आज मेरे श्याम की शादी है
श्याम की शादी है, मेरे घनश्याम की शादी है
आज मेरे श्याम की शादी है।
(1)
बनी है खूब जोड़ी, कृष्ण रुक्मणि की जोड़ी
ख़ुशी से नाचे है मन,
मिला सजनी को साजन
हो ओ,,, आज मुझे यह लगता है, ब्रह्माण्ड की शादी है
आज मेरे श्याम की शादी है।
(2)
रुक्मणी यूँ मुस्कावे, मुझे कान्हा मिल जावे,
मेरी थी यही तमन्ना,
पूरी मेरी हुई तमन्ना
हो ओ आज मुझे यह लगता है, ब्रह्माण्ड की शादी है
आज मेरे श्याम की शादी है।
(3)
बड़ा शुभ लग्न महूर्त, श्याम की सुंदर मूरत
कैसे संयोग बने हैं, रुक्मणी श्याम मिले हैं
हो ओ,,, लगता है जैसे सारे, ब्रजधाम की शादी है
आज मेरे श्याम की शादी है।
(4)
मोर का मुकट निराला, गले वैजन्ती माला
चाँद सा रूप है इनका, बड़ा सुंदर नंदलाला
हो ओ,,, जनक नंदनी से जैसे, श्री राम की शादी है
आज मेरे श्याम की शादी है,,,,,,,,,,,,
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