजाधिष्ठायै श्री महालक्ष्म्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
पंचम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी-1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, मिश्री, कपूर, फूल-फल ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगाये सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनाये धूम्राक्ष्यै विष्णुमायादि चतुविंशद्देताभ्यो महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
षष्ठ अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी-1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, भोजपत्र, कुम्हर का टुकड़ा ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगाये सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवाराये सवाहनायै शतास्ये श्री धूम्राक्षी देवतायै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
सप्तम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, जायफल, कुम्हर का टुकड़ा ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै कर्पूर बीजाधिष्ठात्र्यै काली चामुण्डा देव्यै महादुर्ति समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
अष्टम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, रक्तचन्दन, मधु ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै अष्टमातृ सहितायै रक्तावयै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
नवम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, बेल का गुदा, ईख का टुकड़ा ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै भैरव्यै तारादेव्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
दशम अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, बेल का गुदा, बिजौड़ा नींबू
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सिंहवाहनायै शूलपाशधारिण्यै अम्बिका भैरवी देव्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
एकादश अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, खीर, फुल, अनाड़, शक्कड़, कर्पूर
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै लक्ष्मी बीजाविष्टायै गरुड़ वाहिन्यै नारायणी देव्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
द्वादश अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग-2, इलायची, गुग्गल, केला व ऋतुफल, खीर, कस्तूरी ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवारायै सवाहनायै वरप्रदायै वैष्णवीदेव्यै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
त्रयोदश अध्याय -
सामग्री - पान, शाकल्य, कमलगट्टा - 1, सुपारी - 1, लौंग - 2, इलायची, गुग्गल, उजला फूल, फल, शमीपत्र ।
मन्त्र - ॐ क्लीं जयन्ती सांगायै सायुधायै सशक्तिकायै सपरिवाराये सवाहनाये श्री विद्यायै महाहुतिं समर्पयामि नमः स्वाहा ॥
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