किसान और भगवान

SOORAJ KRISHNA SHASTRI
1

 किसान और भगवान


  एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया !

  कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाती थी। 

 एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा-

 देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती-बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो, फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा ! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा। 

 किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप चाही, तब धूप मिल गयी जब पानी चाह तब पानी मिल गया. तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी ठिकाना न रहा क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक कभी हुई ही नहीं थी । किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे उगाते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे। 

  फ़सल काटने का समय आ गया ,किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया। 

 अरे ये क्या गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था ,सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा ,प्रभु ये क्या हुआ ?

  तब परमात्मा बोले- ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया. ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए। 

 जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, जिसकी वजह से उसके अन्दर नए बीज पैदा होते हैं। 

विचारणीय

  जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता । 

  ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी के अंदर उर्जा पैदा करती हैं उसे जीने का, कुछ कर दिखाने का मकसद देती हैं।चुनौतियों में ही मनुष्य के आत्मविश्वास और धैर्य की परीक्षा होती है।

 जो इन चुनौतियों को अपने आत्मविश्वास और जूनून के साथ सामना करता है वह अवश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

thanks for a lovly feedback

एक टिप्पणी भेजें

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top