सत्ताईस नक्षत्रों के सत्ताईस वृक्ष

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
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       हर नक्षत्र का एक वृक्ष होता है । कोई भी व्यक्ति अपने नक्षत्र के अनुसार वृक्ष की पूजा करके अपनें नक्षत्र को ठीक कर सकता है । यदि जन्म नक्षत्र अथवा गोचर के समय कोई नक्षत्र पीड़ित चल रहा हो तब उस नक्षत्र से संबंधित वृक्ष की पूजा करने से पीड़ा से राहत मिलती है ।

नक्षत्रों से संबंधित वृक्ष :-

1– अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष :– केला, आक, धतूरा है ।

2– भरणी नक्षत्र का वृक्ष :–केला, आंवला है ।

3– कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष :– गूलर है ।

4– रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष :– जामुन है ।

5– मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष :– खैर है ।

6– आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष :– आम, बेल है ।

7– पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष:– बांस है ।

8– पुष्य नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल है ।

9– आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष :– नाग केसर और चंदन है ।

10- मघा नक्षत्र का वृक्ष :– बड़ है ।

11- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- ढाक है ।

12- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- बड़ और पाकड़ है ।

13- हस्त नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा है ।

14- चित्रा नक्षत्र का वृक्ष :– बेल है ।

15- स्वाति नक्षत्र का वृक्ष :– अर्जुन है ।

16- विशाखा नक्षत्र का वृक्ष :– नीम है ।

17- अनुराधा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी है ।

18- ज्येष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा है ।

19- मूल नक्षत्र का वृक्ष :– राल का पेड़ है।

20- पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी/जामुन है ।

21- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– कटहल है ।

22- श्रवण नक्षत्र का वृक्ष :– आक है ।

23- धनिष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– शमी और सेमर है ।

24- शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष :– कदम्ब है ।

25- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– आम है ।

26- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल और सोनपाठा है।

27- रेवती नक्षत्र का वृक्ष :– महुआ है ।

  इनकी पूजा करने से नक्षत्रों का दोष दूर हो जाता है । प्रतिदिन इन पेडो़ के दर्शन मात्र से नक्षत्र का दोष दूर हो जाता है।

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