तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय | ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएं ||

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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 तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय |

ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएं ||


एक नदी के तट पर एक गाँव बसा हुआ था, जहाँ कई परिवार हंसी खुशी के साथ रहते थे, एक बार बरसात में नदी में बाढ़ आ गई, और बाढ़ का पानी गाँव में घुसने लगा |

गाँव के लोगों ने गाँव छोड़कर किसी ऊँचे स्थान पर शरण लेने का फैसला किया, और सारे लोग अपनी जरूरत और कीमती सामान लेकर गाँव से जाने लगे |

उस गाँव में एक व्यक्ति रहते थे जिनका आलीशान दो मंजिला मकान था, वह गाँव छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं हुए, गाँव वालों ने उन्हें समझाया किंतु वह जिद पर अड़े रहे और कहने लगे- आप लोगों को ईश्वर पर भरोसा नहीं है, जबकि मैं ईश्वर पर पूरा विश्वास करता हूँ, ईश्वर मुझे यहाँ भी सुरक्षित रखेंगे |

थक हार कर गाँव वाले उन्हें छोड़कर चले गए, कुछ समय बाद प्रशासन की एक जीप गाँव में आई यह देखने के लिए कि अभी भी कोई गाँव में रह गया हो तो उसे निकाल लिया जाए, उन्होंने देखा कि एक मकान के बरामदे में एक व्यक्ति खड़ा है, उसे देखकर सरकारी अधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी बढ़ते जा रहा है, आप आइये हम आपको सुरक्षित स्थान पर ले चलेंगे |

व्यक्ति ने कहा- आप लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद, लेकिन मैं यहाँ से कहीं नहीं जाऊँगा, क्योंकि मुझे अपने ईश्वर पर पूरा भरोसा है | 

सरकारी अधिकारी वहाँ से चले गए, बाढ़ का पानी और बढ़ गया और घरों में घुसने लगा, यह देखकर वह व्यक्ति अपने घर की पहली मंजिल की बाल्कनी में चले गए और बाढ़ को देखने लगे, तभी उधर से एक नाव पर सवार कुछ लोग आते दिखे, नाव वालों ने भी उन्हें देख लिया तो नाव को उनके मकान के पास ले गए और कहा कि आप जल्दी से नौका में सवार हो जाइये, क्योंकि बाढ़ का पानी और बढ़ने वाला है, हम आपको भी सुरक्षित स्थान पर पहुँचा देंगे |

उस व्यक्ति ने उनसे कहा- आप लोगों को बहुत बहुत धन्यवाद, परंतु आप लोग जाइये, मैं कहीं नहीं जाऊँगा, क्योंकि मुझे ईश्वर पर पूरा विश्वास है, वह अवश्य मेरी रक्षा करेंगे |

थक हार कर नाव वाले चले गए, और बाढ़ का पानी तेजी से बढ़कर मकान की पहली मंजिल तक पहुँच गया, यह देखकर वह व्यक्ति अपने दोमंजिले मकान के छत पर चढ़ गया | तभी उधर से एक हैलीकॉप्टर पर प्रशासनिक अधिकारी जो बाढ़ का जायजा लेने आये थे, उन लोगों ने देखा कि मकान की छत पर कोई व्यक्ति खड़ा है तो , हैलीकॉप्टर को उसके नजदीक ले जाकर उसे हैलीकॉप्टर में सवार होने के लिए कहा, 

किंतु उस व्यक्ति ने उन लोगों से कहा कि आप लोग जाइये, मेरी चिंता छोड़ दीजिये, मुझे तो ईश्वर पर पूरा विश्वास है, वह मुझे सुरक्षित रखेंगे |

थक हार कर हैलीकॉप्टर वाले वहाँ से चले गए, तब तक बाढ़ का पानी और जोरों से आया और उस मकान के साथ साथ उस व्यक्ति की भी जल समाधि बन गई |

व्यक्ति की आत्मा को यमदूत लेकर यमराज के दरबार में पहुंचे, व्यक्ति ने यमराज से जिद किया कि मेरे स्वर्ग नर्क का फैसला बाद में करिये, पहले मुझे कुछ देर के लिए ईश्वर से मिलवा दीजिये, मुझे उनसे बहुत शिकायत है |

यमराज जी ने उस आत्मा को ईश्वर के सम्मुख प्रस्तुत किया, ईश्वर को देखते ही वह व्यक्ति कहने लगा- हे प्रभु मुझे आप पर बहुत विश्वास था, आपके भरोसे पर ही मैं अपना गाँव छोड़कर नहीं गया, लेकिन आपने मेरी रक्षा नहीं की, आपने ऐसा क्यों किया ? 

तब ईश्वर ने कहा - तुम्हारी रक्षा करने के लिए मैं चार बार तुम्हारे पास आया था, पहली बार गाँव वालों के रूप में, दूसरी बार जीप लेकर आया था, तीसरी बार नाव लेकर आया था, और चौथी बार हैलीकॉप्टर लेकर आया था, परंतु तुम तो किसी की भी सलाह मानने के लिए तैयार ही नहीं थे, यदि तुमने उनमें से किसी की सलाह मान ली होती, इस तरह बाढ़ में बहकर तुम्हारे प्राण नहीं गये होते, मैं अपने इस रुप में किसी की मदद के लिए नहीं जाता हूँ, बल्कि किसी न किसी को प्रेरित करके भेज देता हूँ |

उस व्यक्ति को अपनी भूल समझ में आ गई, लेकिन पता नहीं हम हिंदू इस बात को कब समझेंगे कि ईश्वर ने हमारी मदद के लिए ही मोदीजी और योगीजी को भेजा है, और हमें अब बंटकर मिटने की जगह एकजुट होकर मोदीजी और योगीजी का साथ देना चाहिए |

ताकि हमारा देश, हमारा धर्म और हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहें |

जय श्रीराम जय जय श्रीराम

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